ETV Bharat / bharat

NDA की सरकार बनते ही स्पीकर को हटाने की प्रक्रिया शुरू, अवध बिहारी चौधरी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव

Awadh Bihari Choudhary: बिहार में एनडीए की सरकार तो बन गई लेकिन आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के 'खेला बाकी है' के दावे के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अब बिहार विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी को हटाने की कोशिश में जुट गए हैं. स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी कर ली गई है.

अवध बिहारी चौधरी
अवध बिहारी चौधरी
author img

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jan 29, 2024, 8:39 AM IST

Updated : Jan 29, 2024, 9:20 AM IST

पटना: बिहार विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस जारी हुआ है. बीजेपी विधायक नंदकिशोर यादव ने अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस विधानसभा सचिव को थमा दिया है. जिसके बाद अब विधानमंडल का सत्र शुरू होने पर उनको हटाने की प्रक्रिया चलेगी.

स्पीकर पर नीतीश सरकार को अविश्वास: पटना साहिब से भारतीय जनता पार्टी के विधायक नंदकिशोर यादव ने बिहार विधानसभा के सचिव को अवध बिहारी चौधरी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है. जिसमें स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि नई सरकार के सत्ता में आने के बाद वर्तमान स्पीकर पर इस सदन को विश्वास नहीं रह गया है. इस प्रस्ताव पर जीतनराम मांझी, तारकिशोर प्रसाद और जेडीयू विधायक विनय कुमार चौधरी के भी दस्तखत हैं.

क्या है अविश्वास प्रस्ताव की प्रक्रिया?: आपको बता दें कि जिस दिन विधानसभा सचिव को नोटिस मिलता है, उसके 14 दिन में अविश्वास प्रस्ताव पर सुनवाई का प्रावधान है. ऐसी स्थिति में विधानसभा सत्र की तारीख भी बढ़ाई जाएगी. 5 फरवरी से बिहार विधानसभा का बजट सत्र शुरू होना था लेकिन बदली हुई परिस्थितियों में इस तारीख को आगे बढ़ाए जाने की संभावना है.

"हम लोगों ने विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास व्यक्त किया है और विधानसभा सचिव को इस बाबत पत्र के जरिए अनुरोध भी किया गया है. बिहार में नई सरकार बनी है, ऐसे में परंपरा के अनुसार उनको स्वत: ही पद छोड़ देना चाहिए."- नंदकिशोर यादव, विधायक, भारतीय जनता पार्टी

कैसे हटेंगे अवध बिहारी चौधरी?: अगर स्पीकर अवध बिहारी चौधरी खुद पद नहीं छोड़ते हैं तो उनको वोटिंग के माध्यम से पद से हटाने की प्रक्रिया होगी. फिलहाल 243 सदस्यीय विधानसभा में एनडीए के पास 128 विधायक हैं, जबकि महागठबंधन के पास 114 विधायक हैं. वहीं एआईएमआईएम का एक विधायक है. ऐसे में अगर क्रॉस वोटिंग नहीं हुई तो स्पीकर का हटना तय है लेकिन अगर उनके पक्ष में वोट पड़ते हैं तो इससे यह भी साफ हो जाएगा कि नीतीश सरकार के पास बहुमत नहीं है.

क्यों स्पीकर को हटाना चाहते हैं नीतीश?: दरअसल, अवध बिहारी चौधरी आरजेडी के टिकट पर चुनाव जीते हैं और महागठबंधन की सरकार बनने के बाद आरजेडी कोटे से स्पीकर बने थे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और एनडीए को लगता है कि अगर वह पद पर बने रहते हैं तो नई सरकार के लिए बहुमत साबित करना मुश्किल हो सकता है. आरजेडी लगातार दावा कर रहा है कि जेडीयू में टूट होगी और खेला होगा. ऐसे में नीतीश सरकार अवध बिहारी चौधरी को हटाकर नया स्पीकर बनाना चाहती है.

