टिहरी: बुडोगी के जंगल में आग धधक गई. देर शाम तक भी वन विभाग इस पर काबू नहीं कर पाया. 15 घंटे तक जंगल जलते रहे, जिससे वन संपदा को काफी नुकसान पहुंचा है. आग के कारण नगर क्षेत्र में दिनभर धुंध रहने से लोगों को आंख में जलन और सांस लेने में तकलीफ आदि समस्याओं का सामना करना पड़ा.
टिहरी जिला मुख्यालय तक पहुंची वनाग्नि: आग से टिहरी के जंगल का बड़ा हिस्सा जलकर राख हो गया. दोपहर 12 बजे के बाद आग वन विभाग के दाइजर स्थित क्रू स्टेशन तक पहुंच गई. यहां मौजूद कर्मचारियों ने दमकल टीम के साथ मिलकर आग पर काबू कर लिया. लेकिन कुछ देर बाद ही क्रू स्टेशन के पीछे स्थित जंगल से भी धुएं का गुबार उठने लगा. खतरे को देखते हुए जिला मुख्यालय से चंबा-ऋषिकेश की तरफ जाने वाले वाहनों को रोकना पड़ा. इस बीच भोनाबागी-जलेड़ी की तरफ से भी लपटें उठने लगीं. इससे जिला मुख्यालय तीनों तरफ से आग से घिर गया. इस कारण यहां नगर क्षेत्र के चारों ओर धुंध छाने से यहां दृश्यता काफी कम हो गई.
लापरवाही पड़ी भारी: आग से जंगल पूरी तरह से जलकर राख हो गया. इसके बाद आग खुद ही बुझ गई. आग में वन चेतना केंद्र में बना गेस्ट हाउस का ग्लास हाउस और बीएसएनएल का एक टावर भी जलकर नष्ट हो गया है. बुडोगी के जंगल से शुरू हुई आग को समय रहते काबू करने के प्रयास किए जाते तो वन संपदा को बचाया जा सकता था. लेकिन विभागीय लापरवाही के कारण बुडोगी और जलेड़ी से शुरू हुई आग दिनभर फैलती रही. जिला मुख्यालय के तीनों तरफ स्थित चीड़ का जंगल देर शाम तक जलता रहा. विभागीय तैयारियों का आलम यह है कि विभाग दाइजर में बनाए गए अपने क्रू स्टेशन के आसपास के जंगल को भी नहीं बचा पाया. शाम तक जलेड़ी की तरफ से फैली आग यहां वन चेतना केंद्र में बनाए गए गेस्ट हाउस तक पहुंच गई जिससे यहां बना विभाग का ग्लास हाउस जल गया.
जंगल में आग गांव से आई: सुबह बुडोगी की तरफ से आग लगने के बाद कर्मचारियों को मौके पर भेजा गया था. लेकिन खड़ी ढलान और हवा चलने के कारण आग पर काबू पाना मुश्किल हो रहा था. दाइजर क्रू स्टेशन के पास वन कर्मियों ने फायर बिग्रेड की मदद से आग काबू कर दी थी, लेकिन भोनाबागी-जलेड़ी की तरफ से आई आग तेज हवा के कारण आग फिर भड़क गई. सभी वन कर्मी मौके पर आग बुझाने का प्रयास कर थे.
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