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मिताली एक्सप्रेस 5 महीने बाद भारत लौटी, बांग्लादेश में अशांति के बाद ढाका में फंसी थी - INDIA BANGLADESH TIES

मिताली एक्सप्रेस के कोच पांच महीने से ढाका में फंसे थे. विदेश सचिव विक्रम मिसरी की यात्रा के बाद दोनों पक्षों के बीच सहमति बनी.

Mitali Express return to Jalpaiguri after being stuck in turbulent Dhaka for 5 months
मिताली एक्सप्रेस 5 महीने बाद भारत लौटी, बांग्लादेश में अशांति के बाद ढाका में फंसी थी (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 10, 2024, 8:42 PM IST

जलपाईगुड़ी: भारत और बांग्लादेश के बीच चलने वाली इंटरनेशनल रेल सेवा मिताली एक्सप्रेस पांच महीने बाद ढाका से जलपाईगुड़ी लौटी. सोमवार को भारत और बांग्लादेश के विदेश सचिवों की बैठक के बाद ट्रेन के डिब्बे वापस भारत लाए गए. पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी जिले में जलपाईगुड़ी से और ढाका के बीच चलने वाली यह ट्रेन जुलाई से बांग्लादेश में अशांति के कारण फंसी हुई थी.

हालांकि, दोनों देशों के बीच यह अंतरराष्ट्रीय ट्रेन सेवा कब फिर से शुरू होगी, इस पर सवाल बना हुआ है. गौरतलब है कि न्यू जलपाईगुड़ी से ढाका कैंटोनमेंट तक चलने वाली मिताली एक्सप्रेस (ट्रेन संख्या 13132) 17 जुलाई को रवाना हुई थी. हालांकि, बांग्लादेश में तत्कालीन शेख हसीना सरकार के खिलाफ हिंसक आंदोलन के कारण ट्रेन वहीं फंस गई थी.

रेल मंत्रालय इस बात को लेकर दुविधा में था कि मिताली एक्सप्रेस के कोच भारत कैसे वापस आएंगे. आखिरकार, दोनों पक्षों के बीच सहमति बनने के बाद ट्रेन को वापस लौटा दिया गया. मिताली एक्सप्रेस मंगलवार सुबह भारत-बांग्लादेश की चिलाहाटी-हल्दीबाड़ी सीमा से भारत में दाखिल हुई.

गौरतलब है कि 1965 के बाद भारत और बांग्लादेश के बीच मिताली एक्सप्रेस हल्दीबाड़ी-चिलाहाटी रेल लिंक पर 1 जून 2022 को फिर से शुरू हुई थी. हालांकि, बांग्लादेश के मौजूदा हालात और भारत के विरोध के माहौल के चलते इस ट्रेन के फिर से चलने पर संशय है.

मिताली एक्सप्रेस के डिब्बे हल्दीबाड़ी स्टेशन
गौरतलब है कि भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने सोमवार को ढाका में बांग्लादेश के विदेश सचिव के साथ अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस से मुलाकात की थी. उस मुलाकात के बाद मंगलवार को कड़ी सुरक्षा के बीच मिताली एक्सप्रेस को वापस भारत लाया गया. बांग्लादेश रेलवे का रेल इंजन और भारत की मिताली एक्सप्रेस के डिब्बे हल्दीबाड़ी स्टेशन पहुंचे.

स्टेशन मास्टर का बयान
हल्दीबाड़ी रेलवे स्टेशन के स्टेशन मास्टर सत्यजीत तिवारी ने बताया, "बांग्लादेश में अस्थिर हालात के कारण मिताली एक्सप्रेस बांग्लादेश में फंस गई थी. मिताली एक्सप्रेस के खाली डिब्बे आज सुबह वापस आ गए. बांग्लादेश रेलवे के इंजन ने मिताली एक्सप्रेस के खाली रैक को हल्दीबाड़ी पहुंचाया."

17 दिसंबर, 2020 को भारत और बांग्लादेश के प्रधानमंत्रियों ने हल्दीबाड़ी-चिलाहाटी रेल मार्ग पर मालगाड़ियों से रेल यातायात का उद्घाटन किया था. बाद में उस रूट पर यात्री ट्रेनें चलने लगीं. मिताली एक्सप्रेस हर रविवार और बुधवार को न्यू जलपाईगुड़ी से ढाका के लिए रवाना होती थी. यह ट्रेन वापसी पर सोमवार और गुरुवार को ढाका से न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन के लिए रवाना होती थी. इस ट्रेन में 4 एसी बर्थ, 4 एसी चेयर कार और एक ब्रेक वैन सहित दो पावर कार हैं.

