ETV Bharat / bharat

एक नरभक्षी मां! जिसने कहा- अगर वो पकड़ी नहीं जाती तो अपनी बेटी को कर देती जिंदा, पढ़ें पूरी खबर

पलामू में एक बच्ची की हत्या ने इंसानियत और मां के रिश्ते को शर्मसार कर दिया. इस वाकये ने सबको हैरत में डाल दिया.

mother sacrificed daughter in name of black magic In Palamu
कॉन्सेप्ट इमेज (Etv Bharat)
author img

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : 2 hours ago

पलामूः अरुण राम और गीता देवी, एक हंसता खेलता परिवार. इनके घर में तीन पुत्री और एक पुत्र से आंगन गुलजार था. पूरा परिवार खुशहाल था सब कोई सुखी और सबकुछ ठीक लग रहा था. लेकिन 13 नवंबर की सुबह जब इस परिवार की एक महिला की काली असलियत ने हर किसी को सन्न कर दिया. एक ऐसी घटना जिसने इंसानियत के साथ साथ माता और बच्चे रिश्ते को भी शर्मसार कर दिया.

पलामू जिला मुख्यालय से 80 किलोमीटर दूर जपला छतरपुर मुख्य पथ से एक किलोमीटर अंदर लगभग 50 घरों की बस्ती है, जिसे खराड़ कहा जाता है. इसी बस्ती में अरुण राम की पत्नी 25 वर्षीय गीता देवी भी रहती है. गीता देवी, जिसपर एक जघन्य पाप का आरोप है.

जानकारी देते परिजन और सामाजिक कार्यकर्ता (ETV Bharat)

गीता देवी की सास कौशल्या देवी ने बताया कि वह 12 नवंबर को 11 बजे खलिहान लीपने जा रही थी. उसने अपनी बहू गीता को भी साथ चलने को बोली. गीता देवी यह कहकर उनके साथ नहीं गई कि उसे जपला जाना है. देर रात तक गीता देवी अपनी डेढ़ साल की बेटी के साथ घर नहीं लौटी तब घर के लोगों ने खोजबीन शुरू की. लेकिन उनका कहीं उसका पता नहीं चल सका. हालांकि विधानसभा चुनाव को लेकर 13 नवंबर को सुबह वोटिंग थी इस कारण रात भर गांव में चहल-पहल थी.

महिला अजीब हालत में रात के दो बजे पहुंची गांव

इसके बाद गुरुवार रात करीब 2 बजे गीता देवी ऐसी हालत में गांव के मनोज राम का दरवाजा खटखटाई जिसकी कल्पना किसी ने भी नहीं की थी. जैसे ही दरवाजा खोला गया तो वह सीधा आंगन में चली गई. इसके बाद घर की महिलाओं ने उससे इस स्थिति का कारण पूछा. मनोज राम के घर के लोगों ने सोचा कि पति के साथ झगड़ा हुआ होगा. उन्होंने गीता के घर के लोगों को बुलाकर उसे घर भेज दिया. गीता देवी की सास कौशल्या देवी ने बताया कि बच्ची के बारे में पूछने पर वह बोली कि वो जपला में है, इस बीच पूरा गांव वहां जमा हो चुका था. काफी प्रयास के बाद उसने सच्चाई बताई और सच्चाई जानकर गांव के लोगों ने हुसैनाबाद पुलिस को सूचना दी.

... तो अपनी बेटी को जीवित कर देती!

13 नवंबर की सुबह पुलिस के पहुंचने के बाद गांव से तीन किलोमीटर दूर जंगल पहाड़ से घिरे एक सुनसान स्थान पर बच्ची का शव बरामद किया गया. बच्ची का शव क्षतविक्षत अवस्था में था, बच्ची के सीने पर चाकू के काटने का एक बड़ा निशान था. इसके अलावा आसपास से जले हुए वस्त्र, चूड़ी और सिंदूर बरामद किया गया. गीता देवी ने पुलिस को बताया कि वह तंत्र विद्या की सिद्धि कर रही थी. उसने पुलिस को ये भी बताया कि अगर वो पकड़ी नहीं जाती तो वह दूसरे दिन अपने तंत्र मंत्र से अपनी बच्ची को पुनः जीवित कर लेती.

