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जम्मू-कश्मीर: नेशनल कांफ्रेंस की बैठक में मंथन, उमर अब्दुल्ला लड़ सकते हैं विधानसभा चुनाव! - NC holds Marathon Meeting

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 4, 2024, 8:46 PM IST

Jammu-Kashmir Assembly Elections: जम्मू-कश्मीर में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए रणनीति तैयार करने के लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) की दो दिवसीय मैराथन बैठक हुई. पार्टी अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला की अध्यक्षता में हुई बैठक में कांग्रेस पार्टी के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन पर भी चर्चा हुई. पार्टी के बयान से संकेत मिले हैं कि उमर विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं. पढ़ें ईटीवी भारत से संवाददाता मीर फरहत की रिपोर्ट...

NC holds marathon meeting for contesting assembly polls
विधानसभा चुनावों की रणनीति तैयार करने के लिए नेशनल कांफ्रेंस ने कार्य समूह की बैठक की (ETV Bharat)

श्रीनगर: विधानसभा चुनाव से पहले नेशनल कांफ्रेंस ने आगामी चुनावों की रूपरेखा तय करने के लिए अपनी कार्यसमिति की दो दिवसीय मैराथन बैठक की. ये चुनाव सितंबर में होने की संभावना है. यहां नवा-ए-सुबहा स्थित पार्टी मुख्यालय में नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला की अध्यक्षता में हुई बैठक में कांग्रेस पार्टी के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन पर भी चर्चा हुई. बैठक में फारूक के अलावा, नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला, महासचिव अली मुहम्मद सागर, अतिरिक्त महासचिव शेख मुस्तफा कमाल, अजय कुमार सधोत्रा, प्रांतीय अध्यक्ष नासिर असलम वानी, रतन लाल गुप्ता और कार्यसमिति के अन्य सदस्य मौजूद थे. वहीं बैठक के पार्टी द्वारा जारी बयान में नेशनल कांफ्रेंस ने संकेत दिया कि उमर विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं.

बैठक के समापन के बाद नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने मीडिया से कहा, 'हमें उम्मीद है कि भारत का चुनाव आयोग जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट की समय सीमा (30 सितंबर) का पालन करेगा. इस पृष्ठभूमि में पार्टी अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने कार्यसमिति की बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें विधानसभा चुनाव की तैयारियों और जम्मू-कश्मीर के लोगों के सामने आने वाले अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई'. उमर ने कहा कि, बैठक में कांग्रेस के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन पर चर्चा हुई और इस बारे में अंतिम फैसला फारूक अब्दुल्ला लेंगे.

जम्मू-कश्मीर में संसदीय चुनाव की पांच सीटों पर नेशनल कांफ्रेंस (NC) और कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ा था. एनसी ने कश्मीर की दो सीटें जीतीं और एक हारी, जबकि कांग्रेस ने भाजपा के खिलाफ जम्मू और उधमपुर की दोनों सीटें गंवा दीं. नेशनल कांफ्रेंस को कश्मीर घाटी में बड़ा वोट शेयर मिला और 35 विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त मिली, जबकि कांग्रेस का वोट शेयर भी पिछले दो आम चुनावों की तुलना में जम्मू और उधमपुर में बढ़ा है.

नेशनल कांफ्रेंस के सूत्रों ने बताया कि, विधानसभा चुनाव के संभावित उम्मीदवारों पर भी चर्चा हुई. सूत्रों ने बताया कि नेताओं ने पार्टी उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला पर विधानसभा चुनाव लड़ने का दबाव बनाया. उमर ने हाल के दिनों में कई इंटरव्यू में कहा है कि वह यूटी में विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे. 2022 में ईटीवी भारत को दिए इंटरव्यू में उमर ने कहा था कि वह यूटी में विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे, लेकिन पार्टी उम्मीदवारों के लिए प्रचार करेंगे.

इसमें कहा गया है, कार्य समूह के सदस्यों ने डॉ. फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में किसी भी चुनौती पर विजय पाने का संकल्प लिया. तीन बार के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला 2019 से श्रीनगर से सांसद थे, हालांकि, उन्होंने अपनी बढ़ती उम्र के कारण 2024 का संसदीय चुनाव नहीं लड़ा. उमर को बारामुला से संसदीय चुनाव में जेल में बंद सांसद इंजीनियर राशिद से हार का सामना करना पड़ा. हार के बाद उमर ने कहा कि वह हार से दुखी हैं.

विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस, पीडीपी, पीसी, अपनी पार्टी और भाजपा समेत जम्मू-कश्मीर के अन्य राजनीतिक दलों ने चुनाव लड़ने के लिए बैठक की. ये पार्टियां विधानसभा चुनाव लड़ने का बेसब्री से इंतजार कर रही हैं क्योंकि आखिरी चुनाव 2014 में हुए थे. पीडीपी और भाजपा ने गठबंधन सरकार बनाई लेकिन जून 2018 में भाजपा ने महबूबा मुफ्ती से अपना समर्थन वापस ले लिया. तब से जम्मू-कश्मीर राष्ट्रपति शासन के तहत चल रहा है और अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बदलने के बाद एलजी और उनके एकमात्र सलाहकार यूटी में प्रशासन चला रहे हैं.

