कोलकाता : राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission of India) की एक टीम शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के संदेशखाली पहुंची और महिलाओं के यौन उत्पीड़न के आरोपों के बारे में तथ्य जुटाने के लिए ग्रामीणों से बात की. उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में बड़ी संख्या में लोगों ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता शाहजहां शेख और उनके समर्थकों पर 'जमीन हड़पने व यौन उत्पीड़न' का आरोप लगाया है.
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम संदेशखाली में कुछ इलाकों में गई और ग्रामीणों से बात कर उनके बयान दर्ज किए . एनएचआरसी ने पहले एक बयान में कहा था कि टीम का नेतृत्व आयोग का एक सदस्य करेगा और अधिकारी उसकी मदद करेंगे. मानवाधिकार आयोग की टीम नाव से कालागाछी नदी पार करने के बाद धमाखाली नौका घाट से होते हुए संदेशखाली पहुंची.
एनएचआरसी ने प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में आईं खबरों पर स्वत: संज्ञान लिया है, जिनमें कहा गया है कि संदेशखाली में गरीब महिलाओं को कथित तौर पर परेशान किया गया और उनका यौन उत्पीड़न किया गया. एनएचआरसी ने कहा कि उसने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर संदेशखालि में हुई हिंसा के संबंध में चार सप्ताह में रिपोर्ट देने के लिए कहा है.
इससे पहले, आज शुक्रवार को पश्चिम बंगाल में भाजपा की महिला कार्यकर्ताओं के एक प्रतिनिधिमंडल को पुलिस ने संदेशखालि जाने से रोक दिया, पार्टी की राज्य इकाई की महासचिव लॉकेट चटर्जी और अग्निमित्रा पॉल के नेतृत्व वाली भाजपा की टीम को पुलिस ने निषेधाज्ञा का हवाला देते हुए रोक दिया. पॉल ने दावा किया, 'हमें निषेधाज्ञा का हवाला देते हुए पुलिस ने संदेशखालि में प्रवेश करने से मना कर दिया गया है. राज्य सरकार सच्चाई छिपाने की कोशिश कर रही है. वहीं, भाजपा नेता लॉकेट चटर्जी को संदेशखाली जाने की कोशिश के दौरान भोजेरहाट से हिरासत में लेने के बाद लाल बाजार से रिहा कर दिया गया.
लॉकेट चटर्जी ने बताया कि मुझे कुछ नहीं बताया गया है. कोई कागज नहीं दिखाया गया. पुलिस ने कहा कि संदेशखाली में धारा 144 है. 40 किलोमिटर पहले ही मुझे हिरासत में लिया गया. एक सांसद को बिना अनुमति के हिरासत में नहीं लिया जा सकता लेकिन पश्चिम बंगाल में ये संभव है. हमें पार्टी जैसा कहेगी हम वही करेंगे. पश्चिम बंगाल में कोई लोकतंत्र नहीं है.
वहीं, इधर, पश्चिम बंगाल के डीजीपी राजीव कुमार लगातार दूसरे दिन दोपहर में संदेशखाली पहुंचे और उत्तेजित स्थानीय लोगों को समझाने की कोशिश की.
उन्होंने लोगों से कहा कि हम सभी से अनुरोध करते हैं कि वे कानून को अपने हाथ में न लें. हम कार्रवाई करेंगे. क्षेत्र में शिविर हैं जहां आप शिकायत दर्ज करा सकते हैं. कार्रवाई भी की जा रही है. अधिकारी यहां जमीन हड़पने के आपके आरोपों पर ध्यान देने के लिए हैं और हम मुद्दों का समाधान करेंगे. डीजीपी ने संवाददाताओं से कहा कि कानून का शासन सुनिश्चित करने के लिए पुलिस संदेशखाली में मौजूद है. हम क्षेत्र में कानून का शासन स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और हिंसा भड़काने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
डीजीपी के जाने के तुरंत बाद, पुलिस द्वारा उपद्रवियों को घेरना शुरू करने के बाद कई इलाकों में फिर से हिंसा फैल गई. निवासियों ने आरोप लगाया कि उच्च माध्यमिक परीक्षा देकर घर लौट रहे युवाओं को भी पुलिस ने आगजनी और संपत्ति विनाश में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई के बहाने पकड़ लिया. हालांकि, पुलिस ने आरोपों से इनकार किया है. संदेशखाली में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है और तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता शेख शाहजहां और उनके भाई सिराजुद्दीन पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं.
बता दें, उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखालि में बड़ी संख्या में महिलाओं ने तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता शाहजहां शेख और उनके समर्थकों पर जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था. पांच जनवरी को राशन घोटाले के सिलसिले में शाहजहां के परिसर पर छापा मारने गए प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों पर कथित तौर पर भीड़ ने हमला कर दिया था, जिसके बाद से वह फरार हैं.