मुजफ्फरपुरः हर साल की तरह मुजफ्फरपुर के गौशाला रोड स्थित बड़ी ईदगाह की लीची लाल हो चुकी है और अब कुछ ही दिनों में इसकी तुड़ाई भी शुरू हो जाएगी. जिस तरह मुजफ्फरपुर की शाही लीची का स्वाद अनूठा है वैसी ही अनूठी बात ये है कि शहर के ईदगाह बागान की लीची ही सबसे पहले लाल होती है और सबसे ज्यादा मीठी भी, आखिर क्यों, ये अभी तक रहस्य ही है.
![सबसे पहले तैयार होती है ईदगाह बागान की लीची](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/09-05-2024/bh-muz-pr-7212127_09052024134339_0905f_1715242419_468.jpg)
जल्द सजेगा शाही लीची का बाजारः मई महीना शुरू होते ही लोगों का मन शाही लीची का स्वाद लेने के लिए मचलने लगता है. तो अब अपने मन को मत ललचाइये ! और मुजफ्फरपुर की शाही लीची का स्वाद लेने के लिए तैयार हो जाइये. दरअसल ईदगाह बागान की लीची की तुड़ाई कुछ ही दिनों में शुरू होनेवाली है. ईदगाह के बागान की लीची की तुड़ाई के 10 दिनों बाद ही दूसरे बागानों से तुड़ाई शुरू हो जाएगी और लीची का बाजार सज जाएगा.
![लाल हो गयी ईदगाह बागान की लीची](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/09-05-2024/bh-muz-pr-7212127_09052024134339_0905f_1715242419_593.jpg)
कुदरत का करिश्मा !: ईदगाह बागान कमिटी के सदस्य मो. रहफत ने बताया कि वे बचपन से देखते आ रहे हैं कि ईदगाह के बाग की लीची सबसे पहले पकती है और यहां सबसे पहले तुड़ाई होती है. उसके बाद ही दूसरी जगह लीची टूटती है.यह किसी कुदरत के करिश्मे से कम नहीं है.
![जल्द सजेगा लीची का बाजार](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/09-05-2024/21426319_bh_shahi-lichi-info-1.jpg)
"कई वैज्ञानिक और कई रिसर्च कम्पनियां भी यहां आकर इस बारे में रिसर्च कर चुकी हैं. अपने साथ सैंपल और कुछ फोटो भी ले गईं, लेकिन आज तक ये पता नही चल पाया कि आखिर यहां की लीची सबसे पहले लाल क्यों हो जाती है. अन्य जगहों की लीची के मुकाबले यहां की लीची 15 से 20 दिन आगे चलती है." मो. रहफत, सदस्य, ईदगाह बागान कमेटी
'पहले तैयार होती है शाही लीची की फसल:' लीची अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिक डॉक्टर सुनील कुमार के मुताबिक लीची की कई किस्में होती हैं और सभी किस्मों में फूल आने और फल पकने का समय अलग-अलग होता है. शाही लीची की क्रॉप में फूल पहले आ जाते हैं, जबकि, चाइना किस्म में थोड़ी देर से आते हैं. इसलिए उसमें 10 से 15 दिन का तुड़ाई का फर्क रहता है.
![जल्द सजेगा लीची का बाजार](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/09-05-2024/21426319_bh_shahi-lichi-info-2.jpg)
प्रधानमंत्री-राष्ट्रपति को हर साल भेजी जाती है लीचीःमुजफ्फरपुर की शाही लीची देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में अपने अनूठे स्वाद के लिए मशहूर है और इसे जीआई टैग भी प्राप्त है.हर साल की तरह इस बार भी वर्ल्ड फेमस मुजफ्फरपुर की शाही लीची का स्वाद राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री समेत कई गणमान्य लोग चखेंगे.लीची की तुड़ाई होने के बाद इसे दिल्ली भेजने की तैयारियां शुरू हो जाती हैं.
अनूठे स्वाद की दुनिया दीवानीः शाही लीची के स्वाद के दीवाने सिर्फ हिंदुस्तान में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में हैं. यही कारण है कि अब यूरोप के बाजार में भी लीची भेजने की तैयारी तेज हो गयी है. इसके लिए मुजफ्फरपुर में लीची के निर्यातक पहुंचने लगे हैं. पिछले महीने ही लखनऊ के मोही ट्रेडिंग कंपनी के संचालक दीपक मिश्रा ने इसको लेकर किसानों और लीची विज्ञानी से मुलाकात भी की थी. निर्यात में लीची उत्पादक संघ इनका सहयोग करेगा.
![खास है मुजफ्फरपुर की शाही लीची](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/09-05-2024/bh-muz-pr-7212127_09052024134339_0905f_1715242419_520.jpg)
लीची के पैक डिब्बों की होगी बार कोडिंगः वैसे तो हर साल ही मुजफ्फरपुर की लीची महाराष्ट्र और दक्षिण भारत के बाजारों की शान बनती है, लेकिन इस बार रेलवे ने पूरे भारत में इसे पहुंचाने के लिए खास इंतजाम किए हैं. रेलवे इस बार हर लीची के पैकेट का बार कोडिंग करेगा और उसका एक लेबल भी पैकेट पर चिपकाया जाएगा. इसके अलावा मुजफ्फरपुर जंक्शन पर लीची किसानों और कारोबारियों के वाहनों के लिए पार्किंग शुल्क नहीं लगेगा. साथ ही उनलोगों के पीने के पानी की भी व्यवस्था की जाएगी.
![शाही लीची का स्वाद अनूठा](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/09-05-2024/bh-muz-pr-7212127_09052024134339_0905f_1715242419_906.jpg)
मुजफ्फरपुर से पूरे देश में भेजी जाएगी लीचीःमुजफ्फरपुर जंक्शन से पवन एक्सप्रेस से रोज 1800 पैकेट पार्सल वैन के जरिये और 250 पैकेट लोकमान्य तिलक टर्मिनल के एसएलआर कोच में लोड होंगे. इसके अलावा पुणे, यशवंतपुर, बेंगलुरू, अहमदाबाद के लिए भी लीची भेजी जाएगी. उत्तर भारत जाने वाली ट्रेनों में फिलहाल एसएलआर कोच से लीची की खेप जाएगी. साथ ही दानापुर और पाटलिपुत्र स्टेशन से भी कनेक्टिंग ट्रेन के जरिये लीची दूसरे शहरों में भेजी जाएगी.
बिहार सबसे बड़ा उत्पादकः भारत के कई राज्यों में लीची का उत्पादन होता है लेकिन देश के कुल लीची उत्पादन के 42.55 फीसदी की हिस्सेदारी के साथ बिहार सबसे बड़ा उत्पादक है. इसके बाद पश्चिम बंगाल और झारखंड का नंबर आता है. लीची उत्पादन में चौथा नंबर असम का है.
![शाही लीची का स्वाद अनूठा](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/09-05-2024/bh-muz-pr-7212127_09052024134339_0905f_1715242419_970.jpg)
मुजफ्फरपुर की शाही लीची अव्वलः बिहार में भी मुजफ्फरपुर की शाही लीची की मिठास दूसरी लीचियों पर भारी पड़ती है. मिठास के साथ-साथ ही शाही लीची दूसरी किस्मों से अधिक गूदेदार और रसभरी भी होती है.यही कारण है कि इस लीची की मांग सबसे ज्यादा रहती है. मुजफ्फरपुर में स्थापित राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र लीची की उन्नत किस्मों और उसकी पैदावार बढ़ाने पर लगातार काम कर रहा है.