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एमपी हाई कोर्ट ने सऊदी अरब व बांग्लादेश के दूतावासों को जारी किए नोटिस, एक माह में मांगा जवाब - MP High Court Gwalior

मध्यप्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने सऊदी अरब और बांग्लादेश के दूतावासों को नोटिस जारी किए हैं. गैरकानूनी तरीके से भारत में घुसे विदेशी नागरिक अहमद अल मक्की को लेकर नोटस जारी किए गए.

MP High Court Gwalior
मध्यप्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 5, 2024, 11:19 AM IST

ग्वालियर। अहमद अल मक्की को ग्वालियर की पड़ाव पुलिस ने 21 सितंबर 2014 को गिरफ्तार किया था. वह बांग्लादेश के पासपोर्ट पर सिम खरीदने की कोशिश कर रहा था. उसके पास से बांग्लादेश का पासपोर्ट और सऊदी अरब का ड्राइविंग लाइसेंस मिला था. अवैध रूप से देश में घुसने पर उसे 3 साल की सजा हुई थी. यह सजा उसने अक्टूबर 2017 में पूरी कर ली थी. इसके बाद उसे डिटेंशन सेंटर में इसलिए रखा गया क्योंकि उसकी नागरिकता दरअसल कहां की है, इसे लेकर स्थिति साफ नहीं थी.

सऊदी अरब व बांग्लादेश के दूतावासों को जारी किए नोटिस (ETV BHARAT)

घुसपैठ करने वाले अहमद अल मक्की की याचिका

इसके बाद हाईकोर्ट में अहमद अल मक्की ने याचिका लगाई. जिसमें उसने कहा है कि उसे जेल में अवैध रूप से रखा गया. जबकि उसे डिटेंशन सेंटर में रखा जाना चाहिए. प्रदेश सरकार के अधिवक्ता ने बताया कि 2018 में मस्जिद से नमाज पढ़कर लौटने के दौरान वह पुलिस आरक्षक विजय शंकर को चकमा देकर भाग निकला था, जिसे पुलिस ने कई दिनों बाद हैदराबाद के एक ठिकाने से दोबारा गिरफ्तार किया. इस मामले में भी उसे सजा हुई थी. इस सजा को भी अहमद अल मक्की ने पूरा कर लिया है.

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घुसपैठी को दो मामलों में सजा पूरी

दोनों मामलों में अल मक्की की सजा पूरी होने के बाद उसे बाहर खुला छोड़ना ठीक नहीं है. अब हाई कोर्ट ने अलमक्की की याचिका पर दोनों देशों को नोटिस जारी किये हैं. एक महीने के अंदर उनसे जवाब तलब किया है. खास बात यह है कि जब 2014 में अहमद अल मक्की को गिरफ्तार किया गया था, तब उसने खुद को बांग्लादेशी बताया था. अब वह अपने आपको सऊदी अरब का नागरिक कह रहा है. हाई कोर्ट के अतिरिक्त महाधिवक्ता राजेश शुक्ला ने नोटिस जारी होने की पुष्टि की है.

ग्वालियर। अहमद अल मक्की को ग्वालियर की पड़ाव पुलिस ने 21 सितंबर 2014 को गिरफ्तार किया था. वह बांग्लादेश के पासपोर्ट पर सिम खरीदने की कोशिश कर रहा था. उसके पास से बांग्लादेश का पासपोर्ट और सऊदी अरब का ड्राइविंग लाइसेंस मिला था. अवैध रूप से देश में घुसने पर उसे 3 साल की सजा हुई थी. यह सजा उसने अक्टूबर 2017 में पूरी कर ली थी. इसके बाद उसे डिटेंशन सेंटर में इसलिए रखा गया क्योंकि उसकी नागरिकता दरअसल कहां की है, इसे लेकर स्थिति साफ नहीं थी.

सऊदी अरब व बांग्लादेश के दूतावासों को जारी किए नोटिस (ETV BHARAT)

घुसपैठ करने वाले अहमद अल मक्की की याचिका

इसके बाद हाईकोर्ट में अहमद अल मक्की ने याचिका लगाई. जिसमें उसने कहा है कि उसे जेल में अवैध रूप से रखा गया. जबकि उसे डिटेंशन सेंटर में रखा जाना चाहिए. प्रदेश सरकार के अधिवक्ता ने बताया कि 2018 में मस्जिद से नमाज पढ़कर लौटने के दौरान वह पुलिस आरक्षक विजय शंकर को चकमा देकर भाग निकला था, जिसे पुलिस ने कई दिनों बाद हैदराबाद के एक ठिकाने से दोबारा गिरफ्तार किया. इस मामले में भी उसे सजा हुई थी. इस सजा को भी अहमद अल मक्की ने पूरा कर लिया है.

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दोनों मामलों में अल मक्की की सजा पूरी होने के बाद उसे बाहर खुला छोड़ना ठीक नहीं है. अब हाई कोर्ट ने अलमक्की की याचिका पर दोनों देशों को नोटिस जारी किये हैं. एक महीने के अंदर उनसे जवाब तलब किया है. खास बात यह है कि जब 2014 में अहमद अल मक्की को गिरफ्तार किया गया था, तब उसने खुद को बांग्लादेशी बताया था. अब वह अपने आपको सऊदी अरब का नागरिक कह रहा है. हाई कोर्ट के अतिरिक्त महाधिवक्ता राजेश शुक्ला ने नोटिस जारी होने की पुष्टि की है.

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