दिमागी मरीज नहीं थी महिला- पति

गीता देवी का पति अरुण राम छठ में घर आई अपनी बहन को उसके घर छोड़ने गया था. वह घटना के दिन घर पर नहीं था. अरुण राम ने बताया कि उसकी पत्नी बिल्कुल स्वस्थ है, वह दिमागी तौर से भी ठीक है, उसने ऐसा कदम क्यों उठाया इस बात को लेकर वह खुद अचंभित है. अरुण ने बताया कि उसकी शादी छतरपुर थाना क्षेत्र में हुई है. शादी के दो तीन वर्ष तक बच्चा नहीं होने पर उसने पत्नी का काफी इलाज कर कर थक चुका था. इसी बीच एक तांत्रिक से नौडीहा बाजार क्षेत्र में दिखाने के बाद उसे बच्चा हुआ. उसने बताया कि यह बात सात आठ साल पुरानी है. उसने बताया कि वह दूसरे राज्य में काम करता है, छठ के मौके पर घर आया है. घर में उसकी मां कौशल्या देवी छोटी बहन सोनम कुमारी और गीता देवी रहते हैं. साथ में उनकी तीन पुत्री और एक पुत्र है. जिसमें एक छोटी पुत्री को गीता ने मार डाला.

गांव में एक तांत्रिक हमेशा आता था

इस घटना को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता मनदीप राम ने बताया कि बिहार के रोहतास जिला का एक तांत्रिक गांव में हमेशा आता जाता था. वह अरुण राम के घर भी जाता था. उन्होंने बताया कि महिला अकेले इतना बड़ा कदम नहीं उठा सकती है. उन्होंने बताया कि तांत्रिक का नाम रोहित है, वहीं घटनास्थल के पास पशु चरा रहे व्यक्ति ने बताया कि आधी रात में एक बच्चे के चिल्लाने की आवाज खेती की रखवाली करने वाले लोगों ने सुनी थी. मगर वह डर से वहां नहीं गए. उसने बताया कि जानकारी मिली है कि महिला वहां अकेली नहीं गई थी, उसके साथ एक पुरुष भी था. आशंका व्यक्त की जा रही है कि महिला के साथ बिहार के रोहतास का रहने वाला तांत्रिक हो सकता है. बच्ची के शव को देखकर भी यह स्पष्ट होता है कि उसका सीना चीर कर कलेजा निकाल गया होगा.

हुसैनाबाद थाना में इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई है. महिला गीता देवी को जेल भेजा जा चुका है. थाना प्रभारी संजय कुमार यादव ने बताया कि मामला काफी गंभीर है. वह सभी बिंदुओं पर छानबीन कर रहे है. इसमें शामिल जो लोग भी होंगे उन्हें पुलिस चिन्हित कर कड़ी कार्रवाई करेगी.

क्या कहती हैं महिला बाल संरक्षण थाना प्रभारी

हुसैनाबाद महिला एवं बाल संरक्षण थाना प्रभारी पार्वती कुमारी ने कहा कि अंधविश्वास के खिलाफ अधिकारियों के निर्देश पर लगातार जागरूकता अभियान चलाने का काम वो कर रही हैं. उन्होंने बताया कि दंगवार, बड़ेपुर, दूलहर, टीकर पर, सरस्वती शिशु मंदिर व मध्य विद्यालय जगहों पर जागरूकता अभियान चलाया गया है. विधानसभा चुनाव में व्यस्तता की वजह इस माह अभियान चलाने का समय नहीं मिल सका. उन्होंने बताया कि जल्द ही कार्यक्रम तय कर उच्चाधिकारियों के साथ विचार विमर्श करने के बाद दलित बस्तियों में अंधविश्वास के खिलाफ जागरूकता अभियान लगातार चलाया जाएगा.

