बस्तर: साल 2024 काल बनकर नक्सलियों के लिए आया है. साल के शुरुआत से लेकर अभी तक जवानों ने नक्सिलयों को करारी चोट पहुंचाई है. साल के शुरुआती छह महीनों में ही एनकाउंटर, सरेंडर और गिरफ्तार की घटनाओं में 1000 से ज्यादा नक्सली खत्म हो चुके हैं. सबसे ज्यादा संख्या सरेंडर करने वाले माओवादियों की है. नक्सलियों के खिलाफ लोन वर्राटू से लेकर पूना नार्कोम अभियान तक रंग ला रहा है. बस्तर में जवानों की बढ़ती धमक के चलते माओवादी अब अपनी मांद भी सुरक्षित नहीं हैं.
नक्सलियों पर UAV ड्रोन से रखी जाएगी नजर: नक्सलवाद के समूल नाश के लिए अब फोर्स नई रणनीति पर काम करने जा रही है. फोर्स अब जंगल में छिपे माओवादियों पर ड्रोन कैमरों से निगरानी करेगी. फोर्स अब माओवादियों के मूवमेंट पर UAV के जरिए नजर भी रखेगी और ऑपरेशन भी ऑपरेट करेगी. सैटेलाइट रडार के जरिए नक्सलियों पर नजर रखना आसान हो जाएगा. हिंसक गतिविधियों में भी कमी आएगी. रडार से मिलने वाले सिग्नल सीधे सेंट्रल मॉनिटरिंग कमांड कंट्रोल रुम में पहुंचेंगे.
''माओवादियों के खिलाफ प्रभावी रूप से कार्रवाई करने के लिए जितने उपकरण पुलिस के पास मौजूद हैं उसका बेहतर इस्तेमाल किया जा रहा है. सुरक्षात्मक दृष्टि से तकनीक और संसाधनों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. नियमों के मुताबिक हम इस संबंध में बहुत ज्यादा जानकारी नहीं दे सकते हैं. हमें माओवादियों के खिलाफ निर्णायक बढ़त मिली है. आने वाले दिनों में हम कई और सफलता को हासिल करेंगे.'' - सुंदरराज पी, आईजी, बस्तर रेंज
नक्सलियों के खिलाफ अब ऑपरेशन होगा घातक: कंट्रोल रुम में मिले सिग्नल से फोर्स को मूव करने में आसानी होगी. समय पर आतंक के खिलाफ एक्शन चलाया जा सकेगा. UAV ड्रोन की खासियत होती है कि ये 15000 फीट की उंचाई से नीचे की चीजों को देख लेता है. इसकी एक और खासियत है कि ये 200 किमी के दायरे में अपने कैमरों की मदद से निगरानी कर सकता है. बस्तर में ऐसा पहली बार होने वाला है जब बस्तर में फोर्स की मदद के लिए UAV ड्रोन की मदद ली जा रही है. बारिश से लेकर धुंध के मौसम में भी ये आसानी से काम कर सकेगा.