नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी ने रविवार को तीसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ले ली. इसके साथ ही उन्होंने जवाहरलाल नेहरू के शीर्ष पद पर लगातार तीन कार्यकाल के रिकॉर्ड की बराबरी भी कर ली. इस बार उनकी टीम में 71 सदस्यों को जगह मिली है. मंत्रीमंडल के गठन के साथ उन अटकलों पर विराम लग गया है, जिनमें कहा जा रहा था कि सरकार को मंत्रिपरिषद बनाने में कठिनाईयों का सामना करना पड़ सकता है.
किसको कौनसा विभाग मिलेगा फिलहाल इसकी घोषणा नहीं की गई है. माना जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) को न केवल गृह, रक्षा, वित्त और विदेश मंत्रालय, बल्कि अन्य महत्वपूर्ण मंत्रालयों को अपने पास रखने में भी कोई मुश्किल नहीं होगी. इस कवायद में चार पूर्व मुख्यमंत्रियों समेत कई अनुभवी लोगों को शामिल किया गया. सरकार में मोदी समेत सात पूर्व मुख्यमंत्री हैं और चार ऐसे हैं नेता हैं जो बीजेपी के अध्यक्ष रह चुके हैं.
पीएम मोदी की टीम 6 पूर्व सीएम
पीएम मोदी ने अपनी टीम में मध्य प्रदेश शिवराज चौहान, हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर को भी जगह दी है. इसके अलावा, सरकार के अन्य पूर्व सीएम एच डी कुमारस्वामी (JDS) और जीतन राम मांझी, सर्बानंद सोनोवाल और राजनाथ सिंह शामिल हैं.
सहयोगी दलों के 11 सदस्यों कैबिनेट में मिली जगह
बता दें 71 सदस्यों वाली कैबिनेट 2014 के बाद से सबसे बड़ी मंत्रिपरिषद है. इसमें बीजेपी के सहयोगी दलों के 11 सदस्यों को जगह दी है, जो कुल सदस्यों की संख्या का लगभग 15 फीसदी है. इतना ही नहीं 33 लोग पहली बार मंत्री बने हैं, जिनमें से सात गठबंधन सहयोगियों से हैं.
राममोहन नायडू सबसे युवा कैबिनेट मंत्री
इनमें तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के राममोहन नायडू और चंद्रशेखर पेम्मासानी, जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के लल्लन सिंह और राम नाथ ठाकुर, आरएलडी के जयंत चौधरी, एलजेपी के चिराग पासवान और जेडीएस के कुमारस्वामी के नाम शामिल हैं. राममोहन नायडू 36 साल की उम्र में सबसे कम उम्र के कैबिनेट मंत्री हैं.