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नितिन गडकरी ने वीडियो क्लिप साझा करने पर कांग्रेस को कानूनी नोटिस भेजा, माफी की मांग - Legal Notice To Mallikarjun Kharge

Legal Notice To Congress : कांग्रेस की ओर से एक्स पर पोस्ट करने के भारत सरकार के पीआईबी फैक्ट चेक ने भी केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के वीडियो के संदर्भ में कहा है कि मंत्री के कथन 'आज किसान को फसल का दाम नहीं मिल रहा है', को कांग्रेस ने वर्तमान परिस्थितियों से जोड़कर भ्रामक वीडियो साझा किया है. पीआईबी ने कहा है कि उनका यह कथन वर्तमान सरकार के पहले के संदर्भ में है. इसी मामले में गडकरी के वकील ने कांग्रेस पार्टी को कानूनी नोटिस भी भेजा है.

Legal Notice To Congress
गडकरी की फाइल फोटो. (IANS)
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By ANI

Published : Mar 2, 2024, 7:08 AM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने 'भ्रम पैदा करने' के इरादे से सोशल मीडिया पर अपने साक्षात्कार से 19 सेकंड की क्लिप साझा करने के लिए कांग्रेस नेताओं मल्लिकार्जुन खड़गे और जयराम रमेश को कानूनी नोटिस भेजा है. गडकरी ने कांग्रेस पार्टी पर 'भ्रम, सनसनी और बदनामी पैदा करने' और पार्टी के भीतर 'दरार पैदा करने' के इरादे से साक्षात्कार के संदर्भ और अर्थ को छिपाने का आरोप लगाया है.

गडकरी के वकील बालेंदु शेखर की ओर से भेजे गए कानूनी नोटिस में कहा गया है कि एक भयावह कृत्य में मेरे मुवक्किल के साक्षात्कार को भी तोड़-मरोड़कर, विकृत किया गया है, और उपरोक्त वीडियो को आपके हैंडल 'एक्स' पर अपलोड करके प्रस्तुत किया गया है, जो निराधार और अर्थ विहीन है. गडकरी का आरोप है कि ऐसा जानबूझ कर और सचेत रूप से किया गया है.

मंत्री की ओर उनके वकील ने यह कानूनी नोटिस भेजा है जिसमें कहा गया है कि मेरे मुवक्किल भारत सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग के कैबिनेट मंत्री हैं. केंद्रीय मंत्रिमंडल का हिस्सा होने के नाते वह वर्तमान सरकार के शासन में किए गए कार्यों और उपलब्धियों को उजागर करने के लिए अक्सर प्रेस और मीडिया से बातचीत करते हैं. उसी निरंतरता में उन्होंने एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म 'द लल्लनटॉप' से बातचीत की जो अभी भी उपलब्ध है.

नोटिस में कहा गया है कि मेरे मुवक्किल को 1 मार्च, 2024 को सुबह 9:36 बजे आपकी पार्टी (भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस) के आधिकारिक हैंडल से माइक्रोब्लॉगिंग साइट 'एक्स' पर सामग्री और पोस्ट को सुनकर और देखकर हैरान रह गये जिसे सयास पोस्ट किया था. 19 सेकंड की ऑडियो और विज़ुअल क्लिप को शेयर किया गया है. इस संदर्भ से कटे क्लिप के कारण जनता की नजरों में भ्रम, सनसनी और मेरे मुवक्किल की बदनामी का खतरा है.

नोटिस में आगे कहा गया है कि कांग्रेस पार्टी के नेता भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के तथ्यों और बयानों को झूठा बताकर एक झूठी और काल्पनिक कहानी बनाने की कोशिश कर रहे हैं. नोटिस में आरोप लगाया गया है कि कांग्रेस नेताओं को साक्षात्कार की सामग्री के बारे में पता था और उन्होंने जानबूझकर बातचीत के प्रासंगिक अर्थ को छिपाकर हिंदी कैप्शन और वीडियो पोस्ट किया, जो भाजपा नेता गडकरी की प्रतिष्ठा को खराब करने के लिए जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण है. नोटिस में कहा गया है कि कांग्रेस का यह काम निंदनीय, तथ्यात्मक रूप से गलत लेकिन पूरी तरह से सोच समझ कर किया गया है.

नोटिस में कहा गया है कि आपकी एक्स वॉल पर इस सामग्री की उपस्थिति ने अंततः बड़े पैमाने पर जनता की नजर में मेरे ग्राहक के साथ-साथ राजनीतिक दल 'भाजपा' की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया है, जिसके साथ मेरा ग्राहक जुड़ा हुआ है. आपके पोस्ट की सामग्री को सोशल नेटवर्किंग साइटों पर बड़ी संख्या में साझा और देखा गया है, जिसके परिणामस्वरूप बड़ी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है, मानहानि हुई है और मेरे मुवक्किल की विश्वसनीयता को बड़ी हानि हुई है.

