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महबूबा मुफ्ती ने की महाराजा-युग के अध्यादेश के प्रयोग को लेकर DGP की आलोचना - PDP chief Mehbooba Mufti

Jammu and Kashmir, जम्मू कश्मीर के डीजीपी आरआर स्वैन के द्वारा महाराजा युग के अध्यादेश को लागू किए जाने की पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने आलोचना की है. उन्होंने इसको लेकर चिंता जताते हुए कहा है कि पुलिस यह फैसला ने केवल चिंतनीय है बल्कि न्याय का उल्लंघन है.

PDP President Mehbooba Mufti and Jammu Kashmir DDP RR Swain
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और जम्मू कश्मीर के डीडीपी आरआर स्वैन (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 28, 2024, 4:31 PM IST

श्रीनगर : जम्मू और कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को आतंकवादियों की सहायता करने के संदिग्ध नागरिकों के खिलाफ कड़े शत्रु एजेंट अध्यादेश को लागू किए जाने पर जम्मू और कश्मीर पुलिस के हालिया फैसले पर गहरी चिंता जताई. इस संबंध में एक्स में की गई एक पोस्ट में महबूबा ने कहा कि आतंकवादियों को बढ़ावा देने और उनकी सहायता करने के संदेह के आधार पर अपने ही नागरिकों के खिलाफ महाराजा काल के क्रूर शत्रु अध्यादेश अधिनियम को लागू करने का जम्मू कश्मीर पुलिस का हालिया फैसला न केवल बेहद चिंताजनक है, बल्कि न्याय का एक बड़ा उल्लंघन भी है.

उन्होंने कहा कि ये पुराने कानून मानव अधिकारों का उल्लंघन करते हैं और इनके साथ दी जाने वाली सजाएं संविधान में निहित न्याय के सिद्धांतों और मूल्यों के साथ पूरी तरह असंगत हैं. महबूबा ने इस बात पर जोर दिया कि सुरक्षा चिंताओं को दूर करने के लिए केंद्र सरकार के प्रयास संवैधानिक अधिकारों और कानून के शासन की कीमत पर नहीं होने चाहिए. यह बयान जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक आरआर स्वैन द्वारा 23 जून को की गई टिप्पणी के बाद आया है.

बता दें कि जम्मू में एक कार्यक्रम में बोलते हुए स्वैन ने घोषणा की थी कि विदेशी आतंकवादियों का समर्थन करने वाले स्थानीय लोगों पर शत्रु एजेंट अध्यादेश के तहत मुकदमा चलाया जाएगा, जो कि गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) से कहीं अधिक कठोर कानून है. स्वैन ने जोर देकर कहा कि अगले कुछ महीनों में जम्मू क्षेत्र से सभी विदेशी आतंकवादियों को हटा दिया जाएगा.इसके अलावा विदेशी आतंकवादियों का समर्थन करने वाले स्थानीय लोगों से शत्रु एजेंट अध्यादेश के तहत निपटा जाएगा, जिसमें न्यूनतम आजीवन कारावास या मृत्युदंड की सजा का प्रावधान है.

स्वैन ने कहा कि 1948 में पाकिस्तानी हमलावरों या आक्रमणकारियों का मुकाबला करने के लिए पेश किया गया यह अधिनियम यूएपीए से कहीं अधिक कठोर है. डीजीपी ने यह भी कहा कि विदेशी भाड़े के सैनिक, जो नागरिकों की हत्या करने, नागरिक अशांति भड़काने, सरकार को अस्थिर करने और अपनी विचारधारा थोपने के लिए आते हैं, उनके खिलाफ जांच की नहीं बल्कि केवल निर्णायक कार्रवाई की जरूरत है. उन्होंने कहा कि हम लोगों की मदद से, ग्राम रक्षा गार्डों, विशेष पुलिस अधिकारियों और केंद्रीय सशस्त्र बलों के सहयोग से यह लड़ाई जीतेंगे.

वहीं महबूबा मुफ्ती की आलोचनाओं के जवाब में, जम्मू-कश्मीर काउंटर डिसइन्फॉर्मेशन सेंटर (JKCDC) ने उनकी टिप्पणियों को भ्रामक करार दिया है. एक्स पर एक पोस्ट में जेकेसीडीसी ने कहा कि पाकिस्तान स्थित प्रचार खातों द्वारा भ्रामक दावे के साथ फर्जी खबर प्रसारित की जा रही हैं कि भारत मनगढ़ंत आरोपों पर कश्मीरियों को गिरफ्तार करने और उन पर मुकदमा चलाने के लिए जम्मू-कश्मीर में शत्रु एजेंट अधिनियम लागू करने की योजना बना रहा है. जेकेसीडीसी ने आगे कहा कि हालांकि आतंकवाद पर कार्रवाई को तेज करने के लिए एक निर्णायक कदम के रूप में, जम्मू-कश्मीर के डीजीपी आरआर स्वैन ने घोषणा की है कि जम्मू-कश्मीर पुलिस पाकिस्तानी आतंकवादियों/विदेशी आतंकवादियों की सहायता करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ कड़े शत्रु एजेंट अध्यादेश अधिनियम को लागू करेगी.

