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मंकीपॉक्स के खतरे को लेकर NCDC राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ कर रहा समन्वय - NCDC coordinating States and UTs - NCDC COORDINATING STATES AND UTS

NCDC coordinating with States and UTs, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अफ्रीका के कई हिस्सों में मंकी पॉक्स के प्रसार को देखते हुए 14 अगस्त को इसे अंतरराष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल (PHEIC) घोषित किया है. इसको देखते हुए राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ समन्वय कर रहा है.

Monkeypox
मंकीपॉक्स (प्रतीकात्मक फोटो-IANS)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 22, 2024, 8:56 PM IST

नई दिल्ली: एमपीओएक्स बीमारी के प्रसार पर कड़ा संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ समन्वय के लिए कई टीमें गठित की हैं. सूत्रों के अनुसार, टीमें राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ निरंतर समन्वय बनाए रखेंगी और मंकीपॉक्स के प्रसार को रोकने के लिए उन्हें सुझाव देती रहेंगी. वर्तमान में भारत भर में मंकी पॉक्स बीमारी की जांच के लिए 32 प्रयोगशालाएं तैयार हैं.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंकीपॉक्स के खिलाफ बड़े पैमाने पर सोशल मीडिया अभियान भी शुरू किया है. इसने कहा कि संक्रमित व्यक्ति के साथ लंबे समय तक निकट संपर्क और शरीर के तरल पदार्थों के साथ सीधे संपर्क मंकीपॉक्स के फैलने के दो प्रमुख कारण हैं.

मंत्रालय ने एक दिशा निर्देश में कहा है कि मंकीपॉक्स एक वायरल बीमारी है जिसे देखभाल के साथ रोका जा सकता है. साथ ही कहा गया है कि यदि आप इसका लक्षण अनुभव करते हैं या किसी पुष्ट मंकीपॉक्स मामले के संपर्क में आए हैं, तो तुरंत अपने निकटतम स्वास्थ्य सुविधा केंद्र से संपर्क करें.

हालांकि भारत में इस साल मार्च से मंकीपॉक्स का कोई मामला सामने नहीं आया है और बड़े प्रकोप का जोखिम बहुत कम है. इसी क्रम में स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने दिशा-निर्देशों में कहा कि मंकी पॉक्स एक स्व-सीमित वायरल बीमारी है जो 2-4 सप्ताह तक रहती है, अधिकांश रोगी सहायक उपायों के माध्यम से ठीक हो जाते हैं.

मंकीपॉक्स के लक्षण और संकेत

बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, शरीर में दर्द, अस्वस्थता, ठंड लगना, गले में खराश और खांसी मंकीपॉक्स के सामान्य लक्षण हैं. इसके अलावा, बुखार शुरू होने के 1-3 दिनों के भीतर दाने दिखाई देते हैं, जो 2-4 सप्ताह तक रहते हैं.

मंकीपॉक्स से कैसे बचें

स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंकीपॉक्स के संदिग्ध या पुष्ट मामलों के साथ असुरक्षित निकट शारीरिक संपर्क से बचने का सुझाव दिया है. साथ ही कहा है कि बीमार व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल की गई सामग्री के संपर्क से बचें. मंत्रालय ने कहा कि हाथों की अच्छी स्वच्छता बनाए रखना और मरीजों की देखभाल करते समय उचित व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (PPE) का उपयोग करना मंकीपॉक्स से बचने के कुछ प्रमुख कदम हैं.

दिल्ली एम्स ने हाल ही में विदेश से लौटे एक मरीज में मंकीपॉक्स का संदिग्ध मामला दर्ज किया है. गौरतलब है कि हाल ही में नई दिल्ली में मंकीपॉक्स के खतरे पर आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक में प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. पीके मिश्रा ने देश में मंकीपॉक्स के लिए तैयारियों की स्थिति और संबंधित सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों की समीक्षा की थी. बैठक में बड़े पैमाने पर जागरूकता कार्यक्रम बनाने के अलावा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर स्वास्थ्य टीमों को संवेदनशील बनाने पर जोर दिया गया.

ये भी पढ़ें- कई देशों में मंकीपॉक्स का प्रकोप, जानें लक्षण, कारण और उपचार

नई दिल्ली: एमपीओएक्स बीमारी के प्रसार पर कड़ा संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ समन्वय के लिए कई टीमें गठित की हैं. सूत्रों के अनुसार, टीमें राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ निरंतर समन्वय बनाए रखेंगी और मंकीपॉक्स के प्रसार को रोकने के लिए उन्हें सुझाव देती रहेंगी. वर्तमान में भारत भर में मंकी पॉक्स बीमारी की जांच के लिए 32 प्रयोगशालाएं तैयार हैं.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंकीपॉक्स के खिलाफ बड़े पैमाने पर सोशल मीडिया अभियान भी शुरू किया है. इसने कहा कि संक्रमित व्यक्ति के साथ लंबे समय तक निकट संपर्क और शरीर के तरल पदार्थों के साथ सीधे संपर्क मंकीपॉक्स के फैलने के दो प्रमुख कारण हैं.

मंत्रालय ने एक दिशा निर्देश में कहा है कि मंकीपॉक्स एक वायरल बीमारी है जिसे देखभाल के साथ रोका जा सकता है. साथ ही कहा गया है कि यदि आप इसका लक्षण अनुभव करते हैं या किसी पुष्ट मंकीपॉक्स मामले के संपर्क में आए हैं, तो तुरंत अपने निकटतम स्वास्थ्य सुविधा केंद्र से संपर्क करें.

हालांकि भारत में इस साल मार्च से मंकीपॉक्स का कोई मामला सामने नहीं आया है और बड़े प्रकोप का जोखिम बहुत कम है. इसी क्रम में स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने दिशा-निर्देशों में कहा कि मंकी पॉक्स एक स्व-सीमित वायरल बीमारी है जो 2-4 सप्ताह तक रहती है, अधिकांश रोगी सहायक उपायों के माध्यम से ठीक हो जाते हैं.

मंकीपॉक्स के लक्षण और संकेत

बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, शरीर में दर्द, अस्वस्थता, ठंड लगना, गले में खराश और खांसी मंकीपॉक्स के सामान्य लक्षण हैं. इसके अलावा, बुखार शुरू होने के 1-3 दिनों के भीतर दाने दिखाई देते हैं, जो 2-4 सप्ताह तक रहते हैं.

मंकीपॉक्स से कैसे बचें

स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंकीपॉक्स के संदिग्ध या पुष्ट मामलों के साथ असुरक्षित निकट शारीरिक संपर्क से बचने का सुझाव दिया है. साथ ही कहा है कि बीमार व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल की गई सामग्री के संपर्क से बचें. मंत्रालय ने कहा कि हाथों की अच्छी स्वच्छता बनाए रखना और मरीजों की देखभाल करते समय उचित व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (PPE) का उपयोग करना मंकीपॉक्स से बचने के कुछ प्रमुख कदम हैं.

दिल्ली एम्स ने हाल ही में विदेश से लौटे एक मरीज में मंकीपॉक्स का संदिग्ध मामला दर्ज किया है. गौरतलब है कि हाल ही में नई दिल्ली में मंकीपॉक्स के खतरे पर आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक में प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. पीके मिश्रा ने देश में मंकीपॉक्स के लिए तैयारियों की स्थिति और संबंधित सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों की समीक्षा की थी. बैठक में बड़े पैमाने पर जागरूकता कार्यक्रम बनाने के अलावा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर स्वास्थ्य टीमों को संवेदनशील बनाने पर जोर दिया गया.

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