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नेपाल की विदेश मंत्री भारत पहुंचीं, संबंध होंगे मजबूत - Nepal Arju Deuba India visit - NEPAL ARJU DEUBA INDIA VISIT

Nepal FM Rana five-day India visit: नेपाल की विदेश मंत्री डॉ. आरजू राणा देउबा का 5 दिनों के लिए भारत की आधिकारिक यात्रा का कार्यक्रम है. इस यात्रा से भारत और नेपाल के बीच संबंध और मजबूत होंगे.

Nepal's foreign minister
नेपाल की विदेश मंत्री डॉ. आरजू राणा देउबा (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 18, 2024, 2:10 PM IST

Updated : Aug 18, 2024, 2:19 PM IST

नई दिल्ली: नेपाल की विदेश मंत्री डॉ. आरजू राणा देउबा 18 से 22 अगस्त तक भारत की आधिकारिक यात्रा पर आएंगी. वह विदेश मंत्री एस जयशंकर के निमंत्रण पर यहां आई हैं. विदेश मंत्रालय के अनुसार विदेश मंत्री आरजू देउबा की यह यात्रा भारत और नेपाल के बीच नियमित उच्च स्तरीय आदान-प्रदान की परंपरा के अनुरूप है.

नेपाल भारत की पड़ोसी प्रथम नीति में प्राथमिकता वाला साझेदार है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि आगामी यात्रा दोनों पक्षों को द्विपक्षीय सहयोग में प्रगति पर चर्चा और समीक्षा करने का अवसर प्रदान करेगी. साथ ही हमारे संबंधों को और आगे बढ़ाने में मदद करेगी. जुलाई में पदभार संभालने के बाद नेपाल की विदेश मंत्री की यह पहली यात्रा है.

यात्रा से पहले नेपाल के विदेश मंत्रालय ने कहा कि नेपाल भारत की पड़ोसी प्रथम नीति के तहत एक महत्वपूर्ण साझेदार है. इस यात्रा से दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने तथा द्विपक्षीय सहयोग में प्रगति की समीक्षा करने की उम्मीद है. बैठक के दौरान विदेश मंत्री आरजू राणा देउबा विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर से मुलाकात करेंगी और आपसी हितों के मुद्दों पर चर्चा करेंगी.

भारत और नेपाल के बीच लंबे समय से रणनीतिक संबंध हैं, जो साझा इतिहास, भूगोल और सांस्कृतिक संबंधों से आकार लेते हैं. दोनों देश सुरक्षा मामलों पर सहयोग करते हैं, जिसमें भारत अक्सर सैन्य प्रशिक्षण और सहायता प्रदान करता है. नेपाल सीमा पार आतंकवाद से निपटने और सीमा सुरक्षा का प्रबंधन करने के लिए भी मिलकर काम करता है.

यह ध्यान देने योग्य है कि भारत नेपाल के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. सड़कों और स्कूलों जैसी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए सहायता प्रदान करता है. इसके अतिरिक्त, भारत स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में नेपाल का समर्थन करता है. भारत नेपाल का एक प्रमुख व्यापार साझेदार है.

नेपाल जलविद्युत परियोजनाओं के विकास सहित ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग करता है. नेपाल भारत को वस्त्र और हस्तशिल्प जैसे सामान निर्यात करता है, जबकि भारत जड़ी-बूटियों और मसालों जैसे उत्पादों का आयात करता है. दोनों देश अक्सर क्षेत्रीय मुद्दों पर सहयोग करते हैं और दक्षिण एशिया में स्थिरता में आपसी हित साझा करते हैं.

विभिन्न द्विपक्षीय चिंताओं को दूर करने और संचार के खुले चैनल बनाए रखने के लिए उनके बीच समझौते हैं. मजबूत संबंधों के बावजूद दोनों देशों के बीच समय-समय पर तनाव रहा है, जो अक्सर सीमा विवाद और राजनीतिक परिवर्तनों से संबंधित होता है. हालांकि, दोनों देश आम तौर पर एक स्थिर और सहयोगी संबंध बनाए रखने का प्रयास करते हैं.

हाल ही में भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने नेपाल का दौरा किया. उनकी यह यात्रा भारत और नेपाल के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है, जो अपनी रणनीतिक प्राथमिकताओं को संरेखित करने और आपसी समझ को बढ़ाने का एक अद्वितीय अवसर प्रस्तुत करता है. प्रधानमंत्री ओली के साथ अपनी बैठक में मिसरी ने भारत और नेपाल के बीच स्थायी, बहुआयामी संबंधों की जोरदार ढंग से पुष्टि की तथा द्विपक्षीय सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों को पुनर्जीवित करने की अनिवार्यता को रेखांकित किया.

राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल के साथ भी चर्चा में सभी क्षेत्रों में संबंधों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया गया. इसमें जलवायु परिवर्तन से निपटने में सहयोग बढ़ाने पर विशेष जोर दिया गया. ये दोनों देशों के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा है. मिसरी ने प्रमुख राजनीतिक दलों के शीर्ष नेताओं के साथ भी बातचीत की. हाल के वर्षों में विशेष रूप से कनेक्टिविटी परियोजनाओं, बिजली व्यापार और अन्य सहकारी पहलों के क्षेत्र में भारत-नेपाल संबंधों में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है. फिर भी, 2016 में ओली के पिछले कार्यकाल के दौरान तनावपूर्ण संबंधों और 2020 में क्षेत्रीय विवाद से उपजा स्थायी अविश्वास कायम है.

