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NIA ने रशीद इंजीनियर को सांसद पद की शपथ लेने पर दी सहमति, कोर्ट कल सुनाएगा फैसला - nia on engineer rashid

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 1, 2024, 1:23 PM IST

एनआईए ने जेल में बंद कश्मीरी नेता रशीद इंजीनियर को सांसद के रूप में शपथ लेने के लिए अपनी सहमति दे दी है. रशीद जम्मू कश्मीर की बारामुला सीट से लोकसभा चुनाव जीते हैं. वह इस सीट से आजाद उम्मीदवार के तौर पर मैदान में थे.

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कश्मीरी नेता रशीद इंजीनियर (File Photo)

नई दिल्ली: एनआईए ने जम्मू-कश्मीर में टेरर फंडिंग मामले के आरोपी और हालिया लोकसभा चुनाव में निर्वाचित हुए सांसद रशीद इंजीनियर को लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ लेने के लिए सहमति दे दी है. एनआईए ने पटियाला हाउस कोर्ट से कहा कि रशीद इंजीनियर को 25 जुलाई को संसद सदस्य के रुप में शपथ लेने पर उसे कोई आपत्ति नहीं है. एडिशनल सेशंस जज चंदर जीत सिंह ने रशीद इंजीनियर की अर्जी पर दो जुलाई को फैसला सुनाने का आदेश दिया है.

सुनवाई के दौरान एनआईए ने कोर्ट से कहा कि रशीद इंजीनियर के शपथ लेने की अनुमति कुछ शर्तों के साथ दी जाए. एनआईए ने कहा कि एक दिन की अंतरिम जमानत के दौरान ही रशीद इंजीनियर शपथ ले लें. उस दौरान वे मीडिया से बात नहीं करे. कोर्ट ने इंजीनियर रशीद की याचिका पर सुनवाई करते हुए 6 जून को एनआईए को नोटिस जारी किया था.

रशीद इंजीनियर ने लोकसभा चुनाव 2024 में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को करीब एक लाख मतों से हराकर जीत हासिल की है. रशीद इंजीनियर फिलहाल दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद है. रशीद इंजीनियर को 2016 में एनआईए ने गिरफ्तार किया था.

ये भी पढ़ें: इंजीनियर रशीद की जीत पर उमर अब्दुल्ला बोले, 'जम्मू-कश्मीर में अलगाववादियों को मिलेगी ताकत'

बता दें कि पटियाला हाउस कोर्ट ने 16 मार्च 2022 को हाफिज सईद, सैयद सलाहुद्दीन, यासिन मलिक, शब्बीर शाह और मसरत आलम, रशीद इंजीनियर, जहूर अहमद वताली, बिट्टा कराटे, आफताब अहमद शाह, अवतार अहम शाह, नईम खान, बशीर अहमद बट्ट ऊर्फ पीर सैफुल्ला समेत दूसरे आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था. एनआईए के मुताबिक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के सहयोग से लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिद्दीन, जेकेएलएफ, जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों ने जम्मू-कश्मीर में आम नागरिकों और सुरक्षा बलों पर हमले और हिंसा को अंजाम दिया. 1993 में अलगाववादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस की स्थापना की गई.

एनआईए के मुताबिक हाफिज सईद ने हुर्रियत कांफ्रेंस के नेताओं के साथ मिलकर हवाला और दूसरे चैनलों के जरिये आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन का लेन-देन किया. इस धन का उपयोग वे घाटी में अशांति फैलाने, सुरक्षा बलों पर हमला करने, स्कूलों को जलाने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का काम किया। इसकी सूचना गृह मंत्रालय को मिलने के बाद एनआईए ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 121, 121ए और यूएपीए की धारा 13, 16, 17, 18, 20, 38, 39 और 40 के तहत केस दर्ज किया था.

ये भी पढ़ें: तिहाड़ में बंद रहते हुए जीता बारामूला का चुनाव, अब सांसद इंजीनियर राशिद दायर करेंगे जमानत याचिका

नई दिल्ली: एनआईए ने जम्मू-कश्मीर में टेरर फंडिंग मामले के आरोपी और हालिया लोकसभा चुनाव में निर्वाचित हुए सांसद रशीद इंजीनियर को लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ लेने के लिए सहमति दे दी है. एनआईए ने पटियाला हाउस कोर्ट से कहा कि रशीद इंजीनियर को 25 जुलाई को संसद सदस्य के रुप में शपथ लेने पर उसे कोई आपत्ति नहीं है. एडिशनल सेशंस जज चंदर जीत सिंह ने रशीद इंजीनियर की अर्जी पर दो जुलाई को फैसला सुनाने का आदेश दिया है.

सुनवाई के दौरान एनआईए ने कोर्ट से कहा कि रशीद इंजीनियर के शपथ लेने की अनुमति कुछ शर्तों के साथ दी जाए. एनआईए ने कहा कि एक दिन की अंतरिम जमानत के दौरान ही रशीद इंजीनियर शपथ ले लें. उस दौरान वे मीडिया से बात नहीं करे. कोर्ट ने इंजीनियर रशीद की याचिका पर सुनवाई करते हुए 6 जून को एनआईए को नोटिस जारी किया था.

रशीद इंजीनियर ने लोकसभा चुनाव 2024 में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को करीब एक लाख मतों से हराकर जीत हासिल की है. रशीद इंजीनियर फिलहाल दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद है. रशीद इंजीनियर को 2016 में एनआईए ने गिरफ्तार किया था.

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बता दें कि पटियाला हाउस कोर्ट ने 16 मार्च 2022 को हाफिज सईद, सैयद सलाहुद्दीन, यासिन मलिक, शब्बीर शाह और मसरत आलम, रशीद इंजीनियर, जहूर अहमद वताली, बिट्टा कराटे, आफताब अहमद शाह, अवतार अहम शाह, नईम खान, बशीर अहमद बट्ट ऊर्फ पीर सैफुल्ला समेत दूसरे आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था. एनआईए के मुताबिक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के सहयोग से लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिद्दीन, जेकेएलएफ, जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों ने जम्मू-कश्मीर में आम नागरिकों और सुरक्षा बलों पर हमले और हिंसा को अंजाम दिया. 1993 में अलगाववादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस की स्थापना की गई.

एनआईए के मुताबिक हाफिज सईद ने हुर्रियत कांफ्रेंस के नेताओं के साथ मिलकर हवाला और दूसरे चैनलों के जरिये आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन का लेन-देन किया. इस धन का उपयोग वे घाटी में अशांति फैलाने, सुरक्षा बलों पर हमला करने, स्कूलों को जलाने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का काम किया। इसकी सूचना गृह मंत्रालय को मिलने के बाद एनआईए ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 121, 121ए और यूएपीए की धारा 13, 16, 17, 18, 20, 38, 39 और 40 के तहत केस दर्ज किया था.

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