भोपाल। मध्य प्रदेश में बेमौसम हुई बारिश और ओलावृष्टि ने करीब एक दर्जन जिलों में फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है. तेज हवा के साथ हुई बारिश और ओले गिरने से फसलें जमीन पर बिछ गईं. इससे गेहूं, सरसों, मसूर, चना की खड़ी फसलों को काफी नुकसान हुआ है. इसके पहले भी रीवा, सीधी, सिंगरौली इलाके में गिरे ओलों से कई इलाकों में फसलें बर्बाद हो गई थीं. उधर, राज्य सरकार ने सभी कलेक्टरों को सर्वे के आदेश दिए हैं. इस बीच कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि सरकार किसानों की मदद के लिए परिणामदायक सर्वे का ऐलान कराए.
सीहोर में किसानों ने किया प्रदर्शन
भोपाल से सटे सीहोर जिले में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने फसलों पर कहर ढाया है. मंगलवार को दोपहर बाद मौसम ने अचानक करवट ली. पहले करीब 70 किलोमीटर की रफ्तार से चली आंधी और उसके बाद आई बारिश और ओलावृष्टि ने खेतों में खड़ी फसलों को धराशायी कर दिया. सबसे ज्यादा नुकसान गेहूं और सरसों को हुआ है. सीहोर जिले में भी कई इलाकों में फसलों को नुकसान पहुंचा है, इसके विरोध में किसानों ने पेड़ों पर चढ़कर थाली बजाकर अपना विरोध जताया. किसानों ने सरकार से जल्द से जल्द सर्वे कराने और राहत देने की मांग की है.
उधर, ग्वालियर चंबल अंचल के शिवपुरी, गुना, बुंदेलखंड के टीकमगढ़, निवाड़ी में भी कई स्थानों पर ओले गिरे हैं. कई स्थानों पर तो खेतों में ओलों की सफेद चादर-सी बिछ गई. मालवा-निमाड़ क्षेत्र में भी किसानों पर मौसम की मार पड़ी है. बुरहानपुर इलाके में 16 मिमी बारिश हुई है. जिले में पूरी रात रूक-रूक कर बारिश होती रही. इलाके में कई खेतों में तो फसल का कट चुकी थी, ऐसी फसलों को बारिश से भारी नुकसान हुआ है. कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक जिन फसलों की बुआई देरी से हुई थी और जो फसल खेतों में हरी खड़ी हैं, ऐसी फसलों को नुकसान कम हुआ है.
2 और 3 को कई इलाकों में बारिश की आशंका
मौसम विज्ञानी प्रकाश झेले बताते हैं कि "अरेबियन सी से लेकर मध्य प्रदेश तक एक ट्रफ बनी हुआ थी, जिससे लगातार नमी आ रही है. इसकी वजह से प्रदेश के कई इलाकों में बारिश हुई है. भोपाल के नवीबाग में 5 सेंटीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है. नर्मदापुरम, जबलपुर, सागर संभाग में बारिश हुई है. सिस्टम अब गुजरात, राजस्थान की तरफ शिफ्ट हो गया है इस वजह से अगले दो दिन तक बारिश की संभावना नहीं है. 1 और 2 मार्च को प्रदेश के देवास, उज्जैन, रतलाम, आगर मालवा, मंदसौर, नीमच, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, दतिया, ग्वालियर, भिंड, मुरैना, रीवा, सतना, उमरिया, जबलपुर, छिंदवाड़ा, मंडला, दमोह, टीकमगढ़, छतरपुर, निवाड़ी में बारिश हो सकती है.
राज्य सरकार ने दिए सर्वे के आदेश
उधर, राज्य सरकार ने सभी कलेक्टरों को बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को हुए नुकसान का सर्वे करने का आदेश दे दिया है. एक दिन पहले कैबिनेट की बैठक के दौरान भी मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सभी मंत्रियों से सर्वे कार्य में निगरानी रखने के निर्देश दिए थे, ताकि सर्वे बेहतर तरीके से हो सके और किसानों को राहत में किसी तरह की परेशानी न आए.
कांग्रेस बोली जल्द सर्वे कर मुआवजा दिलाए सरकार
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा है कि मौसम में हुए बदलाव ने मध्य प्रदेश में फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है. प्रदेश के कई हिस्सों में सोमवार से मंगलवार रात तक तेज हवा, बारिश के साथ गिरे ओलों ने खेतों में गेहूं, चना और सरसों की फसल को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है. प्रदेश के नर्मदापुरम, खंडवा, छिंदवाड़ा, टीकमगढ़, बैतूल, छतरपुर और निवाड़ी जिलों में ओले गिरे हैं. कुछ जिलों में खेतों में कटी रखी फसल पानी में डूब गई, किसानों को आशंका है कि अब दाने काले पड़ सकते हैं. खजुराहो में ओलों ने फसलों को काफी नुकसान पहुंचाया है. नर्मदापुरम के इटारसी, डोलरिया, पतलई और सिवनी मालवा में ओले गिरे हैं. खंडवा में हरसूद और छनेरा तहसील के 10 से ज्यादा गांव ओलों से प्रभावित हुए हैं.
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हरसूद तहसील के कुछ गांवों में फसलों को 100 फीसदी नुकसान की बात सामने आ रही है. बैतूल में शाहपुर, भौंरा, चिचोली में जोरदार बारिश से खेत में खड़ी और काट कर रखी फसलों को नुकसान हुआ है. जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री मोहन यादव से अनुरोध किया कि संकट की इस गंभीर घड़ी में किसानों की मदद के लिए तत्काल "प्रभावी और परिणामदायक सर्वे" की घोषणा करें. मुख्यमंत्री कार्यालय से सर्वे की लगातार निगरानी भी की जाए, ताकि पूर्व में होते रहे सर्वे की तरह यह सर्वे भी महज औपचारिकता की भेंट नहीं चढ़ जाए."