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हेमंत कैबिनेट में झामुमो, कांग्रेस, राजद, माले से कितने विधायक बनेंगे मंत्री, 28 को शपथ ग्रहण - JHARKHAND MINISTERS

हेमंत सोरेन के नेतृत्व में बनने वाली नई सरकार में मंत्रियों के नामों को लेकर अटकलें शुरू हो गई हैं.

Jharkhand Ministers
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Nov 24, 2024, 5:29 PM IST

Updated : Nov 24, 2024, 5:45 PM IST

रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद सरकार के गठन की कवायद शुरू हो गई है. इंडिया गठबंधन में शामिल झामुमो, कांग्रेस, राजद और भाकपा माले से मंत्री बनने वालों का नाम फाइनल हो चुका है. सभी दलों ने अपनी अपनी सहमति दे दी है. सारा फार्मूला तय होने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 24 नवंबर की शाम राज भवन पहुंचे. उन्होंने राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार को अपना इस्तीफा सौंपते हुए नई सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है. 28 नवंबर यानी गुरुवार को शपथ ग्रहण होगा.

अब सवाल है कि इंडिया गठबंधन में शामिल चार दलों के नेताओं में से कौन-कौन मंत्री बनेगा. इसको लेकर आधिकारिक रूप से किसी भी दल के नेता कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है. झारखंड में अधिकतम 12 मंत्री ही बनाए जा सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक सीट का फार्मूला तय हो चुका है. झामुमो से सीएम के अलावा 06 मंत्री, कांग्रेस से 04 मंत्री, राजद से 01 और भाकपा माले से 01 विधायक को मंत्री बनाया जा सकता है.

झामुमो से कौन-कौन बन सकता है मंत्री

सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अलावा चाईबासा विधायक दीपक बिरुआ, घाटशिला विधायक रामदास सोरेन और मधुपुर विधायक हाफिजुल हसन का मंत्री बनना तय माना जा रहा है. जबकि मिथिलेश ठाकुर की जगह अगड़ी जाति से सारठ विधायक उदय शंकर सिंह उर्फ चुन्ना सिंह, डुमरी से पूर्व विधायक बेबी देवी की जगह ईचागढ़ विधायक सविता महतो या लुईस मरांडी के मंत्री बनने की संभावना है. सूत्रों से यह भी जानकारी मिल रही है कि झामुमो, सीएम समेत सात मंत्री पद चाह रहा है. ऐसे में भाकपा माले को मंत्री पद नहीं दिए जाने पर बैद्यनाथ राम की जगह बसंत सोरेन को फिर मंत्री बनाया जा सकता है.

कांग्रेस से कौन-कौन बन सकता है मंत्री

सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस कोटे से लोहरदगा विधायक डॉ रामेश्वर उरांव, महगामा विधायक दीपिका पांडे सिंह इस रेस में सबसे आगे बताए जा रहे हैं. वहीं बन्ना गुप्ता के जमशेदपुर पश्चिम हारने के बाद ओबीसी कोटे से प्रदीप यादव को जगह मिलने की संभावना जताई जा रही है. इस बात की भी चर्चा है कि अल्पसंख्यक कोटे से इरफान अंसारी की जगह आलमगीर आलम की पत्नी निशात आलम को मंत्री बनाया जा सकता है क्योंकि चुनाव के दौरान इरफान अंसारी ने सीता सोरेन के खिलाफ विवादित बयान देकर कांग्रेस के लिए परेशानी खड़ी कर दी थी.

राजद और माले से कौन बन सकता है मंत्री

इस चुनाव में राजद ने चार जबकि भाकपा माले ने दो सीटों पर जीत हासिल की है. पिछले कैबिनेट में एकमात्र सीट जीतने के बावजूद राजद के सत्यानंद भोक्ता को मंत्री बनाया गया था. इस बार देवघर सीट जीतने वाले सुरेश पासवान को राजद कोटे से मंत्री बनाए जाने की पूरी संभावना है क्योंकि सुरेश पासवान पहले भी मंत्री रह चुके हैं. जहां तक भाकपा माले की बात है तो निरसा से चुनाव जीतने वाले अरुप चटर्जी की दावेदारी मजबूत है, क्योंकि उन्हीं की पहल पर मार्क्सवादी समन्वय समिति का भाकपा माले में विलय हुआ था.

