हैदराबाद: उत्तर प्रदेश के माफिया मुख्तार अंसारी की मौत हो गई है. बांदा के मेडिकल कॉलेज में कार्डियक अरेस्ट के चलते उसकी सांसे थम गईं. उसने दबंगई के चलते तमाम ऐसे काम किए, जो काफी चर्चित हुए. ऐसा ही एक काम है 2017 का विधानसभा चुनाव. इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की लहर होने के बावजूद भी वह चुनाव जीता. आइये जानते हैं पूरा मामला..
2017 के विधानसभा चुनाव में थी बीजेपी की लहर
2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की जबरदस्त लहर थी. इसके बावजूद मुख्तार अंसारी अपनी सीट बचाने में सफल रहा. उसने बीजेपी के सहयोगी दल के कैंडीडेट महेंद्र राजभर को करारी हार दी. बता दें, बाहुबली मुख्तार अंसारी ने सात हजार से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की थी.
पार्टी का किया विलय
माफिया मुख्तार ने अपनी पार्टी कौमी एकता दल का बहुजन समाज पार्टी में विलय कर दिया था. ऐसा पहली बार हुआ जब मुख्तार अंसारी ने बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीता भी. इससे पहले वह दो बार निर्दलीय भी चुनाव जीत चुका था. बता दें, 2012 के विधानसभा चुनाव में उसने मऊ से कौमी एकता दल के टिकट पर चुनाव में किस्मत आजमाई और सफल भी हुआ.
दर्ज हैं 65 से अधिक मामले
माफिया मुख्तार अंसारी के खिलाफ करीब 65 से अधिक मामले दर्ज हैं. जानकारी के मुताबिक बाहुबली मुख्तार की शस्त्र लाइसेंस, 29 अगस्त 2009 के मन्ना सिंह हत्याकांड समेत तमाम केसों को लेकर उसकी पेशी चल रही है.