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यूसुफ वानी बने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट के अतिरिक्त जज - Yousuf Wani Appointed Judge

Mohammad Yousuf Wani Appointed as Additional Judge: जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट में जजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. मोहम्मद यूसुफ वानी अतिरिक्त जज के रूप में नियुक्त किए गए हैं.

Yusuf Wani becomes additional judge of Jammu and Kashmir and Ladakh High Court (Photo ETV Network)
यूसुफ वानी बने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट के अतिरिक्त जज (फोटो ईटीवी नेटवर्क)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Mar 22, 2024, 7:45 AM IST

श्रीनगर: सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम से एक सिफारिश प्राप्त होने के बाद राष्ट्रपति ने आधिकारिक तौर पर मोहम्मद यूसुफ वानी को दो साल के कार्यकाल के लिए जम्मू- कश्मीर और लद्दाख के उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया है. कानून एवं न्याय मंत्रालय की एक अधिसूचना में ये नियुक्ति वानी के न्यायिक करियर में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है.

यह घटनाक्रम 12 मार्च को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा एक न्यायिक अधिकारी मोहम्मद यूसुफ वानी को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में समर्थन देने के बाद हुआ. पिछले वर्ष 21 सितंबर को जम्मू- कश्मीर हाईकोर्ट और लद्दाख हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के साथ दो वरिष्ठ सहयोगियों ने वानी को अतिरिक्त जज के रूप में नियुक्त करने की सिफारिश की.

भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व में कॉलेजियम ने उच्च न्यायालय में पदोन्नति के लिए वानी की उपयुक्तता का आकलन करने के लिए की गई सावधानीपूर्वक प्रक्रिया पर जोर दिया. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय के मामलों के जानकार सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों के साथ परामर्श, साथ ही न्याय विभाग की सामग्रियों और टिप्पणियों की गहन समीक्षा के बाद निर्णय की जानकारी दी गई.

9 दिसंबर 1997 को शुरू हुई न्यायिक सेवा में मोहम्मद यूसुफ वानी के व्यापक अनुभव और बार में तीन साल से अधिक के उनके पूर्व कार्यकाल ने उनके चयन में योगदान दिया. कॉलेजियम ने वानी की व्यक्तिगत और व्यावसायिक सराहनीय प्रतिष्ठा को नोट किया. उनकी ईमानदारी के संबंध में कोई प्रतिकूल टिप्पणी नहीं की गई. इसके अतिरिक्त उनकी वार्षिक गोपनीय रिपोर्टों ने लगातार उन्हें सकारात्मक रूप में चित्रित किया. ये उनके समर्पण और क्षमता को दर्शाता है.

ये भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर: HC ने याचिकाकर्ता को दी अंतरिम राहत, सेना की आपत्तियां खारिज! - High Court

श्रीनगर: सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम से एक सिफारिश प्राप्त होने के बाद राष्ट्रपति ने आधिकारिक तौर पर मोहम्मद यूसुफ वानी को दो साल के कार्यकाल के लिए जम्मू- कश्मीर और लद्दाख के उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया है. कानून एवं न्याय मंत्रालय की एक अधिसूचना में ये नियुक्ति वानी के न्यायिक करियर में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है.

यह घटनाक्रम 12 मार्च को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा एक न्यायिक अधिकारी मोहम्मद यूसुफ वानी को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में समर्थन देने के बाद हुआ. पिछले वर्ष 21 सितंबर को जम्मू- कश्मीर हाईकोर्ट और लद्दाख हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के साथ दो वरिष्ठ सहयोगियों ने वानी को अतिरिक्त जज के रूप में नियुक्त करने की सिफारिश की.

भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व में कॉलेजियम ने उच्च न्यायालय में पदोन्नति के लिए वानी की उपयुक्तता का आकलन करने के लिए की गई सावधानीपूर्वक प्रक्रिया पर जोर दिया. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय के मामलों के जानकार सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों के साथ परामर्श, साथ ही न्याय विभाग की सामग्रियों और टिप्पणियों की गहन समीक्षा के बाद निर्णय की जानकारी दी गई.

9 दिसंबर 1997 को शुरू हुई न्यायिक सेवा में मोहम्मद यूसुफ वानी के व्यापक अनुभव और बार में तीन साल से अधिक के उनके पूर्व कार्यकाल ने उनके चयन में योगदान दिया. कॉलेजियम ने वानी की व्यक्तिगत और व्यावसायिक सराहनीय प्रतिष्ठा को नोट किया. उनकी ईमानदारी के संबंध में कोई प्रतिकूल टिप्पणी नहीं की गई. इसके अतिरिक्त उनकी वार्षिक गोपनीय रिपोर्टों ने लगातार उन्हें सकारात्मक रूप में चित्रित किया. ये उनके समर्पण और क्षमता को दर्शाता है.

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