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रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद सरकार के गठन की कवायद शुरू हो गई है. इंडिया गठबंधन में शामिल झामुमो, कांग्रेस, राजद और भाकपा माले से मंत्री बनने वालों का नाम फाइनल हो चुका है. सभी दलों ने अपनी अपनी सहमति दे दी है. सारा फार्मूला तय होने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 24 नवंबर की शाम राज भवन पहुंचे. उन्होंने राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार को अपना इस्तीफा सौंपते हुए नई सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है. 28 नवंबर यानी गुरुवार को शपथ ग्रहण होगा.

अब सवाल है कि इंडिया गठबंधन में शामिल चार दलों के नेताओं में से कौन-कौन मंत्री बनेगा. इसको लेकर आधिकारिक रूप से किसी भी दल के नेता कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है. झारखंड में अधिकतम 12 मंत्री ही बनाए जा सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक सीट का फार्मूला तय हो चुका है. झामुमो से सीएम के अलावा 06 मंत्री, कांग्रेस से 04 मंत्री, राजद से 01 और भाकपा माले से 01 विधायक को मंत्री बनाया जा सकता है.

झामुमो से कौन-कौन बन सकता है मंत्री

सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अलावा चाईबासा विधायक दीपक बिरुआ, घाटशिला विधायक रामदास सोरेन और मधुपुर विधायक हाफिजुल हसन का मंत्री बनना तय माना जा रहा है. जबकि मिथिलेश ठाकुर की जगह अगड़ी जाति से सारठ विधायक उदय शंकर सिंह उर्फ चुन्ना सिंह, डुमरी से पूर्व विधायक बेबी देवी की जगह ईचागढ़ विधायक सविता महतो या लुईस मरांडी के मंत्री बनने की संभावना है. सूत्रों से यह भी जानकारी मिल रही है कि झामुमो, सीएम समेत सात मंत्री पद चाह रहा है. ऐसे में भाकपा माले को मंत्री पद नहीं दिए जाने पर बैद्यनाथ राम की जगह बसंत सोरेन को फिर मंत्री बनाया जा सकता है.

कांग्रेस से कौन-कौन बन सकता है मंत्री

सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस कोटे से लोहरदगा विधायक डॉ रामेश्वर उरांव, महगामा विधायक दीपिका पांडे सिंह इस रेस में सबसे आगे बताए जा रहे हैं. वहीं बन्ना गुप्ता के जमशेदपुर पश्चिम हारने के बाद ओबीसी कोटे से प्रदीप यादव को जगह मिलने की संभावना जताई जा रही है. इस बात की भी चर्चा है कि अल्पसंख्यक कोटे से इरफान अंसारी की जगह आलमगीर आलम की पत्नी निशात आलम को मंत्री बनाया जा सकता है क्योंकि चुनाव के दौरान इरफान अंसारी ने सीता सोरेन के खिलाफ विवादित बयान देकर कांग्रेस के लिए परेशानी खड़ी कर दी थी.

राजद और माले से कौन बन सकता है मंत्री

इस चुनाव में राजद ने चार जबकि भाकपा माले ने दो सीटों पर जीत हासिल की है. पिछले कैबिनेट में एकमात्र सीट जीतने के बावजूद राजद के सत्यानंद भोक्ता को मंत्री बनाया गया था. इस बार देवघर सीट जीतने वाले सुरेश पासवान को राजद कोटे से मंत्री बनाए जाने की पूरी संभावना है क्योंकि सुरेश पासवान पहले भी मंत्री रह चुके हैं. जहां तक भाकपा माले की बात है तो निरसा से चुनाव जीतने वाले अरुप चटर्जी की दावेदारी मजबूत है, क्योंकि उन्हीं की पहल पर मार्क्सवादी समन्वय समिति का भाकपा माले में विलय हुआ था.

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Last Updated : Nov 24, 2024, 5:45 PM IST
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