रांची: 2019 के विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा और आजसू के बीच सीटों का तालमेल नहीं बनने की वजह से दोनों पार्टियों को खामियाजा भुगतना पड़ा था. इससे सबक लेते हुए विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले ही एनडी ने सीटों के तालमेल को अमलीजामा पहना दिया है. इसकी घोषणा को लेकर काउंट डाउन शुरू हो चुका है. संभव है कि विजयादशमी के दिन इसकी घोषणा हो जाए. इस बार जमशेदपुर पश्चिमी सीट सबसे हॉट सीट बनने जा रही है. क्योंकि यह सीट जदयू के खाते में गई है. जाहिर है कि यहां मुकाबला जदयू की टिकट पर सरयू राय और कांग्रेस के विधायक सह मंत्री बन्ना गुप्ता के बीच होगा.
आजसू और जदयू के लिए सीटें फिक्स!
वरिष्ठ पत्रकार आनंद कुमार के मुताबिक एनडीए में शामिल आजसू को 09 और जदयू को 02 सीटें मिल सकती हैं. आजसू के खाते में सिल्ली, गोमिया, रामगढ़, टुंडी, मांडू, लोहरदगा, जुगसलाई, ईचागढ़ और पाकुड़ सीट तो जदयू को जमशेदपुर पश्चिमी और तमाड़ सीट मिलने की संभावना है. चिराग पासवान की लोजपा(रामविलास) को एक सीट मिल सकती है. संभव है कि 2014 के चुनाव की तरह चिराग के खाते में शिकारीपाड़ा सीट जाए. हालांकि अभी तक इसपर संशय है, लेकिन यह तय माना जा रहा है कि इस बार एनडीए प्रत्याशियों के पक्ष में चुनाव प्रचार करने के लिए नीतीश कुमार और चिराग पासवान भी आएंगे.
जमशेदपुर पश्चिमी सीट बनी हॉट
दरअसल, जमशेदपुर पश्चिमी सीट पर कांग्रेस के बन्ना गुप्ता और सरयू राय के बीच सीधी लड़ाई होती रही है. 2005 में भाजपा की टिकट पर सरयू रहने सपा प्रत्याशी रहे बन्ना गुप्ता को हराया था. लेकिन 2009 में कांग्रेस प्रत्याशी बनकर बन्ना गुप्ता ने सरयू राय से जीत का बदला ले लिया. लेकिन 2014 में सरयू राय ने एक बार फिर बन्ना गुप्ता को शिकस्त दी. 2019 में भाजपा का टिकट कटने से नाराज सरयू राय ने तत्कालीन सीएम रघुवर दास को उनकी जमशेदपुर पूर्वी सीट पर चुनौती दे दी थी और जीत गए थे. तब से सरयू राय और रघुवर दास के बीच की अदावत जग जाहिर है. लेकिन रघुवर दास के ओडिशा के राज्यपाल बनाए जाने के बाद सरयू राय और बन्ना गुप्ता के बीच व्यक्तिगत तौर पर भी टकराव होता रहा है. दोनों के बीच एक दूसरे के खिलाफ FIR का दौर भी चला है.
जमशेदपुर पश्चिमी सीट का समीकरण
वैसे सरयू राय जमशेदपुर पूर्वी से चुनाव लड़ना चाह रहे थे लेकिन रघुवर दास की नाराजगी की वजह से आला नेताओं ने बीच का रास्ता निकाल लिया है. अब सरयू राय भी जमशेदपुर पश्चिमी सीट से चुनाव लड़ने का मन बना चुके हैं. खास बात है कि इस सीट पर झारखंड बनने के बाद से हुए चार चुनावों में किसी भी प्रत्याशी ने जीत रिपीट नहीं की है. यहां के वोटर प्रत्याशी बदलते रहे हैं. वैसे मुस्लिम वोटरों का रुझान बन्ना गुप्ता के प्रति रहा है, लेकिन इस बार सरयू राय के जदयू प्रत्याशी बनने की वजह से मुस्लिम वोट बंटने की संभावना है. रही बात ओबीसी वोट की तो व्यवसायी वर्ग का रुझान हमेशा से भाजपा की तरफ रहा है.
वैसे बन्ना गुप्ता खुद इसी वर्ग से आते हैं, इसलिए इस इस वोट बैंक को साधना बन्ना गुप्ता के लिए चुनौती होगी. वही कुर्मी वोटरों का जदयू के प्रति रुझान बन्ना के लिए परेशानी खड़ी कर सकता है जहां तक अगड़ी जातियों की बात है तो इस वर्ग के बीच बन्ना गुप्ता की व्यक्तिगत पैठ रही है. इस सीट पर वोट समीकरण के बीच भीतरघात की संभावना भी बनी हुई है. क्योंकि सरयू राय और रघुवर दास के बीच 36 का संबंध रहा है, जबकि बन्ना गुप्ता को रघुवर दास का करीबी बताया जाता है. कई मौकों पर दोनों की तस्वीरें भी सार्वजनिक होती रही हैं, लिहाजा जमशेदपुर पश्चिमी सीट पर दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल सकता है.
झारखंड में यह चर्चा आम है कि रघुवर दास की दखल अंदाजी के बाद ही सरयू राय को जमशेदपुर पश्चिमी में शिफ्ट किया गया है. साफ है कि जमशेदपुर पूर्वी सीट पर रघुवर दास के च्वाइस का ही भाजपा प्रत्याशी होगा, लेकिन गौर करने वाली बात है कि इस सीट से डॉक्टर अजय कुमार का कांग्रेस प्रत्याशी बनना तय है. उनके कद के लिहाज से भाजपा के पास कोई वैसा चेहरा नहीं दिख रहा है। ऐसे में जमशेदपुर पूर्वी सीट पर चुनाव नहीं लड़ने के बावजूद रघुवर दास की प्रतिष्ठा दांव पर रहेगी.
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