कानूनी नोटिस में आगे मांग की गई कि नोटिस मिलने के 24 घंटे के भीतर कांग्रेस पार्टी के सोशल मीडिया हैंडल से पोस्ट को हटा दिया जाए और 3 दिनों के भीतर नितिन गडकरी से माफी मांगी जाए. नोटिस में कहा गया है कि ऐसा करने में विफल रहने पर भाजपा नेता को दूसरे कानूनी विकल्पों की ओर रूख करने को मजबूर होना होगा.

नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने 'भ्रम पैदा करने' के इरादे से सोशल मीडिया पर अपने साक्षात्कार से 19 सेकंड की क्लिप साझा करने के लिए कांग्रेस नेताओं मल्लिकार्जुन खड़गे और जयराम रमेश को कानूनी नोटिस भेजा है. गडकरी ने कांग्रेस पार्टी पर 'भ्रम, सनसनी और बदनामी पैदा करने' और पार्टी के भीतर 'दरार पैदा करने' के इरादे से साक्षात्कार के संदर्भ और अर्थ को छिपाने का आरोप लगाया है.

गडकरी के वकील बालेंदु शेखर की ओर से भेजे गए कानूनी नोटिस में कहा गया है कि एक भयावह कृत्य में मेरे मुवक्किल के साक्षात्कार को भी तोड़-मरोड़कर, विकृत किया गया है, और उपरोक्त वीडियो को आपके हैंडल 'एक्स' पर अपलोड करके प्रस्तुत किया गया है, जो निराधार और अर्थ विहीन है. गडकरी का आरोप है कि ऐसा जानबूझ कर और सचेत रूप से किया गया है.

मंत्री की ओर उनके वकील ने यह कानूनी नोटिस भेजा है जिसमें कहा गया है कि मेरे मुवक्किल भारत सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग के कैबिनेट मंत्री हैं. केंद्रीय मंत्रिमंडल का हिस्सा होने के नाते वह वर्तमान सरकार के शासन में किए गए कार्यों और उपलब्धियों को उजागर करने के लिए अक्सर प्रेस और मीडिया से बातचीत करते हैं. उसी निरंतरता में उन्होंने एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म 'द लल्लनटॉप' से बातचीत की जो अभी भी उपलब्ध है.

नोटिस में कहा गया है कि मेरे मुवक्किल को 1 मार्च, 2024 को सुबह 9:36 बजे आपकी पार्टी (भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस) के आधिकारिक हैंडल से माइक्रोब्लॉगिंग साइट 'एक्स' पर सामग्री और पोस्ट को सुनकर और देखकर हैरान रह गये जिसे सयास पोस्ट किया था. 19 सेकंड की ऑडियो और विज़ुअल क्लिप को शेयर किया गया है. इस संदर्भ से कटे क्लिप के कारण जनता की नजरों में भ्रम, सनसनी और मेरे मुवक्किल की बदनामी का खतरा है.

नोटिस में आगे कहा गया है कि कांग्रेस पार्टी के नेता भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के तथ्यों और बयानों को झूठा बताकर एक झूठी और काल्पनिक कहानी बनाने की कोशिश कर रहे हैं. नोटिस में आरोप लगाया गया है कि कांग्रेस नेताओं को साक्षात्कार की सामग्री के बारे में पता था और उन्होंने जानबूझकर बातचीत के प्रासंगिक अर्थ को छिपाकर हिंदी कैप्शन और वीडियो पोस्ट किया, जो भाजपा नेता गडकरी की प्रतिष्ठा को खराब करने के लिए जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण है. नोटिस में कहा गया है कि कांग्रेस का यह काम निंदनीय, तथ्यात्मक रूप से गलत लेकिन पूरी तरह से सोच समझ कर किया गया है.

नोटिस में कहा गया है कि आपकी एक्स वॉल पर इस सामग्री की उपस्थिति ने अंततः बड़े पैमाने पर जनता की नजर में मेरे ग्राहक के साथ-साथ राजनीतिक दल 'भाजपा' की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया है, जिसके साथ मेरा ग्राहक जुड़ा हुआ है. आपके पोस्ट की सामग्री को सोशल नेटवर्किंग साइटों पर बड़ी संख्या में साझा और देखा गया है, जिसके परिणामस्वरूप बड़ी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है, मानहानि हुई है और मेरे मुवक्किल की विश्वसनीयता को बड़ी हानि हुई है.

कानूनी नोटिस में आगे मांग की गई कि नोटिस मिलने के 24 घंटे के भीतर कांग्रेस पार्टी के सोशल मीडिया हैंडल से पोस्ट को हटा दिया जाए और 3 दिनों के भीतर नितिन गडकरी से माफी मांगी जाए. नोटिस में कहा गया है कि ऐसा करने में विफल रहने पर भाजपा नेता को दूसरे कानूनी विकल्पों की ओर रूख करने को मजबूर होना होगा.

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