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CAA के फैसले के विरोध में असम में कई जगह विरोध-प्रदर्शन, जलाए पुतले

कई छात्र संगठनों ने असम के कई जगहों जैसे तिनसुकिया, मोरान, जोनाई, बोकाखाट, गोलाघाट, शिवसागर पर सीएए के विरोध में नारे लगाए. लोगो ने न सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के पुतले जलाए बल्कि उनको चेतावनी भी दी.

CAA 2019
नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019
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By PTI

Published : Mar 12, 2024, 3:36 PM IST

Updated : Mar 12, 2024, 7:29 PM IST

दिसपुर: केंद्र सरकार ने सोमवार को पूरे देश में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को लागू करने की अधिसूचना जारी की है. इसके विरोध में राज्य के कई हिस्सों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं. CAA को लागू करने के फैसले के प्रति लोगो की नाराजगी साफ झलक रही है और इसे राज्य भर में समाज के व्यापक वर्ग से आलोचना का सामना भी करना पड़ रहा है.

वहीं, सीएए नियमों के खिलाफ विरोध जताते हुए असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एपीसीसी) ने कहा कि ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (एएएसयू), असम जातीयतावादी युवा छात्र परिषद (एजेवाईसीपी) और असम के अन्य सभी संगठन सीएए के खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई लड़ेंगे. यदि आवश्यक हुआ, तो पार्टी विवादास्पद अधिनियम के खिलाफ हाई कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाएगी.

असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एपीसीसी) के अध्यक्ष भूपेन बोरा ने कहा कि सीएए असंवैधानिक है. यह ऐतिहासिक असम समझौते के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है. बोरा ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी (बीजेपी) लोकसभा चुनाव के दौरान राजनीतिक लाभ लेना चाहती है और इसीलिए उन्होंने आदर्श आचार संहिता की घोषणा से ठीक पहले सीएए को अधिसूचित किया है.

उन्होंने आगे कहा कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पहले कहा था कि वह 1971 के बाद सीमा पार से असम में आने वाले लोगों को कभी अनुमति नहीं देंगे. वास्तव में, बांग्लादेशियों का निर्वासन भाजपा के मुख्य एजेंडे में से एक है. उन्होंने कहा कि असम में कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष एकजुट होकर बड़े पैमाने पर सीएए विरोधी आंदोलन शुरू करेगा.

CAA के फैसले के विरोध में असम में कई जगह विरोध-प्रदर्शन

सोमवार देर रात कई कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के छात्र संगठनों ने इस विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया. वहीं मंगलवार की सुबह भी नाराज लोग सड़कों पर नजर आए. जानकारी के मुताबिक असम के कई जगहों जैसे तिनसुकिया, मोरान, जोनाई, बोकाखाट, गोलाघाट, शिवसागर पर सीएए के विरोध में नारे लगाए गए. लोगों ने न सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के पुतले जलाए बल्कि उनको चेतावनी भी दी.

इसके अलावा प्रदर्शनकारी कार्यकर्ताओं ने उस अधिनियम को रद्द करने की पुरजोर मांग भी की. इस बीच ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU) के महासचिव शंकरज्योति बरुआ ने सीएए को अपनाने के तुरंत बाद रात में दुलियाजान में प्रतिक्रिया व्यक्त की. शंकरज्योति बरुआ ने कहा, 'आज से हर जिले का छात्र संघ 30 आदिवासी संगठनों के साथ मिलकर रैलियां निकालेगा. एएएसयू नेतृत्व सीएए के खिलाफ श्रृंखलाबद्ध विरोध प्रदर्शन आयोजित करने के लिए 30 जनजातियों के संगठनों के साथ भी बातचीत करेगा.

एएएसयू महासचिव शंकरज्योति बरुआ ने यह भी घोषणा की कि ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन सीएए के खिलाफ सड़क पर आंदोलन और कानूनी लड़ाई शुरू करेगा, भले ही पुलिस की ओर से बाधा उत्पन्न हो. इसके अलावा बरुआ ने लोगों से मोदी सरकार के खिलाफ वोट करने का आग्रह किया, उनके हिसाफ़ से जो सीएए लागू करके असमिया लोगों को खत्म करने की कोशिश कर रही है.

वहीं, राज्य की बात करें तो CAA लागू होने के बाद पूरे राज्य में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है. असम पुलिस यह सुनिश्चित करने के लिए तैयार है कि कोई अप्रिय या अनिश्चित घटना न हो. हर थाने को भी अलर्ट रहने और कड़ी निगरानी रखने का निर्देश दिया गया है.

गुवाहाटी में शहर के विभिन्न हिस्सों के साथ-साथ जनता भवन, असम सचिवालय परिसर और मंत्रियों और विधायकों के आवास के आसपास पुलिस तैनात की गई है. इलाके में किसी भी तरह की शत्रुता को रोकने के लिए पुलिस कमांडो को मंगलवार सुबह से ही राजधानी दिसपुर के आसपास कार्रवाई और गश्त करते देखा गया है.