योग दिवस पर श्रीनगर की यात्रा पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वादा किया है कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव होंगे और राज्य का दर्जा भी बहाल किया जाएगा. पीएम ने कोई विशेष समयसीमा नहीं बताई, जबकि सुप्रीम कोर्ट की 30 सितंबर की समयसीमा नजदीक आ रही है.

पढ़ें: जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा की दिल्ली में बड़ी बैठक

श्रीनगर: विधानसभा चुनाव से पहले नेशनल कांफ्रेंस ने आगामी चुनावों की रूपरेखा तय करने के लिए अपनी कार्यसमिति की दो दिवसीय मैराथन बैठक की. ये चुनाव सितंबर में होने की संभावना है. यहां नवा-ए-सुबहा स्थित पार्टी मुख्यालय में नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला की अध्यक्षता में हुई बैठक में कांग्रेस पार्टी के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन पर भी चर्चा हुई. बैठक में फारूक के अलावा, नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला, महासचिव अली मुहम्मद सागर, अतिरिक्त महासचिव शेख मुस्तफा कमाल, अजय कुमार सधोत्रा, प्रांतीय अध्यक्ष नासिर असलम वानी, रतन लाल गुप्ता और कार्यसमिति के अन्य सदस्य मौजूद थे. वहीं बैठक के पार्टी द्वारा जारी बयान में नेशनल कांफ्रेंस ने संकेत दिया कि उमर विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं.

बैठक के समापन के बाद नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने मीडिया से कहा, 'हमें उम्मीद है कि भारत का चुनाव आयोग जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट की समय सीमा (30 सितंबर) का पालन करेगा. इस पृष्ठभूमि में पार्टी अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने कार्यसमिति की बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें विधानसभा चुनाव की तैयारियों और जम्मू-कश्मीर के लोगों के सामने आने वाले अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई'. उमर ने कहा कि, बैठक में कांग्रेस के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन पर चर्चा हुई और इस बारे में अंतिम फैसला फारूक अब्दुल्ला लेंगे.

जम्मू-कश्मीर में संसदीय चुनाव की पांच सीटों पर नेशनल कांफ्रेंस (NC) और कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ा था. एनसी ने कश्मीर की दो सीटें जीतीं और एक हारी, जबकि कांग्रेस ने भाजपा के खिलाफ जम्मू और उधमपुर की दोनों सीटें गंवा दीं. नेशनल कांफ्रेंस को कश्मीर घाटी में बड़ा वोट शेयर मिला और 35 विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त मिली, जबकि कांग्रेस का वोट शेयर भी पिछले दो आम चुनावों की तुलना में जम्मू और उधमपुर में बढ़ा है.

नेशनल कांफ्रेंस के सूत्रों ने बताया कि, विधानसभा चुनाव के संभावित उम्मीदवारों पर भी चर्चा हुई. सूत्रों ने बताया कि नेताओं ने पार्टी उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला पर विधानसभा चुनाव लड़ने का दबाव बनाया. उमर ने हाल के दिनों में कई इंटरव्यू में कहा है कि वह यूटी में विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे. 2022 में ईटीवी भारत को दिए इंटरव्यू में उमर ने कहा था कि वह यूटी में विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे, लेकिन पार्टी उम्मीदवारों के लिए प्रचार करेंगे.

इसमें कहा गया है, कार्य समूह के सदस्यों ने डॉ. फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में किसी भी चुनौती पर विजय पाने का संकल्प लिया. तीन बार के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला 2019 से श्रीनगर से सांसद थे, हालांकि, उन्होंने अपनी बढ़ती उम्र के कारण 2024 का संसदीय चुनाव नहीं लड़ा. उमर को बारामुला से संसदीय चुनाव में जेल में बंद सांसद इंजीनियर राशिद से हार का सामना करना पड़ा. हार के बाद उमर ने कहा कि वह हार से दुखी हैं.

विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस, पीडीपी, पीसी, अपनी पार्टी और भाजपा समेत जम्मू-कश्मीर के अन्य राजनीतिक दलों ने चुनाव लड़ने के लिए बैठक की. ये पार्टियां विधानसभा चुनाव लड़ने का बेसब्री से इंतजार कर रही हैं क्योंकि आखिरी चुनाव 2014 में हुए थे. पीडीपी और भाजपा ने गठबंधन सरकार बनाई लेकिन जून 2018 में भाजपा ने महबूबा मुफ्ती से अपना समर्थन वापस ले लिया. तब से जम्मू-कश्मीर राष्ट्रपति शासन के तहत चल रहा है और अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बदलने के बाद एलजी और उनके एकमात्र सलाहकार यूटी में प्रशासन चला रहे हैं.

योग दिवस पर श्रीनगर की यात्रा पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वादा किया है कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव होंगे और राज्य का दर्जा भी बहाल किया जाएगा. पीएम ने कोई विशेष समयसीमा नहीं बताई, जबकि सुप्रीम कोर्ट की 30 सितंबर की समयसीमा नजदीक आ रही है.

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