टिहरी: एशिया के सबसे बड़े बांधों में शुमार टिहरी डैम के किनारे चार दिवसीय नेशनल पैराग्लाइडिंग एक्यूरेसी चैंपियनशिप का आगाज हो गया है. रोमांच के इस खेल में हिस्सा लेने के लिए देश करीब 15 राज्यों के 105 प्रतिभागियों ने पंजीकरण करवाया है. इनमें 8 महिलाएं भी शामिल हैं, जो आसमान में उड़ान भर रही हैं. इस चैंपियनशिप का शुभारंभ टिहरी डीएम मयूर दीक्षित ने किया.
टिहरी के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित का कहना है कि इस तरह के आयोजनों से टिहरी झील को दुनिया के पर्यटन मानचित्र पर एक नई पहचान मिलेगी. क्योंकि, टिहरी झील एडवेंचर स्पोर्ट्स के लिए उपयुक्त स्थान है. यहां पर पर्यटन और रोजगार की अपार संभावनाएं हैं. लिहाजा, इस दिशा में और भी अच्छे प्रयास किए जाएंगे. गौर हो कि बीती साल यानी नवंबर 2023 में टिहरी में एक्रो पैराग्लाइडिंग फेस्टिवल का आयोजन किया गया था. जिसमें टेक ऑफ प्वाइंट प्रतापनगर और लैंडिंग प्वाइंट कोटी कॉलोनी रखा गया था.
वहीं, पैराग्लाइडिंग के अच्छे रूझान आने के बाद अब यूटीडीए, टीएचडीसी और जिला प्रशासन के माध्यम से नेशनल पैराग्लाइडिंग एक्यूरेसी चैंपियनशिप करवाई जा रही है. इस चैंपियनशिप के पहले दिन कर्नाटक, मणिपुर, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, मिजोरम, दिल्ली, पंजाब, उत्तराखंड से 72 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया, जिसमें 8 महिलाएं भी शामिल हैं. यह नेशनल पैराग्लाइडिंग एक्यूरेसी चैंपियनशिप का आयोजन मंत्रा के सहयोग से उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के तत्वाधान में किया जा रहा है.
यह चैंपियनशिप 25 अप्रैल तक आयोजित की जाएगी, जिसमें टेक ऑफ प्वाइंट कुठ्ठा और लैंडिंग प्वाइंट कोटी कॉलोनी है. प्रतियोगिता में पहली बार उत्तराखंड के स्थानीय प्रतिभागियों को भी मौका मिल रहा है. उत्तराखंड के स्थानीय बच्चों को एक साल से टिहरी में पैराग्लाइडिंग के ट्रेनिंग प्रोग्राम करवाए जा रहे हैं, जिसमें पैराग्लाइडिंग के पी 1, पी 2, पी 3, पी 4 की ट्रेनिंग करवाई गई.
विजेताओं को मिलेगा कैश प्राइज: वहीं, एडवेंचर स्पोर्ट्स में वाटर स्पोर्ट्स पर ज्यादा फोकस किया जा रहा है. इस चैंपियनशिप में पैराग्लाइडरों की ओर से 5-5 राउंड किए जाएंगे. अंतिम दिन प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विजेता को 1 लाख रुपए, द्वितीय विजेता को 75 हजार रुपए और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले को 50 हजार रुपए का इनाम दिया जाएगा.
पद्मश्री से सम्मानित स्काइडाइवर शीतल महाजन ने कही ये बात: वहीं, महाराष्ट्र के पद्मश्री से सम्मानित स्काइडाइवर शीतल महाजन ने कहा कि यह पहला ऐसा डेस्टिनेशन है, जो दुनिया में शायद कहीं भी नहीं होगा. वो यहां आकर प्रसन्न और अचंभित है. टिहरी जिले में भी एक ऐसा स्थान है, जहां पर रोजगार के कई साधन बन सकते हैं. उन्होंने ये भी कहा कि ऐसे स्थान को देश और दुनिया के सामने आगे लाने की जरूरत है.
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