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विदेशी वकीलों और लॉ फर्म को भारत में आने की अनुमति देने के खिलाफ याचिका पर बार काउंसिल और केंद्र को नोटिस

Delhi High Court: विदेशी वकीलों और लॉ फर्म को भारत में आने की अनुमति देने के खिलाफ दायर याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Feb 9, 2024, 10:42 PM IST

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नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने भारत में विदेशी लॉ फर्म को आने की अनुमति देने के नोटिफिकेशन को चुनौती देने वाली याचिका पर बार काउंसिल ऑफ इंडिया(बीसीआई) और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है. कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने नोटिस जारी किया. मामले की अगली सुनवाई 24 अप्रैल को होगी.

याचिका आठ वकीलों ने दायर की है. याचिका में बीसीआई के 10 मार्च 2023 के नोटिफिकेशन को चुनौती दी गई है. याचिका में विदेशी वकीलों और लॉ फर्म को भारत में आकर प्रैक्टिस करने की इजाजत देने संबंधी नोटिफिकेशन का विरोध किया गया है. याचिका में कहा गया है कि बीसीआई का ये फैसला एडवोकेट्स एक्ट और एके बालाजी मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन है.

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सुप्रीम कोर्ट ने एके बालाजी के अपने फैसले में कहा है कि भले ही विदेशी लॉ फर्म और विदेशी वकील अपने मुवक्किल को भारत में सलाह दे सकते हैं लेकिन वे यहां रजिस्ट्रेशन कराकर प्रैक्टिस नहीं कर सकते. याचिका में कहा गया है कि भारत के साथ दूसरे किसी देश के ऐसा कोई समझौता भी नहीं है कि एक देश के वकील या लॉ फर्म दूसरे देश में जाकर रजिस्ट्रेशन या प्रैक्टिस कर सकते हैं.

याचिका में कहा गया है कि बीसीआई का ये फैसला वकीलों के अधिकारों का उल्लंघन है. ये फैसला संविधान के अनुच्छेद 21 का भी उल्लंघन है. याचिका में मांग की गई है कि बीसीआई के 10 मार्च 2023 के नोटिफिकेशन पर रोक लगाई जाए. बता दें कि बीसीआई का ये नोटिफिकेशन अभी भारत सरकार के गजट में प्रकाशित नहीं किया गया है.

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नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने भारत में विदेशी लॉ फर्म को आने की अनुमति देने के नोटिफिकेशन को चुनौती देने वाली याचिका पर बार काउंसिल ऑफ इंडिया(बीसीआई) और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है. कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने नोटिस जारी किया. मामले की अगली सुनवाई 24 अप्रैल को होगी.

याचिका आठ वकीलों ने दायर की है. याचिका में बीसीआई के 10 मार्च 2023 के नोटिफिकेशन को चुनौती दी गई है. याचिका में विदेशी वकीलों और लॉ फर्म को भारत में आकर प्रैक्टिस करने की इजाजत देने संबंधी नोटिफिकेशन का विरोध किया गया है. याचिका में कहा गया है कि बीसीआई का ये फैसला एडवोकेट्स एक्ट और एके बालाजी मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन है.

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सुप्रीम कोर्ट ने एके बालाजी के अपने फैसले में कहा है कि भले ही विदेशी लॉ फर्म और विदेशी वकील अपने मुवक्किल को भारत में सलाह दे सकते हैं लेकिन वे यहां रजिस्ट्रेशन कराकर प्रैक्टिस नहीं कर सकते. याचिका में कहा गया है कि भारत के साथ दूसरे किसी देश के ऐसा कोई समझौता भी नहीं है कि एक देश के वकील या लॉ फर्म दूसरे देश में जाकर रजिस्ट्रेशन या प्रैक्टिस कर सकते हैं.

याचिका में कहा गया है कि बीसीआई का ये फैसला वकीलों के अधिकारों का उल्लंघन है. ये फैसला संविधान के अनुच्छेद 21 का भी उल्लंघन है. याचिका में मांग की गई है कि बीसीआई के 10 मार्च 2023 के नोटिफिकेशन पर रोक लगाई जाए. बता दें कि बीसीआई का ये नोटिफिकेशन अभी भारत सरकार के गजट में प्रकाशित नहीं किया गया है.

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