नई दिल्ली: नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने सोमवार को भारतीय, मैक्सिकन, कनाडाई और ब्रिटिश नागरिकों सहित राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर), राजस्थान, पंजाब और दुबई से संचालित एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय ड्रग कार्टेल रैकेट का भंडाफोड़ करने का दावा किया है.
ईटीवी भारत को एनसीबी जोनल यूनिट के निदेशक ज्ञानेंद्र सिंह ने कहा कि विशेष जानकारी के आधार पर हमारी दिल्ली जोनल यूनिट ने 27 जनवरी को डीएचएल शिपिंग कंसाइनमेंट में 2.946 किलोग्राम मेथमफेटामाइन जब्त किया. उन्होंने कहा कि एक व्यापक जांच के बाद हमने एक बड़े ड्रग कार्टेल रैकेट का खुलासा किया.
आगे की जांच के दौरान, पार्सल के दो कंसाइनर्स को जयपुर से पकड़ा गया. एनसीबी अधिकारी ने कहा कि गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों ने खुलासा किया कि विदेश में अपने हैंडलर के निर्देश के अनुसार वे नियमित आधार पर दिल्ली स्थित तस्कर से मेथ एकत्र करते थे और अपने हैंडलर की ओर से दिए गए विवरण के अनुसार पार्सल ऑस्ट्रेलिया भेजते थे. यह भी खुलासा हुआ कि उन्होंने अपनी पहचान छिपाने के लिए पार्सल बुक करने के लिए जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल किया.
उक्त ड्रग्स के आपूर्तिकर्ता को रोहिणी, दिल्ली में पकड़ा गया और उसके घर की तलाशी के दौरान 12.16 किलोग्राम मेथमफेटामाइन की बरामदगी हुई. एनसीबी अधिकारी ने कहा कि पूछताछ करने पर, यह पता चला कि दिल्ली में जब्त ड्रग्स का स्रोत पंजाब में है. इसके अलावा एकत्र किए गए अन्य इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल सबूतों के साथ-साथ गिरफ्तार व्यक्तियों के तकनीकी फुटप्रिंट की मदद से, यह पुष्टि की गई कि जब्त किए गए मादक पदार्थ का स्रोत लुधियाना के साथ-साथ पंजाब के अन्य अंतरराष्ट्रीय सीमावर्ती जिले हैं.
यह भी पता चला कि जब्त किया गया मादक पदार्थ लुधियाना स्थित गुप्त प्रयोगशाला में तैयार किया जा रहा था और पूरी तरह से निर्मित दवाओं को पंजाब के अमृतसर, फगवाड़ा, मोहाली जैसे विभिन्न स्थानों से घरेलू कुरियरों के माध्यम से भेजा जा रहा था.
एकत्रित खुफिया जानकारी पर कार्रवाई करते हुए, एनसीबी की दिल्ली जोन इकाई ने लुधियाना, मोहाली और जालंधर में कई छापे मारे. जनवरी में लुधियाना में एक परिसर में की गई छापेमारी के दौरान दो भारतीय नागरिकों को पकड़ा गया था. उनके परिसर की तलाशी से चार किलोग्राम स्यूडोएफेड्रिन की बरामदगी हुई.
पकड़े गए व्यक्तियों द्वारा किए गए खुलासे के अनुसार, एनसीबी टीम द्वारा एक किराए के गोदाम में अनुवर्ती कार्रवाई की गई, जिसका उपयोग पंजाब के लुधियाना में एक गुप्त प्रयोगशाला के रूप में किया जा रहा था. सिंह ने कहा कि परिसर की तलाशी के दौरान यह पुष्टि हुई कि उक्त परिसर का इस्तेमाल दिल्ली में जब्त किए जा रहे मेथमफेटामाइन के उत्पादन के लिए किया जा रहा है.
एनसीबी के अधिकारी ने बताया कि इस कार्रवाई में मेथमफेटामाइन के उत्पादन में इस्तेमाल होने वाले विभिन्न प्रकार के रसायनों को भी जब्त किया गया है. जिसमें पांच किलोग्राम स्यूडोफेड्रिन (एनडीपीएस अधिनियम 1985 के तहत नियंत्रित पदार्थ) भी शामिल है. तलाशी के दौरान, तीन मैक्सिकन नागरिकों को भी मौके से पकड़ लिया गया, जो पेशेवर केमिस्ट और कुक जो मेथमफेटामाइन तैयार करने में विशेषज्ञ थे. पकड़े गए लोगों से पूछताछ में पता चला कि ये तीनों मैक्सिकन नागरिक है. ये मैक्सिको और यूके स्थित अपने हैंडलर के निर्देशानुसार नवंबर 2023 में भारत आए थे और लुधियाना पंजाब में रह रहे थे.
एनसीबी अधिकारी ने कहा कि गिरफ्तार भारतीय नागरिक इन तीन मैक्सिकन नागरिकों को सभी प्रकार की सहायता और कच्चा माल उपलब्ध करा रहे थे, जो उपलब्ध रसायनों से मेथमफेटामाइन तैयार करने में एक केमिस्ट के रूप में काम कर रहे थे.
उक्त परिसर से बरामद रसायन और उपकरण में एसीटोन (2200 लीटर), कास्टिक सोडा (450 किलोग्राम), गैस मास्क, गैस स्टोव, 49 किलोग्राम आयोडीन, फ्लास्क, रसायनों के साथ छोटे लोहे के ड्रम, डिस्टिल्ड वाटर (24 लीटर), प्लास्टिक सिरिंज और गेज मीटर आदि शामिल हैं. अधिकारी ने कहा कि दिल्ली में आगे की जांच के दौरान, एक और सहयोगी को पंजाब के फिरोजपुर में पकड़ा गया. अधिकारी ने कहा कि मोहाली का एक वकील इस मामले में प्रमुख संदिग्धों में से एक है और फरार है.