ये भी पढ़ें- विदेश सचिव मिस्री की नेपाल यात्रा रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्यों है?

नई दिल्ली: नेपाल की विदेश मंत्री डॉ. आरजू राणा देउबा 18 से 22 अगस्त तक भारत की आधिकारिक यात्रा पर आएंगी. वह विदेश मंत्री एस जयशंकर के निमंत्रण पर यहां आई हैं. विदेश मंत्रालय के अनुसार विदेश मंत्री आरजू देउबा की यह यात्रा भारत और नेपाल के बीच नियमित उच्च स्तरीय आदान-प्रदान की परंपरा के अनुरूप है.

नेपाल भारत की पड़ोसी प्रथम नीति में प्राथमिकता वाला साझेदार है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि आगामी यात्रा दोनों पक्षों को द्विपक्षीय सहयोग में प्रगति पर चर्चा और समीक्षा करने का अवसर प्रदान करेगी. साथ ही हमारे संबंधों को और आगे बढ़ाने में मदद करेगी. जुलाई में पदभार संभालने के बाद नेपाल की विदेश मंत्री की यह पहली यात्रा है.

यात्रा से पहले नेपाल के विदेश मंत्रालय ने कहा कि नेपाल भारत की पड़ोसी प्रथम नीति के तहत एक महत्वपूर्ण साझेदार है. इस यात्रा से दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने तथा द्विपक्षीय सहयोग में प्रगति की समीक्षा करने की उम्मीद है. बैठक के दौरान विदेश मंत्री आरजू राणा देउबा विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर से मुलाकात करेंगी और आपसी हितों के मुद्दों पर चर्चा करेंगी.

भारत और नेपाल के बीच लंबे समय से रणनीतिक संबंध हैं, जो साझा इतिहास, भूगोल और सांस्कृतिक संबंधों से आकार लेते हैं. दोनों देश सुरक्षा मामलों पर सहयोग करते हैं, जिसमें भारत अक्सर सैन्य प्रशिक्षण और सहायता प्रदान करता है. नेपाल सीमा पार आतंकवाद से निपटने और सीमा सुरक्षा का प्रबंधन करने के लिए भी मिलकर काम करता है.

यह ध्यान देने योग्य है कि भारत नेपाल के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. सड़कों और स्कूलों जैसी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए सहायता प्रदान करता है. इसके अतिरिक्त, भारत स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में नेपाल का समर्थन करता है. भारत नेपाल का एक प्रमुख व्यापार साझेदार है.

नेपाल जलविद्युत परियोजनाओं के विकास सहित ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग करता है. नेपाल भारत को वस्त्र और हस्तशिल्प जैसे सामान निर्यात करता है, जबकि भारत जड़ी-बूटियों और मसालों जैसे उत्पादों का आयात करता है. दोनों देश अक्सर क्षेत्रीय मुद्दों पर सहयोग करते हैं और दक्षिण एशिया में स्थिरता में आपसी हित साझा करते हैं.

विभिन्न द्विपक्षीय चिंताओं को दूर करने और संचार के खुले चैनल बनाए रखने के लिए उनके बीच समझौते हैं. मजबूत संबंधों के बावजूद दोनों देशों के बीच समय-समय पर तनाव रहा है, जो अक्सर सीमा विवाद और राजनीतिक परिवर्तनों से संबंधित होता है. हालांकि, दोनों देश आम तौर पर एक स्थिर और सहयोगी संबंध बनाए रखने का प्रयास करते हैं.

हाल ही में भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने नेपाल का दौरा किया. उनकी यह यात्रा भारत और नेपाल के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है, जो अपनी रणनीतिक प्राथमिकताओं को संरेखित करने और आपसी समझ को बढ़ाने का एक अद्वितीय अवसर प्रस्तुत करता है. प्रधानमंत्री ओली के साथ अपनी बैठक में मिसरी ने भारत और नेपाल के बीच स्थायी, बहुआयामी संबंधों की जोरदार ढंग से पुष्टि की तथा द्विपक्षीय सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों को पुनर्जीवित करने की अनिवार्यता को रेखांकित किया.

राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल के साथ भी चर्चा में सभी क्षेत्रों में संबंधों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया गया. इसमें जलवायु परिवर्तन से निपटने में सहयोग बढ़ाने पर विशेष जोर दिया गया. ये दोनों देशों के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा है. मिसरी ने प्रमुख राजनीतिक दलों के शीर्ष नेताओं के साथ भी बातचीत की. हाल के वर्षों में विशेष रूप से कनेक्टिविटी परियोजनाओं, बिजली व्यापार और अन्य सहकारी पहलों के क्षेत्र में भारत-नेपाल संबंधों में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है. फिर भी, 2016 में ओली के पिछले कार्यकाल के दौरान तनावपूर्ण संबंधों और 2020 में क्षेत्रीय विवाद से उपजा स्थायी अविश्वास कायम है.

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Last Updated : Aug 18, 2024, 2:19 PM IST
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