इस बीच, असम पुलिस सीएए विरोधी प्रदर्शनों का मुकाबला करने की तैयारी में है. सीएए लागू होने के बाद असम पुलिस ने एकता मंच से 16 विपक्षी दलों के प्रमुखों को नोटिस भेजा है. यह नोटिस विपक्षी एकता मंच द्वारा बुलाए गए पूर्ण हड़ताल के मद्देनजर भेजा गया है.

इन सब के अलावा बरुआ ने बताया कि ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन नागरिकता संशोधन कानून पर रोक लगाने की मांग को लेकर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में अपनी पहली याचिका दायर करेगा. इस बीच महासचिव शंकरज्योति बरुआ सीएए को खारिज करने के लिए संगठन द्वारा की जाने वाली कानूनी कार्रवाई के लिए अध्यक्ष उत्पल सरमा के साथ आज दिल्ली के लिए उड़ान भरेंगे.

अधिसूचना में सुप्रीम कोर्ट द्वारा हड़ताल को असंवैधानिक, अवैध बताए जाने का हवाला दिया गया है। आगे कहा कि बंद के कारण सार्वजनिक संपत्ति नष्ट होने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. किसी भी संपत्ति के नष्ट होने पर बंद की घोषणा करने वाला जिम्मेदार होगा. गौरतलब है कि कल CAA लागू होने के बाद विपक्षी एकता मंच ने आज सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक पूर्ण हड़ताल का कार्यक्रम रखा था.

डीजीपी जीपी सिंह ने भी इस मुद्दे पर एक्स के जरिए पोस्ट जारी करते हुए कड़ी चेतावनी दी है और लिखा हैं कि “@assampolice ने यह सुनिश्चित करने की व्यवस्था की है कि कोई भी कानून न तोड़े. हम असम के निवासियों के जीवन और संपत्ति को किसी भी प्रकार की बर्बरता से बचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. इसके अलावा, सभी कानूनों और न्यायिक घोषणाओं को निर्धारित प्रक्रियाओं के अनुसार पूरी तरह से लागू किया जाएगा.''

ऐसे समय में जब देशभर में सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सोमवार को देशभर में सीएए लागू कर दिया. आपको बता दें नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) अधिसूचना सोमवार को पूरे देश में लागू हो गई हैं.

यह भी पढे़- CAA लागू होने के बाद दिल्ली के खानपुर वार्ड में सिंधी परिवारों की दीवाली, एक दूसरे को खिला रहे लड्डू

दिसपुर: केंद्र सरकार ने सोमवार को पूरे देश में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को लागू करने की अधिसूचना जारी की है. इसके विरोध में राज्य के कई हिस्सों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं. CAA को लागू करने के फैसले के प्रति लोगो की नाराजगी साफ झलक रही है और इसे राज्य भर में समाज के व्यापक वर्ग से आलोचना का सामना भी करना पड़ रहा है.

वहीं, सीएए नियमों के खिलाफ विरोध जताते हुए असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एपीसीसी) ने कहा कि ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (एएएसयू), असम जातीयतावादी युवा छात्र परिषद (एजेवाईसीपी) और असम के अन्य सभी संगठन सीएए के खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई लड़ेंगे. यदि आवश्यक हुआ, तो पार्टी विवादास्पद अधिनियम के खिलाफ हाई कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाएगी.

असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एपीसीसी) के अध्यक्ष भूपेन बोरा ने कहा कि सीएए असंवैधानिक है. यह ऐतिहासिक असम समझौते के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है. बोरा ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी (बीजेपी) लोकसभा चुनाव के दौरान राजनीतिक लाभ लेना चाहती है और इसीलिए उन्होंने आदर्श आचार संहिता की घोषणा से ठीक पहले सीएए को अधिसूचित किया है.

उन्होंने आगे कहा कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पहले कहा था कि वह 1971 के बाद सीमा पार से असम में आने वाले लोगों को कभी अनुमति नहीं देंगे. वास्तव में, बांग्लादेशियों का निर्वासन भाजपा के मुख्य एजेंडे में से एक है. उन्होंने कहा कि असम में कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष एकजुट होकर बड़े पैमाने पर सीएए विरोधी आंदोलन शुरू करेगा.

CAA के फैसले के विरोध में असम में कई जगह विरोध-प्रदर्शन

सोमवार देर रात कई कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के छात्र संगठनों ने इस विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया. वहीं मंगलवार की सुबह भी नाराज लोग सड़कों पर नजर आए. जानकारी के मुताबिक असम के कई जगहों जैसे तिनसुकिया, मोरान, जोनाई, बोकाखाट, गोलाघाट, शिवसागर पर सीएए के विरोध में नारे लगाए गए. लोगों ने न सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के पुतले जलाए बल्कि उनको चेतावनी भी दी.

