बेंगलुरु: 42वीं एसीएमएम अदालत ने होलेनरासीपुर पुलिस स्टेशन में दर्ज यौन उत्पीड़न मामले में जेडीएस विधायक एचडी रेवन्ना को सशर्त जमानत दे दी है. अदालत ने रेवन्ना को पांच लाख के मुचलके पर जमानत दे दी. रेवन्ना अपहरण मामले में जमानत पर रिहा हुए थे. अब यौन शोषण मामले में भी जमानत मिलने से उन्हें राहत मिल गई है.
सरकारी विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) ने खंडपीठ में अपील की, 'हेलेनारासीपुर यौन उत्पीड़न मामले में अब रेप की धारा 376 जोड़ दी गई है. बताया जा रहा है कि पीड़ित को अपनी जान का डर सता रहा है. साथ ही, सत्र न्यायालय को ऐसे मामलों की सुनवाई के लिए जमानत याचिका पर सुनवाई की अनुमति नहीं है. इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट कई फैसलों में कह चुका है. साथ ही रेप के आरोप की जांच जारी है, इसलिए जमानत नहीं दी जानी चाहिए.'
रेवन्ना की ओर से बहस करने वाले वरिष्ठ वकील सीवी नागेश ने अनुरोध किया था कि यह एक यौन शोषण मामला है और इसे बंद कमरे में सुनवाई की अनुमति दी जानी चाहिए. बताया कि मामले में शिकायत कैसे दर्ज की गई. यह अरेबियन नाइट्स की कहानी की तरह है. पीड़ित की शिकायत टाइप की जाती है और दर्ज की जाती है.
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने कहा कि सीआरपीसी 154 के तहत दुष्कर्म के मामलों में महिला अधिकारी को शिकायत दर्ज करनी चाहिए. पीड़िता के बयान की वीडियोग्राफी की जानी चाहिए थी. महिलाओं की गरिमा की रक्षा के लिए 2013 में अधिनियम में संशोधन किया गया था. हालांकि, इसका पालन नहीं किया गया. पुरुष ने शिकायत दर्ज कराई. एफआईआर अवैध तरीके से दर्ज की गई थी.
हाईकोर्ट के एसपीपी कार्यालय के सूत्रों ने ईटीवी भारत से इसकी पुष्टि की है कि कर्नाटक सरकार यौन उत्पीड़न मामले के आरोप में पूर्व मंत्री और विधायक एचडी रेवन्ना को जमानत देने के आदेश को चुनौती देने के लिए हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल करने की तैयारी कर रही है.