भोपाल: दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी के बयान के बाद आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. उधर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की ताजा रिपोर्ट के आंकड़े बेहद चौंकाने वाले हैं. देश के दो राज्यों के 10 जिले देश को धुंआ-धुंआ कर रहे हैं. इनमें मध्य प्रदेश के 6 जिले हैं. देश में सबसे ज्यादा पराली के मामले मध्य प्रदेश के श्योपुर में सामने आए हैं. केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और ज्योतिरादित्य सिंधिया के संसदीय क्षेत्रों में भी पराली जलाने के मामले बढ़े हैं.
पराली से दिल्ली में खतरनाक स्तर पर पहुंचे वायु प्रदूषण की आंच अब मध्य प्रदेश तक भी आ रही है. दिल्ली की मुख्यमंत्री ने राजधानी में वायु प्रदूषण के लिए मध्य प्रदेश में जलाई जा रही पराली को भी जिम्मेदार ठहराया है, लेकिन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि देश के 10 जिलों ने देश को धुंआ-धुंआ कर रखा है. इसमें सबसे ज्यादा मध्यप्रदेश के 6 जिले शामिल हैं. जबकि पंजाब के 4 जिले हैं.
देश में 15 सितंबर से 18 नवंबर 2024 के दौरान देश में 27319 पराली के मामले सामने आए हैं. इनमें से 11 हजार 547 सिर्फ इन 10 जिलों के हैं. आंकड़ों के मुताबिक देश में सबसे ज्यादा पराली जलाने के मामले मध्य प्रदेश के श्योपुर में सामने आए हैं. बड़ा सवाल है कि आखिर यह आंकड़े कैसे काबू में आएंगे.
पराली के आंकड़े चौंकाने वाले
देश में खरीफ की फसल की कटाई के बाद खेतों को खाली करने के लिए किसान सबसे आसान लेकिन नुकसानदायक रास्ता अपना रहे हैं. फसलों के बाकी बचे डंठलों यानी पराली या नरवाई को किसान आग लगा रहे हैं. तमाम समझाइश काम नहीं आ रही. देश में 15 सितंबर से 18 नवंबर 2024 के बीच के आंकड़े चौंकाने वाले हैं. देश में इस दौरान कुल 27 हजार 319 मामले सामने आए हैं. इनमें में दो राज्यों के 10 जिलों के आंकड़े बेहद चौंकाने वाले हैं. पंजाब और मध्य प्रदेश के दस जिलों में देश में सबसे ज्यादा पराली जलाई जा रही है.
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद देश के 6 राज्यों और 153 जिलों की मॉनिटरिंग करता है. इन जिलों में पराली जलाने के मामलों में टॉप टेन जिलों में मध्य प्रदेश के 6 और पंजाब के 4 जिले शामिल हैं. देश में सबसे ज्यादा पराली के मामले मध्य प्रदेश के श्योपुर में रिकॉर्ड किए गए हैं.
मध्य प्रदेश ने पंजाब को छोड़ा पीछे
पराली जलाने के मामले पिछले सालों के मुकाबले राज्यों में कम जरूर हुए हैं, लेकिन आंकड़े अभी भी चिंताजनक है. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक 15 सितंबर से 18 नवंबर 2024 के बीच देश में 27 हजार 319 पराली जलाने के मामले रिकॉर्ड किए गए. इनमें से 11 हजार 547 मामले इन 10 जिलों के ही हैं. इन दो माह के दौरान देश में पराली जलाने के मामले में मध्य प्रदेश ने पंजाब को भी पीछे छोड़ दिया है. मध्य प्रदेश में इन दो माह में 11 हजार 382 मामले सामने आए, जबकि पंजाब में 9655 मामले रिकॉर्ड किए गए.
श्योपुर में देश में सबसे ज्यादा मामले
पराली जलाने और इसे रोकने के लिए लगातार सैटेलाइट के माध्यम से रियल टाइम निगरानी की जाती है. इसकी सूचना मिलते ही मध्य प्रदेश के कृषि अभियांत्रिकी संस्थान द्वारा तत्काल इसकी सूचना जिला स्तर पर दी जाती है. इसके बाद मौके पर पहुंचकर किसानों को समझाइश दी जाती है, लेकिन इसके बाद भी पराली जलाने के मामले कम नहीं हो रहे. 18 नवंबर को देश भर में 2211 मामले सामने आए हैं. इसमें पंजाब में सबसे ज्यादा 1251 मामले सामने आए, जबकि मध्य प्रदेश में 636 स्थानों पर पराली जलाई गई. हालांकि पिछले तीन माह के आंकड़ों को देखें तो देश में सबसे ज्यादा मध्य प्रदेश के श्योपुर में मामले सामने आए हैं.
शिवराज के गृह जिले में भी बढ़े मामले
मध्य प्रदेश में पराली जलाने के मामले पिछले साल से बढ़ गए हैं. 15 सितंबर से 18 नवंबर 2023 के दौरान प्रदेश में 10 हजार 564 मामले सामने आए थे. जबकि इस साल यह बढ़कर 11382 हो गए हैं. देश के कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर और संसदीय क्षेत्र विदिशा दोनों जिलों में पराली के मामले बढ़े हैं. सीहोर जिले में इस दौरान 246 मामले सामने आए हैं, जो पिछले पांच सालों में सबसे ज्यादा हैं. जबकि विदिशा जिल में भी पिछले पांच साल में इस साल सबसे ज्यादा 175 मामले दर्ज किए गए.
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वहीं केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के संसदीय क्षेत्र गुना में पराली का इस साल रिकॉर्ड टूटा है. गुना जिले में इस साल 619 मामले रिकॉर्ड किए गए, जो पिछले पांच सालों में सबसे ज्यादा है. उधर मध्य प्रदेश कृषि अनुसंधान संचालनालय के डायरेक्टर राजीव चौधरी के मुताबिक राज्य सरकार द्वारा लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है और किसानों को लगातार समझाइश दी जा रही है. कई तरह के कृषि उपकरण हैं, जिन्हें सब्सिडी पर उपलब्ध कराया जा रहा है, ताकि पराली जलाने की जरूरत ही न पड़े.