नई दिल्ली/नोएडा: साइबर अपराधियों ने सेक्टर 62 स्थित नैनीताल बैंक के आरटीजीएस (रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट) चैनल को हैक करके करीब 16.1 करोड़ रुपये की ठगी कर ली. बताया जा रहा है कि बैंक के कई दिनों तक बैलेंस शीट का मिलान सही ना हो पाने के बाद जांच शुरू की गई. इस दौरान बैंक के सर्वर में घुसपैठ करके हैकिंग का मामला सामने आया. इसको लेकर बैंक के आईटी मैनेजर ने साइबर क्राइम थाने के साथ ही सर्ट-इन (इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम) और अन्य बड़ी एजेंसियों से मामले की शिकायत की.
पुलिस को दी गई शिकायत में सुमित कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि वह सेक्टर 62 स्थित नैनीताल बैंक में आईटी मैनेजर के पद पर तैनात हैं. उन्होंने बताया कि उनके बैंक में 17 जून को आरबीआई सेटलमेंट आरटीजीएस खाते के नियमित समाधान के दौरान बैलेंस सीट में 3 करोड़ 60 लाख 94 हजार 20 रुपये का अंतर पाया गया. इसके बाद आरटीजीएस टीम ने एसएफएमएस सर्वर के साथ सीबीएस (कोर बैंकिंग सिस्टम) में लेनदेन की जांच की. इस दौरान पाया गया कि सीबीएस (कोर बैंकिंग सिस्टम) और एसएफएमएस (स्ट्रक्चर्ड फाइनेंशियल मैसेजिंग सिस्टम) में कुछ खामिया हैं.
इसके बाद इसे देर से आरटीजीएस संदेश का मामला मानते हुए आरटीजीएस टीम ने अगले कार्य दिवस तक इंतजार करने का फैसला किया. इसके बाद 18 जून को भी आरबीआई बैलेंस सीट मेल नहीं खा रहा थी और 2,19.23,050 का अंतर पाया गया. जबकि, एसएफएमएस में निपटान रिपोर्ट भी बैंकों के सीबीएस के साथ मेल खा रही थी. इस दौरान जांच में कुछ संदिग्ध गतिविधि नजर आई.
शुरुआत में आरटीजीएस टीम का विचार था कि सिस्टम लाइन में कुछ समस्या है, जिसके कारण शेष राशि का मिलान नहीं हो रहा. हालांकि, 20 जून को आरबीआई प्रणाली की समीक्षा के बाद यह पाया गया कि 85 फीसदी लेनदेन रुपये में की गई है. जिसकी जांच में आरबीआई प्रणाली में 16,95,33,221.11 बैंक सीबीएस के साथ-साथ एसएफएमएस में नही दिख रहे थे. इस दौरान पता चला कि बैंक से 84 बार लेनदेन धोखाधड़ी के जरिए हुए हैं.
आरटीजीएस सिस्टम को हैक कर हुई ठगी: बैंक के आईटी मैनेजर ने बताया कि जांच में पता चला कि आरटीजीएस की संदिग्ध हैकिंग करके धोखाधड़ी से लेनदेन किए गए और संदिग्ध खातों में 17 से 21 जून 2024 तक रुपये ट्रांसफर किए गए. इसके साथ ही आरटीजीएस सेटलमेंट से रुपये आरबीआई खाते से निकाला गया और राशि कई बैंकों के खातों में जमा की गई.
धोखाधड़ी से ट्रांसफर की गई रकम को फिर से वापस पाने के लिए संबंधित बैंकों को ई- मेल भेजकर खातों को फ्रीज करने के लिए कहा गया है. इसके साथ ही जिन खातों में राशि संदिग्ध तरीके से ट्रांसफर हुई है. बैंकों से उनके खाता धारकों से केवाईसी दस्तावेज लेने के लिए भी कहा गया है. इसमें फर्जी तरीके से हुई पांच लेनदेन की कुल राशि 69,49,960 को बैंकों ने फ्रीज करके वापस कर दिया है.
बड़ी एजेंसियां मामले की जांच में जुटी: बैंक के आईटी मैनेजर ने बताया कि बैंक के साथ कुल 16,01,83,261.11 रुपये की आरटीजीएस सिस्टम को हैक करके ठगी की गई है. जो अलग-अलग बैंकों के खातों में ट्रांसफर हुई है. मामले में बैंक के सर्वर में हैकिंग की जानकारी होने के बाद उन्होंने साइबर क्राइम थाने के साथ ही आरबीआई एसएसएम टीम, आरबीआई सीएसआईटीई टीम, सर्ट-इन को शिकायत दी है. मामले में सभी एजेंसियां पूरे मामले की जांच में जुटी हुई हैं.
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