भोपाल. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे साल भर पहले हुए एमपी के विधानसभा चुनाव के सीक्वल की तरह दिखाई दे रहे हैं. यहां भी बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन को भारी जीत दिलाने में उन लाड़ली बहनें खड़ी दिखाई दे रही हैं. मध्यप्रदेश की तरह ही महाराष्ट्र में भी इस चुनाव में महिलाओं ने मतदान में बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया था. 2019 के विधानसभा चुनाव के मकाबले 2024 के विधानसभा चुनाव में महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत पांच फीसदी तक बढ़ा है. 2019 में महाराष्ट्र में 52.26 फीसदी महिलाओं ने वोट किया था.
महाराष्ट्र में भी लाड़ली बहनाओं का कमाल
महाराष्ट्र में 2019 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले करीब 5% मतदान में बढ़ोत्तरी हुई. एक्सपर्ट्स का कहना है कि वोट प्रतिशत में यह वृद्धि महिलाओं की है. EC के आंकड़े भी इसकी तस्दीक करते हैं. 2019 में महिलाओं का मतदान 59.26% था जो 2024 में 65.21% पर चला गया. यह बढ़ोतरी बताती है कि कैसे महिलाएं घरों से निकल अपने मनपसंद मुद्दे पर वोट करती नजर आईं. 2019 में 2 करोड़ 53, लाख, 90 हजार 647 महिलाओं ने वोट डाला था, तो वहीं 2024 में 3 करोड़ 6 लाख 49 हजार 318 महिलाओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. ठाणे में 11%, पालघर में 9%, मुंबई महानगर क्षेत्र में 7% वोट ज्यादा पड़े जो महिलाओं के थे. कुल मिलाकर 52 लाख 58 हजार 671 महिलाएं पार्टियों के लिए किंग मेकर की तरह उभरीं.
ग्रामीण-आदिवासी वोटर्स आगे आए
मध्यप्रदेश की तरह महाराष्ट्र में भी ग्रामीण और आदिवासी इलाकों की महिला वोटर्स ने बढ़ चढ़कर वोट डाले और महायुति की जीत में निर्णायक भूमिका निभाई. राजनीतिक पंडितों का कहना है कि महायुति सरकार की लाड़की बहिण योजना की वजह से ऐसा हुआ. मध्यप्रदेश की लाड़ली बहना योजना की तरह ही लाड़की बहिण योजना ने महिलाओं को वोट डालने के लिए प्रोत्साहित किया. एमपी में जहां लाड़ली बहना योजना में 1250 रु मिलते हैं, तो वहीं महाराष्ट्र में पिछले 4 महीने से महिलाओं को 1,500 रु दिए जा रहे हैं.
महिलाओं का बीजेपी को अपार समर्थन : डिप्टी सीएम
मध्यप्रदेश के डिप्टी सीएम जगदीश देवडा ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा, '' जिस तरह से मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने महाराष्ट्र के चुनाव में वहां की जनता को ये बताया कि मध्यप्रदेश में किस तरह से बीजेपी ने लाड़ली बहनों ने अपना वादा निभाया. उसका व्यापक प्रभाव पड़ा है. मैंने खुद पश्चिम महाराष्ट्र की 23 विधानसभा सीटों पर प्रचार किया. उसी समय से अपार उत्साह दिखाई दे रहा था. दूसरा मधयप्रदेश में जिस तरह से लाड़ली बहना योजना को जनता का भरोसा मिला, जिस तरह से हमारी सरकार ने जनता से किया वादा निभाया, उसका असर भी महाराष्ट्र में दिखाई दे रहा है. महलाओं का बीजेपी को अपार जनसमर्थन मिला है. ये जीत पीएम मोदी के नेतृत्व की जीत है. ये बीजेपी पर जनता के भरोसे की जीत है.''
