नई हज नीति में 17,500 जायरीन सरकारी कोटे से नहीं कर पाएंगे यात्रा, प्राइवेट कोटे में इजाफा - new haj policy 2024 - NEW HAJ POLICY 2024
नई हज नीति 2024 में सरकारी कोटा घट गया है वहीं प्राइवेट कोटे में इजाफा किया गया है. चलिए जानते हैं इस बारे में.
By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : Aug 7, 2024, 6:52 AM IST
लखनऊ: सऊदी अरब के मक्का में हज यात्रा करने की चाह हर मुस्लिम जायरीन की होती है. हर साल केवल सीमित संख्या में लोगों को ही हज यात्रा की इजाजत दी जाती है. इसकी मुख्य वजह है दुनिया भर से आने वाले आवेदन हैं. केंद्र सरकार ने साल 2025 के लिए हज नीति जारी कर दी है.
सरकारी कोटा दस फीसदी घटा
इसके मुताबिक, भारतीय हज समिति का कोटा अब घटाकर 70 प्रतिशत कर दिया गया है. नई नीति के मुताबिक, भारत को आवंटित कुल हज यात्रियों के कोटे में से 70 प्रतिशत को भारतीय हज समिति द्वारा संभाला जाएगा. वहीं, शेष 30 प्रतिशत कोटा निजी हज समूह आयोजकों को दिया जाएगा, बता दें कि बीते साल के लिए हज नीति में यह कोटा 80-20 का था. उत्तर प्रदेश हज समिति की सचिव एसपी तिवारी ने बताया कि सरकार ने हज यात्रा को और बेहतर बनाने के लिए नीति बनाई है. इस नीति में सरकारी कोटा कम हुआ है, इससे प्रदेश से जाने वाले हज जायरीनों की संख्या में भी कमी हो सकती है.
70 साल से ज्यादा आवेदकों को वरीयता
2024 के लिए हज नीति में वरीयता का क्रम 70 वर्ष से अधिक के आवेदकों, बिना मेहरम (एलडब्ल्यूएम) के यात्रा करने वाली महिलाओं और सामान्य श्रेणी का था. अब 2025 के लिए जारी नई नीति में प्राथमिकता का क्रम 65 से अधिक आवेदकों, बिना मेहरम वाली महिलाओं और फिर सामान्य श्रेणी कर दिया गया है. 2024 में भारत के हज यात्रियों का कोटा 1,75,025 था. इसमें अब दस प्रतिशत कम हो जाएंगे. इस लिहाज से करीब 17500 यात्री सरकारी कोटे से हज यात्रा नहीं कर पाएंगे.
हज सेवक अब स्टेट हज इंस्पेक्टर
नई नीति के तहत हज के दौरान सऊदी अरब में यात्रियों की मदद के लिए भेजे जाने वाले खादिमुल हुज्जाज यानि हज सेवक के पदनाम को बदला गया है. हज सेवकों को अब स्टेट हज इंस्पेक्टर के नाम से जाना जाएगा. हज कमेटियों को अक्सर शिकायतें मिलती थी कि पदनाम हज सेवक होने की वजह से हज यात्रियों को भ्रम रहता था कि उनको नौकर बनाकर भेजा गया है. तमाम हज यात्री उनसे अपना निजी काम करने को कहते थे और ऐसा न करने पर सरकार में शिकायत करने की भी धमकी भी देते थे. नई हज पॉलिसी में उनके पदनाम में बदलाव कर उनको सम्मान दिया गया है.