श्रीनगर : जम्मू और कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को आतंकवादियों की सहायता करने के संदिग्ध नागरिकों के खिलाफ कड़े शत्रु एजेंट अध्यादेश को लागू किए जाने पर जम्मू और कश्मीर पुलिस के हालिया फैसले पर गहरी चिंता जताई. इस संबंध में एक्स में की गई एक पोस्ट में महबूबा ने कहा कि आतंकवादियों को बढ़ावा देने और उनकी सहायता करने के संदेह के आधार पर अपने ही नागरिकों के खिलाफ महाराजा काल के क्रूर शत्रु अध्यादेश अधिनियम को लागू करने का जम्मू कश्मीर पुलिस का हालिया फैसला न केवल बेहद चिंताजनक है, बल्कि न्याय का एक बड़ा उल्लंघन भी है.
Jammu Kashmir police’s recent decision of invoking the draconian Enemy Ordinance Act from the Maharaja’s era against its own citizens on mere suspicion of abetting & aiding militants isnt only deeply concerning but a major breach of justice. These archaic laws violate human…
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) June 28, 2024
उन्होंने कहा कि ये पुराने कानून मानव अधिकारों का उल्लंघन करते हैं और इनके साथ दी जाने वाली सजाएं संविधान में निहित न्याय के सिद्धांतों और मूल्यों के साथ पूरी तरह असंगत हैं. महबूबा ने इस बात पर जोर दिया कि सुरक्षा चिंताओं को दूर करने के लिए केंद्र सरकार के प्रयास संवैधानिक अधिकारों और कानून के शासन की कीमत पर नहीं होने चाहिए. यह बयान जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक आरआर स्वैन द्वारा 23 जून को की गई टिप्पणी के बाद आया है.
बता दें कि जम्मू में एक कार्यक्रम में बोलते हुए स्वैन ने घोषणा की थी कि विदेशी आतंकवादियों का समर्थन करने वाले स्थानीय लोगों पर शत्रु एजेंट अध्यादेश के तहत मुकदमा चलाया जाएगा, जो कि गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) से कहीं अधिक कठोर कानून है. स्वैन ने जोर देकर कहा कि अगले कुछ महीनों में जम्मू क्षेत्र से सभी विदेशी आतंकवादियों को हटा दिया जाएगा.इसके अलावा विदेशी आतंकवादियों का समर्थन करने वाले स्थानीय लोगों से शत्रु एजेंट अध्यादेश के तहत निपटा जाएगा, जिसमें न्यूनतम आजीवन कारावास या मृत्युदंड की सजा का प्रावधान है.