इसे भी पढ़ें- बच्ची को मारकर मां ने किया दफन और करने लगी तंत्र-मंत्र! जानें क्या है माजरा

इसे भी पढ़ें- लोहरदगा में अंधविश्वास में अधेड़ की लात-घूसों से पीट- पीट कर हत्या, आरोपी गिरफ्तार

इसे भी पढ़ें- सर्पदंश से एक ही परिवार के तीन बच्चों की मौत! बच्चों को जिंदा करने के लिए झाड़ फूंक का सहारा - 3 children died due to snake bite

पलामूः अरुण राम और गीता देवी, एक हंसता खेलता परिवार. इनके घर में तीन पुत्री और एक पुत्र से आंगन गुलजार था. पूरा परिवार खुशहाल था सब कोई सुखी और सबकुछ ठीक लग रहा था. लेकिन 13 नवंबर की सुबह जब इस परिवार की एक महिला की काली असलियत ने हर किसी को सन्न कर दिया. एक ऐसी घटना जिसने इंसानियत के साथ साथ माता और बच्चे रिश्ते को भी शर्मसार कर दिया.

पलामू जिला मुख्यालय से 80 किलोमीटर दूर जपला छतरपुर मुख्य पथ से एक किलोमीटर अंदर लगभग 50 घरों की बस्ती है, जिसे खराड़ कहा जाता है. इसी बस्ती में अरुण राम की पत्नी 25 वर्षीय गीता देवी भी रहती है. गीता देवी, जिसपर एक जघन्य पाप का आरोप है.

जानकारी देते परिजन और सामाजिक कार्यकर्ता (ETV Bharat)

गीता देवी की सास कौशल्या देवी ने बताया कि वह 12 नवंबर को 11 बजे खलिहान लीपने जा रही थी. उसने अपनी बहू गीता को भी साथ चलने को बोली. गीता देवी यह कहकर उनके साथ नहीं गई कि उसे जपला जाना है. देर रात तक गीता देवी अपनी डेढ़ साल की बेटी के साथ घर नहीं लौटी तब घर के लोगों ने खोजबीन शुरू की. लेकिन उनका कहीं उसका पता नहीं चल सका. हालांकि विधानसभा चुनाव को लेकर 13 नवंबर को सुबह वोटिंग थी इस कारण रात भर गांव में चहल-पहल थी.

महिला अजीब हालत में रात के दो बजे पहुंची गांव

इसके बाद गुरुवार रात करीब 2 बजे गीता देवी ऐसी हालत में गांव के मनोज राम का दरवाजा खटखटाई जिसकी कल्पना किसी ने भी नहीं की थी. जैसे ही दरवाजा खोला गया तो वह सीधा आंगन में चली गई. इसके बाद घर की महिलाओं ने उससे इस स्थिति का कारण पूछा. मनोज राम के घर के लोगों ने सोचा कि पति के साथ झगड़ा हुआ होगा. उन्होंने गीता के घर के लोगों को बुलाकर उसे घर भेज दिया. गीता देवी की सास कौशल्या देवी ने बताया कि बच्ची के बारे में पूछने पर वह बोली कि वो जपला में है, इस बीच पूरा गांव वहां जमा हो चुका था. काफी प्रयास के बाद उसने सच्चाई बताई और सच्चाई जानकर गांव के लोगों ने हुसैनाबाद पुलिस को सूचना दी.

... तो अपनी बेटी को जीवित कर देती!

13 नवंबर की सुबह पुलिस के पहुंचने के बाद गांव से तीन किलोमीटर दूर जंगल पहाड़ से घिरे एक सुनसान स्थान पर बच्ची का शव बरामद किया गया. बच्ची का शव क्षतविक्षत अवस्था में था, बच्ची के सीने पर चाकू के काटने का एक बड़ा निशान था. इसके अलावा आसपास से जले हुए वस्त्र, चूड़ी और सिंदूर बरामद किया गया. गीता देवी ने पुलिस को बताया कि वह तंत्र विद्या की सिद्धि कर रही थी. उसने पुलिस को ये भी बताया कि अगर वो पकड़ी नहीं जाती तो वह दूसरे दिन अपने तंत्र मंत्र से अपनी बच्ची को पुनः जीवित कर लेती.

