नई दिल्ली: भारत की पहली बुलेट ट्रेन मुंबई-अहमदाबाद के बीच दौड़ेगी. हाई स्पीड रेल लाइन का निर्माण कार्य युद्धस्तर पर जारी है. राष्ट्रीय हाई स्पीड रेल निगम लिमिटेड (NHSRCL) के अधिकारियों का कहना है कि सुरक्षित यात्रा और रेल दुर्घटना से बचने के लिए मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर को सबसे उन्नत दुर्घटना बचाव प्रणाली से सुसज्जित किया जाएगा.
एनएचएसआरसीएल के अनुसार, जापानी बुलेट ट्रेन नेटवर्क शिंकानसेन (Shinkansen) की तकनीक अपने संचालन के 55 वर्षों से भी अधिक समय से प्रभावशाली सुरक्षा रिकॉर्ड के लिए जानी जाती है. डिजिटल संचार और नियंत्रण (डीएस-एटीसी) के माध्यम से दुर्घटनाओं से बचने के लिए मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर पर भी इसी तकनीक का उपयोग किया जाएगा.
एनएचएसआरसीएल के अधिकारियों ने कहा कि सिस्टम में सबसे उन्नत दुर्घटना बचाव तकनीक लगाई जाएगी, जो ओवर स्पीडिंग के मामले में स्वचालित ब्रेक सिस्टम से सुसज्जित होगी. अधिकारियों के अनुसार, सुरक्षित और कुशल हाई-स्पीड रेल नेटवर्क बनाने के लिए मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना में दो मुख्य तरीकों से जापानी शिंकानसेन तकनीक को शामिल किया जा रहा है: पहला- बुलेट ट्रेन E5 सीरीज शिंकानसेन पर आधारित होगी, जिसमें इसकी उच्च गति, वायुगतिकीय शोर में कमी और उन्नत सुरक्षा प्रणाली शामिल होगी. दूसरा- जापान बुनियादी ढांचे के निर्माण और रखरखाव में विशेषज्ञता प्रदान करने के साथ सफल शिंकानसेन निर्माण विधियों और परिचालन संबंधी जानकारी साझा कर रहा है.
इस साल की शुरुआत में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि बुलेट ट्रेन परियोजना में सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है और 1969 में शुरू हुई जापानी बुलेट ट्रेन की शिंकानसेन प्रणाली दुनिया भर में अपनी सुरक्षा के लिए जानी जाती है. भारत में इस प्रणाली को अपनाने से इसके बारे में विशेषज्ञता का आधार तैयार हो रहा है.
2026 में शुरू हो सकता है ट्रायल रन
रेल मंत्री वैष्णव ने पहले कहा था, रेल मंत्राल ने सूरत और बिलिमोरा के बीच हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के पहले खंड का ट्रायल रन साल 2026 के जुलाई या अगस्त में शुरू करने का लक्ष्य तय किया है. इसके बाद बाकी खंड का ट्रायल रन होगा.
320 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी बुलेट ट्रेन
एनएचएसआरसीएल के अनुसार, बुलेट ट्रेन या हाई स्पीड ट्रेन 320 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी और 508 किलोमीटर की रेल लाइन में 12 स्टेशनों को कवर करेंगी. प्रतिदिन एक तरफ से 35 ट्रेनें चलेंगी और पीक ऑवर्स में हर 20 मिनट में और नॉन-पीक ऑवर्स में 30 मिनट एक ट्रेन दौड़ेगी.
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