रांचीः झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा और उनके घटक दलों में सीटों का फॉर्मूला लगभग तय कर लिया गया है. पितृ पक्ष के बाद सीटों की घोषणा कर दी जाएगी. झारखंड में बीजेपी के साथ आजसू और जदयू मिलकर एनडीए गठबंधन के तहत चुनाव लड़ेंगे.
एनडीए और इंडिया गठबंधन, झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए पूरी तरह से कमर कस चुके हैं. दोनों गठबंधन दल रैली, यात्राएं कर रहे हैं तो उम्मीदवारों की तलाश के लिए अभियान भी चलाए जा रहे हैं. इसी कड़ी में मुख्य पार्टियां घटक दलों के साथ सांठ-गांठ के फॉर्मूले पर भी अंतिम मुहर लगाने की तैयारी की जा रही है.
एनडीए में शामिल पार्टियों के बीच सीट शेयरिंग को लेकर मंथन लगातार जारी है. इस सीट शेयरिंग को लेकर भाजपा के झारखंड विधानसभा चुनाव सह प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा ने स्पष्ट कर दिया है कि झारखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा का आजसू और जदयू के साथ गठबंधन होगा. इन दलों के साथ जहां तक सीट शेयरिंग की बात है तो 99 प्रतिशत बातचीत हो चुकी है. एक-दो सीटों को लेकर चर्चा बाकी है. पितृ पक्ष समाप्त होते ही इसकी घोषणा हो जाएगी. बता दें कि इस साल पितृपक्ष 17 सितंबर (मंगलवार) से शुरू हुई है, जो बुधवार 2 अक्टूबर 2024 तक चलेगी.
सीटों की डिमांड और शेयरिंग का फॉर्मूला
अगर सियासी गठजोड़ और शेयरिंग की बात करें तो आजसू और जदयू के साथ साथ लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने अपनी-अपनी ओर से सीटों की डिमांड रखी है. इसी कड़ी में हाल ही में असम सीएम हिमंत बिस्वा सरमा की मौजूदगी में आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की दिल्ली में मुलाकात हुई थी. ऐसे में ये कयास लगाए जा रहे हैं कि इन दोनों नेताओं के बीच हुई बातचीत में आजसू की मांग पर इस पर अंतिम मुहर लगने की प्रबल संभावना है. आजसू की ओर से 16 सीटों की मांग की जा रही थी. हालांकि ऐसी भी संभावना है कि आजसू के खाते में 6 से 8 सीटें आ सकती हैं.
इसी तरह जनता दल यूनाइटेड ने झारखंड में 11 सीटों की मांग रखी है. इसको लेकर प्रदेश जदयू नेताओं ने बिहार में गठबंधन का हवाला भी दिया है. इसके साथ ही जमशेदपुर पूर्वी से निर्दलीय विधायक के जदयू में शामिल होने के बाद प्रदेश जदयू ने अपनी दावेदारी को मजबूती से रखने का प्रयास किया है. ऐसे में ये भी संभावना है कि जदयू के खाते में 3 से 4 सीटें आ सकती हैं.
इसी तरह एनडीए की सहयोगी लोजपा (आर) की ओर से झारखंड की 14 विधानसभा सीटों पर मजबूत स्थिति में होने का दावा किया है. इसको लेकर पिछले दिनों लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र प्रधान ने भी उम्मीद जताई थी कि केंद्रीय नेतृत्व से बातचीत के बाद कम से कम उन्हें दो सीटें दी जाएंगी. हालांकि इसको लेकर अभी अनिश्चितता बने होने की संभावना है. वैसे भी हिमंता बिस्वा सरमा ने ये कह ही दिया है सीट शेयरिंग पर 99 प्रतिशत काम हो चुका है और एक-दो सीटों पर चर्चा की जा रही है. ऐसे में एनडीए के घटक दलों को पितृ पक्ष के खत्म होने का इंतजार है. जिसके बाद कयासों के बादल छंटेंगे और सीटों का बंटवारा और संख्या की पूरी तस्वीर सामने आ पाएगी.
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