दिमागी मरीज नहीं थी महिला- पति

गीता देवी का पति अरुण राम छठ में घर आई अपनी बहन को उसके घर छोड़ने गया था. वह घटना के दिन घर पर नहीं था. अरुण राम ने बताया कि उसकी पत्नी बिल्कुल स्वस्थ है, वह दिमागी तौर से भी ठीक है, उसने ऐसा कदम क्यों उठाया इस बात को लेकर वह खुद अचंभित है. अरुण ने बताया कि उसकी शादी छतरपुर थाना क्षेत्र में हुई है. शादी के दो तीन वर्ष तक बच्चा नहीं होने पर उसने पत्नी का काफी इलाज कर कर थक चुका था. इसी बीच एक तांत्रिक से नौडीहा बाजार क्षेत्र में दिखाने के बाद उसे बच्चा हुआ. उसने बताया कि यह बात सात आठ साल पुरानी है. उसने बताया कि वह दूसरे राज्य में काम करता है, छठ के मौके पर घर आया है. घर में उसकी मां कौशल्या देवी छोटी बहन सोनम कुमारी और गीता देवी रहते हैं. साथ में उनकी तीन पुत्री और एक पुत्र है. जिसमें एक छोटी पुत्री को गीता ने मार डाला.

गांव में एक तांत्रिक हमेशा आता था

इस घटना को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता मनदीप राम ने बताया कि बिहार के रोहतास जिला का एक तांत्रिक गांव में हमेशा आता जाता था. वह अरुण राम के घर भी जाता था. उन्होंने बताया कि महिला अकेले इतना बड़ा कदम नहीं उठा सकती है. उन्होंने बताया कि तांत्रिक का नाम रोहित है, वहीं घटनास्थल के पास पशु चरा रहे व्यक्ति ने बताया कि आधी रात में एक बच्चे के चिल्लाने की आवाज खेती की रखवाली करने वाले लोगों ने सुनी थी. मगर वह डर से वहां नहीं गए. उसने बताया कि जानकारी मिली है कि महिला वहां अकेली नहीं गई थी, उसके साथ एक पुरुष भी था. आशंका व्यक्त की जा रही है कि महिला के साथ बिहार के रोहतास का रहने वाला तांत्रिक हो सकता है. बच्ची के शव को देखकर भी यह स्पष्ट होता है कि उसका सीना चीर कर कलेजा निकाल गया होगा.

हुसैनाबाद थाना में इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई है. महिला गीता देवी को जेल भेजा जा चुका है. थाना प्रभारी संजय कुमार यादव ने बताया कि मामला काफी गंभीर है. वह सभी बिंदुओं पर छानबीन कर रहे है. इसमें शामिल जो लोग भी होंगे उन्हें पुलिस चिन्हित कर कड़ी कार्रवाई करेगी.

क्या कहती हैं महिला बाल संरक्षण थाना प्रभारी

हुसैनाबाद महिला एवं बाल संरक्षण थाना प्रभारी पार्वती कुमारी ने कहा कि अंधविश्वास के खिलाफ अधिकारियों के निर्देश पर लगातार जागरूकता अभियान चलाने का काम वो कर रही हैं. उन्होंने बताया कि दंगवार, बड़ेपुर, दूलहर, टीकर पर, सरस्वती शिशु मंदिर व मध्य विद्यालय जगहों पर जागरूकता अभियान चलाया गया है. विधानसभा चुनाव में व्यस्तता की वजह इस माह अभियान चलाने का समय नहीं मिल सका. उन्होंने बताया कि जल्द ही कार्यक्रम तय कर उच्चाधिकारियों के साथ विचार विमर्श करने के बाद दलित बस्तियों में अंधविश्वास के खिलाफ जागरूकता अभियान लगातार चलाया जाएगा.

इसे भी पढ़ें- बच्ची को मारकर मां ने किया दफन और करने लगी तंत्र-मंत्र! जानें क्या है माजरा

इसे भी पढ़ें- लोहरदगा में अंधविश्वास में अधेड़ की लात-घूसों से पीट- पीट कर हत्या, आरोपी गिरफ्तार

इसे भी पढ़ें- सर्पदंश से एक ही परिवार के तीन बच्चों की मौत! बच्चों को जिंदा करने के लिए झाड़ फूंक का सहारा - 3 children died due to snake bite

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.