कोलकाता: पश्चिम बंगाल के राज्य सीवी आनंद बोस पर छेड़छाड़ का आरोप लगाने वाली महिला को गलत तरीके से रोकने को लेकर पुलिस ने राजभवन के तीन अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. इस संबंध में पुलिस शनिवार को बताया कि लालबाजार पुलिस की टीम ने राजभवन के संविदा कर्मचारी पीड़ित का शुक्रवार को बैंकशाल कोर्ट में शुक्रवार को गुप्त बयान लिया. इससे पहले सचिव स्तर के राजभवन के एक अधिकारी, एक चिकित्सक और एक अन्य कर्मचारी को लालबाजार से बुलाया गया था. हालांकि उन्होंने जवाब देने का कोई प्रयास नहीं किया. इसके बाद स्थानीय हेयर स्ट्रीट पुलिस स्टेशन में तीन कर्मचारियों के खिलाफ एक नई लिखित शिकायत दर्ज की गई.
बता दें कि महिला ने आरोप लगाया था कि राज्यपाल ने 2 मई को राजभवन के अंदर उसके साथ छेड़छाड़ की. इस पर उसकी शिकायत के बाद जांच की गई. बता दें कि राज्यपाल ने इस आरोप का खंडन करते हुए इसे चुनावी मौसम के दौरान राजनीतिक लाभ हासिल करने का कदम बताया था. साथ ही पीड़ित महिला के दावों का खंडन करने के लिए राजभवन ने लगभग 100 लोगों का कथित तारीख का सीसीटीवी फुटेज जारी किया था.
मामले को लेकर पश्चिम बंगाल पुलिस ने एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है, जिसका नेतृत्व कोलकाता पुलिस की डीसी (Central)) इंदिरा मुखर्जी कर रही हैं. पुलिस का कहना है कि मामला किसी व्यक्ति विशेष के खिलाफ नहीं है, बल्कि राजभवन के अंदर वास्तव में क्या हुआ, उसे सामने लाने के लिए है. संविधान के अनुच्छेद 361 के अनुसार किसी राज्यपाल के खिलाफ उसके कार्यकाल के दौरान कोई आपराधिक कार्यवाही शुरू नहीं की जा सकती है.
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