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तोड़फोड़ और लूटपाट मामले में आजम खान सहित 7 आरोपी बरी, 2019 में दर्ज हुआ था केस

एमपी एमएलए कोर्ट (MP MLA Court Rampur) ने मकान ढहाने और लूटपाट के मामले में समाजवादी नेता आजम खान, तत्कालीन सीओ, चेयरमैन नगर पालिका सहित सात आरोपियों बरी कर दिया है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 31, 2024, 6:20 PM IST

एमपी एमएलए कोर्ट ने आजम खान सहित सात आरोपियों को किया बरी. जानकारी देते अधिवक्ता जुबेर अहमद.

रामपुर : समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खान को रामपुर की एमपी एमएलए कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने 2019 में दर्ज हुए मामले में आजम खान समेत 7 आरोपियों को भी बरी कर दिया है. तीन फरवरी 2016 को तत्कालीन सीओ सिटी अली हसन खान व तत्कालीन नगर पालिका परिषद रामपुर के अध्यक्ष अजहर अली खान पर जबरन मकान ढहाने और 15 हजार रुपये लूट ले जाने के बाबत केस दर्ज कराया गया था. पुलिस जांच के दौरान आरोपियों में सपा नेता आजम खान का नाम शामिल किया गया था.


आजम खान के अधिवक्ता जुबेर अहमद ने मीडिया को बताया कि मामला डूंगरपुर से सम्बन्धित था. आरोप था कि तीन फरवरी 2016 में डूंगरपुर के घर आले हसन तत्कालीन सीओ, चेयरमैन और तमाम लोग आए और हमारा घर तोड़ लिया और 15 हजार रुपये लूट ले गए. यह आरोप प्रॉसीक्यूशन न्यायालय के अंदर साबित नहीं हो पाया. न्यायालय ने पाया कि मुकदमा बेबुनियाद था, क्योंकि आसरा कॉलोनी 2015 में बनना शुरू हो गई थी. यह तमाम बातें देखने के बाद न्यायालय ने सबको आरोप से बरी कर दिया है.

वकील जुबेर अहमद ने बताया कि 'हमें अभी न्यायालय की कॉपी रिसीव नहीं हुई है, लेकिन सभी आरोपी बरी हो गए हैं. इस मामले में 2019 में एफआईआर दर्ज हुई थी. आजम खान को एफआईआर के अंदर मुलजिम नहीं बनाया गया. इसके अलावा प्रथम विवेचक और सेकंड विवेचक ने उनको मुलजिम नहीं बनाया. जब उन्होंने सीतापुर जेल में दूसरे केस में सरेंडर कर दिया तो इस मुकदमे में फंसने के लिए एक अभियुक्त के बयान पर इस केस में मुलजिम बना दिया गया और प्रॉसीक्यूशन अपना केस साबित नहीं कर पाया. इस केस में सात मुलजिम थे और सातों मुलजिमों को बरी कर दिया गया है.

यह भी पढ़ें : आजम खान के करीबी पूर्व सीओ सिटी और पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष के खिलाफ दर्ज मुकदमे में 31 जनवरी को कोर्ट सुनाएगी फैसला

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एमपी एमएलए कोर्ट ने आजम खान सहित सात आरोपियों को किया बरी. जानकारी देते अधिवक्ता जुबेर अहमद.

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आजम खान के अधिवक्ता जुबेर अहमद ने मीडिया को बताया कि मामला डूंगरपुर से सम्बन्धित था. आरोप था कि तीन फरवरी 2016 में डूंगरपुर के घर आले हसन तत्कालीन सीओ, चेयरमैन और तमाम लोग आए और हमारा घर तोड़ लिया और 15 हजार रुपये लूट ले गए. यह आरोप प्रॉसीक्यूशन न्यायालय के अंदर साबित नहीं हो पाया. न्यायालय ने पाया कि मुकदमा बेबुनियाद था, क्योंकि आसरा कॉलोनी 2015 में बनना शुरू हो गई थी. यह तमाम बातें देखने के बाद न्यायालय ने सबको आरोप से बरी कर दिया है.

वकील जुबेर अहमद ने बताया कि 'हमें अभी न्यायालय की कॉपी रिसीव नहीं हुई है, लेकिन सभी आरोपी बरी हो गए हैं. इस मामले में 2019 में एफआईआर दर्ज हुई थी. आजम खान को एफआईआर के अंदर मुलजिम नहीं बनाया गया. इसके अलावा प्रथम विवेचक और सेकंड विवेचक ने उनको मुलजिम नहीं बनाया. जब उन्होंने सीतापुर जेल में दूसरे केस में सरेंडर कर दिया तो इस मुकदमे में फंसने के लिए एक अभियुक्त के बयान पर इस केस में मुलजिम बना दिया गया और प्रॉसीक्यूशन अपना केस साबित नहीं कर पाया. इस केस में सात मुलजिम थे और सातों मुलजिमों को बरी कर दिया गया है.

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