देहरादूनः दिल्ली में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में उत्तराखंड समेत कई राज्यों के लिए बड़े सौगात देने वाले निर्णय लिए गए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने ऐतिहासिक निर्णय में राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम (एनआईसीडीपी)- National Industrial Corridor Development Programme के तहत 28,602 करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश के साथ 12 नए परियोजना प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है. खास बात है कि उत्तराखंड के उधमसिंह नगर जिले के खुरपिया को औद्योगिक स्मार्ट शहर की तर्ज पर विकसित करने का फैसला लिया है.
सीएम धामी ने इस सौगात के लिए पीएम मोदी का आभार जताते हुए एक्स पर लिखा, उत्तराखंड में स्थापित होने वाली औद्योगिक स्मार्ट सिटी प्रदेश की विनिर्माण क्षमता एवं आर्थिक विकास की वृद्धि में अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होगी. इससे जहां एक ओर प्रदेश में हो रहे निवेश में वृद्धि होगी, वहीं दूसरी ओर प्रदेश में बड़े स्तर पर रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे.
➡️ The new industrial cities will be developed as greenfield smart cities of global standards, built " ahead of demand" on the 'plug-n-play' and 'walk-to-work' concepts
— PIB India (@PIB_India) August 28, 2024
➡️ aligned with the pm gatishakti national master plan, the projects will feature multi-modal connectivity… pic.twitter.com/j1s8OGSKdS
रणनीतिक निवेश: एनआईसीडीपी को बड़े उद्योगों और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) दोनों से निवेश की सुविधा प्रदान करके एक जीवंत औद्योगिक इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिए तैयार किया गया है. ये औद्योगिक नोड 2030 तक 2 ट्रिलियन डॉलर निर्यात प्राप्त करने के लिए उत्प्रेरक के रूप में कार्य करेंगे, जो सरकार के आत्मनिर्भर और वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी भारत के विजन को दर्शाता है.
स्मार्ट शहर और आधुनिक बुनियादी ढांचा: नए औद्योगिक शहरों को वैश्विक मानकों के ग्रीनफील्ड स्मार्ट शहरों के रूप में विकसित किया जाएगा, जिन्हें 'प्लग-एन-प्ले' और 'वॉक-टू-वर्क' अवधारणाओं पर 'मांग से पहले' बनाया जाएगा. यह दृष्टिकोण सुनिश्चित करता है कि शहर उन्नत बुनियादी ढांचे से लैस हों जो टिकाऊ और कुशल औद्योगिक कार्यों का समर्थन करते हैं.
पीएम गतिशक्ति पर क्षेत्रीय दृष्टिकोण: पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के अनुरूप परियोजनाओं में मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी बुनियादी ढांचा होगा, जो लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करेगा. औद्योगिक शहरों को पूरे क्षेत्र के परिवर्तन के लिए विकास केंद्र बनाने की परिकल्पना की गई है.
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट बैठक में देश के विभिन्न राज्यों के 12 शहरों में ₹28,602 करोड़ की लागत से औद्योगिक स्मार्ट सिटी बनाने का निर्णय अभिनंदनीय है।
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) August 28, 2024
उत्तराखण्ड के ऊधम सिंह नगर के खुरपिया को इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी की…
एक 'विकसित भारत' का विजन: इन परियोजनाओं की मंजूरी 'विकसित भारत' - एक विकसित भारत के विजन को साकार करने की दिशा में एक कदम है. वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं (जीवीसी) में भारत को एक मजबूत प्रतिस्पर्धी के रूप में स्थापित करके, एनआईसीडीपी आवंटन के लिए तत्काल उपलब्ध उन्नत विकसित भूमि प्रदान करेगा, जिससे घरेलू और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के लिए भारत में विनिर्माण इकाइयां स्थापित करना आसान हो जाएगा. यह एक 'आत्मनिर्भर भारत' या स्वालंबी भारत बनाने के व्यापक उद्देश्य के अनुरूप है, जो बढ़े हुए औद्योगिक उत्पादन और रोजगार के माध्यम से आर्थिक विकास को बढ़ावा देता है.
आर्थिक प्रभाव और रोजगार सृजन: एनआईसीडीपी से महत्वपूर्ण रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है, जिसमें अनुमानित 1 मिलियन प्रत्यक्ष नौकरियां और नियोजित औद्योगीकरण के माध्यम से 3 मिलियन तक अप्रत्यक्ष नौकरियां पैदा होंगी. इससे न केवल आजीविका के अवसर उपलब्ध होंगे, बल्कि उन क्षेत्रों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान में भी योगदान मिलेगा जहां ये परियोजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं.
स्थायी विकास के प्रति प्रतिबद्धता: एनआईसीडीपी के तहत परियोजनाओं को स्थायित्व पर ध्यान केंद्रीत करते हुए तैयार किया गया है, जिसमें पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए आईसीटी-सक्षम उपयोगिताओं और हरित प्रौद्योगिकियों को शामिल किया गया है. गुणवत्तापूर्ण, विश्वसनीय और टिकाऊ बुनियादी ढांचा प्रदान करके, सरकार का लक्ष्य ऐसे औद्योगिक शहर बनाना है जो न केवल आर्थिक गतिविधि के केंद्र हों, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के मॉडल भी हों.
एनआईसीडीपी के तहत 12 नए औद्योगिक नोड्स की स्वीकृति भारत की वैश्विक विनिर्माण शक्ति बनने की यात्रा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है. एकीकृत विकास, टिकाऊ बुनियादी ढांचे और निर्बाध कनेक्टिविटी पर रणनीतिक ध्यान देने के साथ, ये परियोजनाएं भारत के औद्योगिक परिदृश्य को फिर से परिभाषित करने और आने वाले वर्षों में देश की आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए तैयार हैं.
इन नई मंजूरियों के अलावा, एनआईसीडीपी ने पहले ही चार परियोजनाओं को पूरा होते देखा है, और चार अन्य वर्तमान में कार्यान्वयन के अधीन हैं. यह निरंतर प्रगति भारत के औद्योगिक क्षेत्र को बदलने और एक जीवंत, टिकाऊ और समावेशी आर्थिक वातावरण को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है.
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