रांची: झारखंड में हुए विधानसभा चुनाव में झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा पर विदेशी फंडिंग के जरिए धन जुटाने का आरोप लगा है. इस मामले में चुनाव आयोग से शिकायत की गई थी जिसके बाद आयोग नें बोकारो डीसी को पत्र लिख कर आवश्यक कार्यवाई करने को कहा है.
क्या है पूरा मामला
दरअसल, बोकारो डीसी को लिखे पत्र में चुनाव आयोग ने बताया कि पश्चिम बंगाल निवासी राहुल बनर्जी ने ईमेल के जरिए राज्य चुनाव आयोग से शिकायत की है कि झारखंड में हुए विधानसभा चुनाव में झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा ने अवैध तरीके से विदेशी फंडिंग के जरिए धन मंगाया था, जिसका इस्तेमाल चुनाव में किया गया.
पत्र में लिखा है कि चुनाव में विदेशी धन का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता, यह चुनाव आचार संहिता का पूरी तरह उल्लंघन है. पत्र के जरिए चुनाव आयोग से यह भी शिकायत की गई है कि ज्यादातर विदेशी धन सऊदी अरब से लाया गया था. इस संबंध में ईमेल में क्यूआर कोड और भेजी गई राशि का ब्योरा भी दिया गया है.
बोकारो डीसी को भेजा गया पत्र
पूरे मामले को लेकर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग इस मामले में जांच के बाद कार्रवाई करेगा. इस मामले में आवश्यक जांच और कार्रवाई करने के लिए बोकारो डीसी को भी पत्र भेजा गया है.
पैसे के लेन-देन से जुड़े दिए गए सबूत
पत्र में यह भी बताया गया है कि जयराम की पार्टी के खिलाफ विदेशी फंडिंग की शिकायत करने वाले राहुल बनर्जी ने आयोग को तमाम साक्ष्य भी उपलब्ध कराए हैं, जिनसे पता चलता है कि सऊदी में रहने वाले एक दर्जन लोगों ने झारखंड में हुए विधानसभा चुनाव में मदद के लिए जयराम की पार्टी को पैसे भेजे थे. शिकायत पत्र में पैसे भेजने वालों के नाम और भेजी गई रकम का भी जिक्र किया गया है. चुनाव में इस्तेमाल के लिए जयराम की पार्टी द्वारा विदेशी फंड जुटाने के लिए जारी किए गए क्यूआर कोड को भी शिकायत पत्र के साथ संलग्न किया गया है.
सऊदी में रहने वाले हमारे प्रवासी भाईयो के तरफ़ से सहयोग 🙏🙏
— Tiger jairam mahto (@JairamTiger) November 17, 2024
प्रवासी भाईयो का धन्यवाद 🙏🙏 pic.twitter.com/Et42pmfatb
गौरतलब हो कि जयराम महतो ने चुनाव के दौरान खुद ही ट्वीट कर प्रवासी मजदूरों द्वारा चंदा के लेन देन की जानकारी एक्स पर साझा की थी. इसे भी एक सबूत के तौर पर पेश किया गया है.
जेएलकेएम की ओर से दी गई सफाई
वहीं इस पूरे मामले पर झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा के उपाध्यक्ष मोतीलाल महतो ने पार्टी के उपर विदेशी फंडिंग के लग रहे आरोपों के बेबुनियाद बताया. हालांकि वो इस बात को मानते हैं की उनकी पार्टी नें चुनाव के वक्त स्कैनर जारी किया था जिसके जरिए साउथ अफ्रिका, कतर समेत कई देशों में रहने वाले उनके समर्थकों नें पैसे भेजे थे.
उन्होने कहा की विदेश में रहने वाले लोगों नें 10, 20, 100, 10000, 25000 रुपये जैसी छोटी छोटी रकम भेजकर मदद किया था. उन्होने कहा की वो खुद टुंडी से उम्मिदवार थे और स्कैनर जारी करके लोगों से ली थी. उनका कहना उनकी पार्टी नें यहां के लोगों की मदद से चुनाव लड़ा, न कि विदेशी फंड से.
चुनाव में विदेशी फंडिग को लेकर क्या हैं नियम?
फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट (FCRA) की धारा 3 के तहत राजनीतिक दल विदेशी फंडिंग नहीं ले सकते हैं, यह धारा उन्हें ऐसा करने से रोकती है. इस कानून की धारा 3 में कहा गया है कि चुनाव लड़ने वाला उम्मीदवार, किसी भी सदन का कोई सदस्य, कोई राजनीतिक दल या उसका कोई पदाधिकारी या राजनीतिक संगठन विदेश से चंदा नहीं ले सकता है. इसके साथ ही जनप्रतिनिधि अधिनियम की धारा 29B भी विदेशी चंदा लेने पर रोक लगाती है. इस कानून की धारा 29B कहती है कि कोई भी राजनीतिक दल किसी भी विदेशी सोर्स से कोई चंदा नहीं ले सकता है.
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