यह भी पढ़ें- 3 साल 8 महीने में आंध्र प्रदेश से उत्तर प्रदेश पहुंची ट्रेन ? सच्चाई जानकर हो जाएंगे हैरान

जलपाईगुड़ी: भारत और बांग्लादेश के बीच चलने वाली इंटरनेशनल रेल सेवा मिताली एक्सप्रेस पांच महीने बाद ढाका से जलपाईगुड़ी लौटी. सोमवार को भारत और बांग्लादेश के विदेश सचिवों की बैठक के बाद ट्रेन के डिब्बे वापस भारत लाए गए. पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी जिले में जलपाईगुड़ी से और ढाका के बीच चलने वाली यह ट्रेन जुलाई से बांग्लादेश में अशांति के कारण फंसी हुई थी.

हालांकि, दोनों देशों के बीच यह अंतरराष्ट्रीय ट्रेन सेवा कब फिर से शुरू होगी, इस पर सवाल बना हुआ है. गौरतलब है कि न्यू जलपाईगुड़ी से ढाका कैंटोनमेंट तक चलने वाली मिताली एक्सप्रेस (ट्रेन संख्या 13132) 17 जुलाई को रवाना हुई थी. हालांकि, बांग्लादेश में तत्कालीन शेख हसीना सरकार के खिलाफ हिंसक आंदोलन के कारण ट्रेन वहीं फंस गई थी.

रेल मंत्रालय इस बात को लेकर दुविधा में था कि मिताली एक्सप्रेस के कोच भारत कैसे वापस आएंगे. आखिरकार, दोनों पक्षों के बीच सहमति बनने के बाद ट्रेन को वापस लौटा दिया गया. मिताली एक्सप्रेस मंगलवार सुबह भारत-बांग्लादेश की चिलाहाटी-हल्दीबाड़ी सीमा से भारत में दाखिल हुई.

गौरतलब है कि 1965 के बाद भारत और बांग्लादेश के बीच मिताली एक्सप्रेस हल्दीबाड़ी-चिलाहाटी रेल लिंक पर 1 जून 2022 को फिर से शुरू हुई थी. हालांकि, बांग्लादेश के मौजूदा हालात और भारत के विरोध के माहौल के चलते इस ट्रेन के फिर से चलने पर संशय है.

मिताली एक्सप्रेस के डिब्बे हल्दीबाड़ी स्टेशन
गौरतलब है कि भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने सोमवार को ढाका में बांग्लादेश के विदेश सचिव के साथ अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस से मुलाकात की थी. उस मुलाकात के बाद मंगलवार को कड़ी सुरक्षा के बीच मिताली एक्सप्रेस को वापस भारत लाया गया. बांग्लादेश रेलवे का रेल इंजन और भारत की मिताली एक्सप्रेस के डिब्बे हल्दीबाड़ी स्टेशन पहुंचे.

स्टेशन मास्टर का बयान
हल्दीबाड़ी रेलवे स्टेशन के स्टेशन मास्टर सत्यजीत तिवारी ने बताया, "बांग्लादेश में अस्थिर हालात के कारण मिताली एक्सप्रेस बांग्लादेश में फंस गई थी. मिताली एक्सप्रेस के खाली डिब्बे आज सुबह वापस आ गए. बांग्लादेश रेलवे के इंजन ने मिताली एक्सप्रेस के खाली रैक को हल्दीबाड़ी पहुंचाया."

17 दिसंबर, 2020 को भारत और बांग्लादेश के प्रधानमंत्रियों ने हल्दीबाड़ी-चिलाहाटी रेल मार्ग पर मालगाड़ियों से रेल यातायात का उद्घाटन किया था. बाद में उस रूट पर यात्री ट्रेनें चलने लगीं. मिताली एक्सप्रेस हर रविवार और बुधवार को न्यू जलपाईगुड़ी से ढाका के लिए रवाना होती थी. यह ट्रेन वापसी पर सोमवार और गुरुवार को ढाका से न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन के लिए रवाना होती थी. इस ट्रेन में 4 एसी बर्थ, 4 एसी चेयर कार और एक ब्रेक वैन सहित दो पावर कार हैं.

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