इसके अलावा प्रदर्शनकारी कार्यकर्ताओं ने उस अधिनियम को रद्द करने की पुरजोर मांग भी की. इस बीच ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU) के महासचिव शंकरज्योति बरुआ ने सीएए को अपनाने के तुरंत बाद रात में दुलियाजान में प्रतिक्रिया व्यक्त की. शंकरज्योति बरुआ ने कहा, 'आज से हर जिले का छात्र संघ 30 आदिवासी संगठनों के साथ मिलकर रैलियां निकालेगा. एएएसयू नेतृत्व सीएए के खिलाफ श्रृंखलाबद्ध विरोध प्रदर्शन आयोजित करने के लिए 30 जनजातियों के संगठनों के साथ भी बातचीत करेगा.

एएएसयू महासचिव शंकरज्योति बरुआ ने यह भी घोषणा की कि ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन सीएए के खिलाफ सड़क पर आंदोलन और कानूनी लड़ाई शुरू करेगा, भले ही पुलिस की ओर से बाधा उत्पन्न हो. इसके अलावा बरुआ ने लोगों से मोदी सरकार के खिलाफ वोट करने का आग्रह किया, उनके हिसाफ़ से जो सीएए लागू करके असमिया लोगों को खत्म करने की कोशिश कर रही है.

वहीं, राज्य की बात करें तो CAA लागू होने के बाद पूरे राज्य में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है. असम पुलिस यह सुनिश्चित करने के लिए तैयार है कि कोई अप्रिय या अनिश्चित घटना न हो. हर थाने को भी अलर्ट रहने और कड़ी निगरानी रखने का निर्देश दिया गया है.

गुवाहाटी में शहर के विभिन्न हिस्सों के साथ-साथ जनता भवन, असम सचिवालय परिसर और मंत्रियों और विधायकों के आवास के आसपास पुलिस तैनात की गई है. इलाके में किसी भी तरह की शत्रुता को रोकने के लिए पुलिस कमांडो को मंगलवार सुबह से ही राजधानी दिसपुर के आसपास कार्रवाई और गश्त करते देखा गया है.

इस बीच, असम पुलिस सीएए विरोधी प्रदर्शनों का मुकाबला करने की तैयारी में है. सीएए लागू होने के बाद असम पुलिस ने एकता मंच से 16 विपक्षी दलों के प्रमुखों को नोटिस भेजा है. यह नोटिस विपक्षी एकता मंच द्वारा बुलाए गए पूर्ण हड़ताल के मद्देनजर भेजा गया है.

इन सब के अलावा बरुआ ने बताया कि ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन नागरिकता संशोधन कानून पर रोक लगाने की मांग को लेकर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में अपनी पहली याचिका दायर करेगा. इस बीच महासचिव शंकरज्योति बरुआ सीएए को खारिज करने के लिए संगठन द्वारा की जाने वाली कानूनी कार्रवाई के लिए अध्यक्ष उत्पल सरमा के साथ आज दिल्ली के लिए उड़ान भरेंगे.

अधिसूचना में सुप्रीम कोर्ट द्वारा हड़ताल को असंवैधानिक, अवैध बताए जाने का हवाला दिया गया है। आगे कहा कि बंद के कारण सार्वजनिक संपत्ति नष्ट होने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. किसी भी संपत्ति के नष्ट होने पर बंद की घोषणा करने वाला जिम्मेदार होगा. गौरतलब है कि कल CAA लागू होने के बाद विपक्षी एकता मंच ने आज सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक पूर्ण हड़ताल का कार्यक्रम रखा था.

डीजीपी जीपी सिंह ने भी इस मुद्दे पर एक्स के जरिए पोस्ट जारी करते हुए कड़ी चेतावनी दी है और लिखा हैं कि “@assampolice ने यह सुनिश्चित करने की व्यवस्था की है कि कोई भी कानून न तोड़े. हम असम के निवासियों के जीवन और संपत्ति को किसी भी प्रकार की बर्बरता से बचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. इसके अलावा, सभी कानूनों और न्यायिक घोषणाओं को निर्धारित प्रक्रियाओं के अनुसार पूरी तरह से लागू किया जाएगा.''

ऐसे समय में जब देशभर में सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सोमवार को देशभर में सीएए लागू कर दिया. आपको बता दें नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) अधिसूचना सोमवार को पूरे देश में लागू हो गई हैं.

यह भी पढे़- CAA लागू होने के बाद दिल्ली के खानपुर वार्ड में सिंधी परिवारों की दीवाली, एक दूसरे को खिला रहे लड्डू
Last Updated : Mar 12, 2024, 7:29 PM IST
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