ये भी पढ़ें - महबूबा और उमर ने नीट पेपर लीक पर जताई चिंता, सांसदों से समस्या दूर करने का किया आग्रह

श्रीनगर : जम्मू और कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को आतंकवादियों की सहायता करने के संदिग्ध नागरिकों के खिलाफ कड़े शत्रु एजेंट अध्यादेश को लागू किए जाने पर जम्मू और कश्मीर पुलिस के हालिया फैसले पर गहरी चिंता जताई. इस संबंध में एक्स में की गई एक पोस्ट में महबूबा ने कहा कि आतंकवादियों को बढ़ावा देने और उनकी सहायता करने के संदेह के आधार पर अपने ही नागरिकों के खिलाफ महाराजा काल के क्रूर शत्रु अध्यादेश अधिनियम को लागू करने का जम्मू कश्मीर पुलिस का हालिया फैसला न केवल बेहद चिंताजनक है, बल्कि न्याय का एक बड़ा उल्लंघन भी है.

उन्होंने कहा कि ये पुराने कानून मानव अधिकारों का उल्लंघन करते हैं और इनके साथ दी जाने वाली सजाएं संविधान में निहित न्याय के सिद्धांतों और मूल्यों के साथ पूरी तरह असंगत हैं. महबूबा ने इस बात पर जोर दिया कि सुरक्षा चिंताओं को दूर करने के लिए केंद्र सरकार के प्रयास संवैधानिक अधिकारों और कानून के शासन की कीमत पर नहीं होने चाहिए. यह बयान जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक आरआर स्वैन द्वारा 23 जून को की गई टिप्पणी के बाद आया है.

बता दें कि जम्मू में एक कार्यक्रम में बोलते हुए स्वैन ने घोषणा की थी कि विदेशी आतंकवादियों का समर्थन करने वाले स्थानीय लोगों पर शत्रु एजेंट अध्यादेश के तहत मुकदमा चलाया जाएगा, जो कि गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) से कहीं अधिक कठोर कानून है. स्वैन ने जोर देकर कहा कि अगले कुछ महीनों में जम्मू क्षेत्र से सभी विदेशी आतंकवादियों को हटा दिया जाएगा.इसके अलावा विदेशी आतंकवादियों का समर्थन करने वाले स्थानीय लोगों से शत्रु एजेंट अध्यादेश के तहत निपटा जाएगा, जिसमें न्यूनतम आजीवन कारावास या मृत्युदंड की सजा का प्रावधान है.

स्वैन ने कहा कि 1948 में पाकिस्तानी हमलावरों या आक्रमणकारियों का मुकाबला करने के लिए पेश किया गया यह अधिनियम यूएपीए से कहीं अधिक कठोर है. डीजीपी ने यह भी कहा कि विदेशी भाड़े के सैनिक, जो नागरिकों की हत्या करने, नागरिक अशांति भड़काने, सरकार को अस्थिर करने और अपनी विचारधारा थोपने के लिए आते हैं, उनके खिलाफ जांच की नहीं बल्कि केवल निर्णायक कार्रवाई की जरूरत है. उन्होंने कहा कि हम लोगों की मदद से, ग्राम रक्षा गार्डों, विशेष पुलिस अधिकारियों और केंद्रीय सशस्त्र बलों के सहयोग से यह लड़ाई जीतेंगे.

वहीं महबूबा मुफ्ती की आलोचनाओं के जवाब में, जम्मू-कश्मीर काउंटर डिसइन्फॉर्मेशन सेंटर (JKCDC) ने उनकी टिप्पणियों को भ्रामक करार दिया है. एक्स पर एक पोस्ट में जेकेसीडीसी ने कहा कि पाकिस्तान स्थित प्रचार खातों द्वारा भ्रामक दावे के साथ फर्जी खबर प्रसारित की जा रही हैं कि भारत मनगढ़ंत आरोपों पर कश्मीरियों को गिरफ्तार करने और उन पर मुकदमा चलाने के लिए जम्मू-कश्मीर में शत्रु एजेंट अधिनियम लागू करने की योजना बना रहा है. जेकेसीडीसी ने आगे कहा कि हालांकि आतंकवाद पर कार्रवाई को तेज करने के लिए एक निर्णायक कदम के रूप में, जम्मू-कश्मीर के डीजीपी आरआर स्वैन ने घोषणा की है कि जम्मू-कश्मीर पुलिस पाकिस्तानी आतंकवादियों/विदेशी आतंकवादियों की सहायता करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ कड़े शत्रु एजेंट अध्यादेश अधिनियम को लागू करेगी.

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