एमपी का वो फार्मूला जो महाराष्ट्र में भी हिट हुआ
एमपी में जिस तरह से बीजेपी सरकार ने चुनाव के एन पहले लाड़ली बहना योजना लागू की थी, महाराष्ट्र में भी चुनाव के ठीक चार महीने पहले लाड़की बहिण योजना लांच की. महाराष्ट्र में पिछले 4 महीने से घरेलू महिलाएं 1,500 रु प्राप्त कर रही हैं, जो पड़ोस के मध्य प्रदेश से ज्यादा है. एमपी में लाड़ली बहना योजना में 1250 रुपए मिलते हैं. वरिष्ठ पत्रकार और महाराष्ट्र की राजनीति को करीब से देख रहे अभिलाष खांडेकर कहते हैं, '' इससे इंकार नहीं किया जा सकता कि लाड़की बहना योजना एमपी के बाद महाराष्ट्र में भी असर दिखाएगा. चाहे विदर्भ हो, मराठवाड़ा हो, मतदान के बाद से यहां एक बात साफ निकल कर आई कि महिलाएं बढ़चढ़कर बाहर वोटिंग के लिए निकलीं और मोटिवेटिंग फोर्स की तरह लाड़की बहिण योजना ने काम किया.
'डायरेक्ट बैनिफिट देने की योजना असरदार'
वरिष्ठ पत्रकार आगे कहते हैं, '' दूसरा मध्यप्रदेश से महाराष्ट्र गए नेताओं ने भी प्रचार में लाड़ली बहना योजना को आगे रखा, क्योंकि यहां सरकार बनने के बाद भी ये योजना लागू रही. इस भरोसे ने महराष्ट्र में बीजेपी नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन में भरोसा मजबूत किया. निजी तौर पर मैं ये मानता हूं कि मैं इसतरह की योजनाओं से सहमत नहीं हूं. लेकिन ये बताता है कि पैसा अलग तरीके से काम करता है. डायरेक्ट बैनिफिट असर दिखाते हैं. महाराष्ट्र में भी कृषि से जुड़े कई मुद्दे थे, मराठा एजिटेशन था, धारावी का इश्यू था. लेकिन नतीजे बता रहे हैं कि महिलाओं के लिए लागू की गई स्कीम असर दिखा रही हैं.
कांग्रेस ने भी लाड़ली बहना को बताया गेम चेंजर
मध्यप्रदेश महिला कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष नूरी खान कहती हैं, " चार महीने पहले शुरु हुई 'लाड़की बहिण' योजना ने परिणाम उलट दिए. लेकिन बीजेपी की योजनाएं वो महिलाओं के उत्थान की नहीं, बल्कि चुनावी योजनाएं होती हैं. बेशक जब चुनाव को टार्गेट कर कोई योजना शुरू की जाती है तो उसमें महिला का संपूर्ण विकास नहीं छुपा होगा. उसमें सरकार का खुद का हित छिपा होगा. यहां वो 1500 और 3000 तक दे देंगे, लेकिन आगे चलकर गैस सिलेंडर और बिजली का बिल महंगा करके वसूल लेंगे."
लाड़ली बहना पर टिप्पणी करना पड़ा महंगा
चुनाव प्रचार के बीच में शिवसेना सांसद संजय राउत का बयान भी उल्टा पड़ गया. संजय राउत ने एक पोस्ट में कहा था कि मध्यप्रदेश में लाड़ली बहना योजना बंद हो गई है. जिस पर उनके खिलाफ बीजेपी ने एफआईआर भी दर्ज की दूसरी तरफ संजय राउत के बहाने बीजेपी को लाड़ली बहना योजना के प्रोजेक्शन का मौका मिल गया. मध्यप्रदश के सीएम डॉ. मोहन यादव ने मुंबई समेत महाराष्ट्र के अलग-अलग हिस्सों में की गई चुनावी सभाओं और रोड शो में लाड़ली बहना को मुद्दा बनाया और ये भरोसा दिलाया कि अगर महराष्ट्र में महायुति की सरकार बनती है तभी महाराष्ट्र में महिलाओं को इसका लाभ मिल पाएगा.
#WATCH | Mumbai | As Mahayuti has crossed halfway mark in Maharashtra, Shiv Sena UBT leader Sanjay Raut says, " this cannot be the decision of the people of maharashtra. we know what the people of maharashtra want..." pic.twitter.com/X2UgBdMOCH
— ANI (@ANI) November 23, 2024