ये भी पढ़ें:

'अभी तो खेल शुरू हुआ है, 2024 में ही JDU खत्म हो जाएगी', तेजस्वी यादव का बड़ा बयान

'जनता पहली बार देख रही ऐसी पलटी मार सरकार', RJD ने पूछा- 'सम्राट चौधरी कब खोलेंगे अपना मुरैठा'

'अंतिम सांस तक सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी', लालू की बेटी की हुंकार

पटना: बिहार विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस जारी हुआ है. बीजेपी विधायक नंदकिशोर यादव ने अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस विधानसभा सचिव को थमा दिया है. जिसके बाद अब विधानमंडल का सत्र शुरू होने पर उनको हटाने की प्रक्रिया चलेगी.

स्पीकर पर नीतीश सरकार को अविश्वास: पटना साहिब से भारतीय जनता पार्टी के विधायक नंदकिशोर यादव ने बिहार विधानसभा के सचिव को अवध बिहारी चौधरी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है. जिसमें स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि नई सरकार के सत्ता में आने के बाद वर्तमान स्पीकर पर इस सदन को विश्वास नहीं रह गया है. इस प्रस्ताव पर जीतनराम मांझी, तारकिशोर प्रसाद और जेडीयू विधायक विनय कुमार चौधरी के भी दस्तखत हैं.

क्या है अविश्वास प्रस्ताव की प्रक्रिया?: आपको बता दें कि जिस दिन विधानसभा सचिव को नोटिस मिलता है, उसके 14 दिन में अविश्वास प्रस्ताव पर सुनवाई का प्रावधान है. ऐसी स्थिति में विधानसभा सत्र की तारीख भी बढ़ाई जाएगी. 5 फरवरी से बिहार विधानसभा का बजट सत्र शुरू होना था लेकिन बदली हुई परिस्थितियों में इस तारीख को आगे बढ़ाए जाने की संभावना है.

"हम लोगों ने विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास व्यक्त किया है और विधानसभा सचिव को इस बाबत पत्र के जरिए अनुरोध भी किया गया है. बिहार में नई सरकार बनी है, ऐसे में परंपरा के अनुसार उनको स्वत: ही पद छोड़ देना चाहिए."- नंदकिशोर यादव, विधायक, भारतीय जनता पार्टी

कैसे हटेंगे अवध बिहारी चौधरी?: अगर स्पीकर अवध बिहारी चौधरी खुद पद नहीं छोड़ते हैं तो उनको वोटिंग के माध्यम से पद से हटाने की प्रक्रिया होगी. फिलहाल 243 सदस्यीय विधानसभा में एनडीए के पास 128 विधायक हैं, जबकि महागठबंधन के पास 114 विधायक हैं. वहीं एआईएमआईएम का एक विधायक है. ऐसे में अगर क्रॉस वोटिंग नहीं हुई तो स्पीकर का हटना तय है लेकिन अगर उनके पक्ष में वोट पड़ते हैं तो इससे यह भी साफ हो जाएगा कि नीतीश सरकार के पास बहुमत नहीं है.

क्यों स्पीकर को हटाना चाहते हैं नीतीश?: दरअसल, अवध बिहारी चौधरी आरजेडी के टिकट पर चुनाव जीते हैं और महागठबंधन की सरकार बनने के बाद आरजेडी कोटे से स्पीकर बने थे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और एनडीए को लगता है कि अगर वह पद पर बने रहते हैं तो नई सरकार के लिए बहुमत साबित करना मुश्किल हो सकता है. आरजेडी लगातार दावा कर रहा है कि जेडीयू में टूट होगी और खेला होगा. ऐसे में नीतीश सरकार अवध बिहारी चौधरी को हटाकर नया स्पीकर बनाना चाहती है.

ये भी पढ़ें:

'अभी तो खेल शुरू हुआ है, 2024 में ही JDU खत्म हो जाएगी', तेजस्वी यादव का बड़ा बयान

'जनता पहली बार देख रही ऐसी पलटी मार सरकार', RJD ने पूछा- 'सम्राट चौधरी कब खोलेंगे अपना मुरैठा'

'अंतिम सांस तक सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी', लालू की बेटी की हुंकार

Last Updated : Jan 29, 2024, 9:20 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.