मदुरै/चेन्नई (तमिलनाडु): तमिलनाडु के प्राचीन और गौरवशाली शहर मदुरै में मनाया जाने वाला चिथिराई त्योहार विश्व प्रसिद्ध है. ये महोत्सव भगवान सुंदरेश्वर (भगवान शिव) और भगवान विष्णु की बहन मानी जाने वाली देवी मीनाक्षी के दिव्य मिलन के लिए मनाया जाता है. इस साल का चिथिराई उत्सव 12 अप्रैल को ध्वजारोहण के साथ शुरू हुआ था.
चिथिराई उत्सव के अवसर पर मीनाक्षी और सुंदरेश्वर की विदाई होती है. विभिन्न वाहनों में इन्हें स्थापित कर जुलूस निकाला जाता है. इसी कड़ी में मदुरै में मीनाक्षी अम्मन का पट्टाभिषेकम आयोजित किया गया.
ऐसा माना जाता है कि 'मदुरै में मां मीनाक्षी का शासन' पट्टाभिषेकम के दिन से तमिल महीने आदि तक चार महीने तक रहेगा. 'थिक विजयम' एक कार्यक्रम है जिसमें भगवान शिव को मीनाक्षी अम्मन की लड़ाई के लिए आमंत्रित किया गया था, कल (शनिवार) आयोजित किया गया था.
ये है मान्यता : ऐसे में मदुरै के लोगों द्वारा मनाए जाने वाले चिथिराई उत्सव का शिखर कार्यक्रम मीनाक्षी - सुंदरेश्वर थिरुक्कलयनम रविवार सुबह 8.35 बजे से 8.59 बजे तक आयोजित किया गया. ऐसा माना जाता है कि जो लोग इस थिरुक्कलयनम की यात्रा करते हैं उन्हें वैवाहिक बाधाओं से छुटकारा मिलता है और विवाह योग और एक पूर्ण जीवन मिलता है.
10 टन फूलों से सजावट : इस थिरुक्कलयनम कार्यक्रम के लिए मीनाक्षी-सुंदरेश्वर की शादी मंच लगभग 10 टन वजन फूलों और रंग-बिरंगे रेशमी कपड़ों से सजाया गया. भक्तों को थिरुक्कलयनम के दर्शन की सुविधा प्रदान करने के लिए पश्चिम और उत्तर आदि सड़कों पर एक विशाल पंडाल बनाया गया.
साथ ही, जनता की सुविधा के लिए तिरुकल्याण दृश्यों को देखने के लिए चिथिराई स्ट्रीट्स सहित 20 स्थानों पर बड़ी एलईडी स्क्रीनें लगाई गई हैं. थिरुकल्याणम के पूरा होने के बाद मीनाक्षी-सुंदरेश्वर युगल गोलाम के पुराने हॉल में उठेंगे और भक्तों को उपहार देंगे. इसके बाद कल रथ उत्सव और मंगलवार को कल्लालागर वैगई नदी में उत्सवत्रुला का आयोजन किया जाएगा. गौरतलब है कि चिथिराई उत्सव के कारण जहां मदुरै शहर उत्सव से भरा हुआ है, वहीं पूरे शहर में मदुरै मीनाक्षी - सुंदरेश्वर थिरुक्कलयनम में भारी पुलिस सुरक्षा तैनात की गई है.