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टॉप माओवादी कमांडर अपने बेटे को बनाना चाहता है क्रिकेटर! पुलिस भी मदद करने को तैयार - Maoist son cricketer

Maoist commander Chhotu Kharwar. टॉप माओवादी कमांडर अपने बेटे को क्रिकेटर बनाना चाहता है. इसके लिए वह बेटे को क्रिकेट की ट्रेनिंग दिला रहा है, साथ ही कई जिला के क्रिकेट संघ के साथ संपर्क भी कर रहा है. पुलिस भी उसकी मदद करने के लिए तैयार है.

Maoist commander Chhotu Kharwar
कॉन्सेप्ट इमेज (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jul 19, 2024, 3:45 PM IST

पलामू: झारखंड का एक टॉप माओवादी अपने बेटे को क्रिकेटर बनाना चाहता है. टॉप माओवादी अपने बेटे को फिलहाल फिलहाल अंडर 16 टीम का हिस्सा बनाना चाहता है. टॉप माओवादी का बेटा फिलहाल रांची और लातेहार के इलाके में क्रिकेट की कोचिंग ले रहा है. दरअसल, पुलिस एवं सुरक्षा एजेंसियों को यह जानकारी मिली है कि 15 लाख के इनामी माओवादी कमांडर छोटू खरवार अपने बेटे क्रिकेटर बनाना चाहता है और उसे कोचिंग दिलवा रहा है.

अंडर 16 खिलवाने के लिए वह कई जिलों में संपर्क कर रहा है. छोटू खरवार माओवादियों का स्टेट एरिया कमेटी सदस्य है. फिलहाल वह बूढा पहाड़ के साथ साथ माओवादीयों के कोयल शंख जोन का इंचार्ज है. कोयल शंख जोन में आधा पलामू, लातेहार, गुमला, लोहरदगा और सिमडेगा का इलाका शामिल है. कुछ दिनों पहले लातेहार के दौना के इलाके से माओवादियों के दस्ते में दो बच्चे शामिल हुए थे, दोनों बच्चे छोटू खरवार के नेतृत्व में दस्ते में शामिल हुए थे.

पुलिस मदद करने को तैयार! दूसरों के बच्चों को दिग्भ्रमित नहीं करने का आग्रह

पलामू रेंज के डीआईजी वाईएस रमेश ने बताया कि पुलिस छोटू खरवार के बच्चे की मदद करने को तैयार है ताकि वह क्रिकेटर बन सके. उन्होंने कहा कि बच्चों का कोई दोष नहीं है कि उसके पिता एक टॉप माओवादी है. छोटू खरवार समेत आने टॉप कमांडरों को भी यह सोचना चाहिए कि वह दूसरों को बच्चों को दिग्भ्रमित नहीं करे और मुख्यधारा से नहीं भटकाए.

पुलिस लगातार माओवादियों के टॉप कमांडरों से मुख्यधारा में शामिल होने की अपील कर रही है. माओवादियों के टॉप कमांडरों का दोहरा चेहरा नजर आता है, वे अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा और सुविधा देना चाहते हैं जबकि दूसरे के बच्चों को दस्ते में शामिल करना चाहते हैं. पुलिस सभी मोर्चों पर कार्य कर रही है.

माओवादी के दस्ते शामिल हो चुके हैं कई बच्चे, कई टॉप कमांडरों के बच्चों ने उच्च शिक्षा किया है ग्रहण

झारखंड बिहार के इलाके में माओवादियों के दस्ते में कई बच्चे शामिल हो चुके हैं. पलामू नौडीहा बाजार थाना क्षेत्र के पाल्हे तुरकुन जैसे गांव के आधा दर्जन से अधिक बच्चियां माओवादी के दस्ते में शामिल हुईं थीं. दो बच्ची मुठभेड़ के दौरान मारी भी गई हैं जबकि कई गिरफ्तार हुईं थीं. पाल्हे तुरकुन गांव के जैसे कई गांव हैं जहां के कई बच्चे नक्सल दस्ते का सदस्य रहे हैं.

पलामू: झारखंड का एक टॉप माओवादी अपने बेटे को क्रिकेटर बनाना चाहता है. टॉप माओवादी अपने बेटे को फिलहाल फिलहाल अंडर 16 टीम का हिस्सा बनाना चाहता है. टॉप माओवादी का बेटा फिलहाल रांची और लातेहार के इलाके में क्रिकेट की कोचिंग ले रहा है. दरअसल, पुलिस एवं सुरक्षा एजेंसियों को यह जानकारी मिली है कि 15 लाख के इनामी माओवादी कमांडर छोटू खरवार अपने बेटे क्रिकेटर बनाना चाहता है और उसे कोचिंग दिलवा रहा है.

अंडर 16 खिलवाने के लिए वह कई जिलों में संपर्क कर रहा है. छोटू खरवार माओवादियों का स्टेट एरिया कमेटी सदस्य है. फिलहाल वह बूढा पहाड़ के साथ साथ माओवादीयों के कोयल शंख जोन का इंचार्ज है. कोयल शंख जोन में आधा पलामू, लातेहार, गुमला, लोहरदगा और सिमडेगा का इलाका शामिल है. कुछ दिनों पहले लातेहार के दौना के इलाके से माओवादियों के दस्ते में दो बच्चे शामिल हुए थे, दोनों बच्चे छोटू खरवार के नेतृत्व में दस्ते में शामिल हुए थे.

पुलिस मदद करने को तैयार! दूसरों के बच्चों को दिग्भ्रमित नहीं करने का आग्रह

पलामू रेंज के डीआईजी वाईएस रमेश ने बताया कि पुलिस छोटू खरवार के बच्चे की मदद करने को तैयार है ताकि वह क्रिकेटर बन सके. उन्होंने कहा कि बच्चों का कोई दोष नहीं है कि उसके पिता एक टॉप माओवादी है. छोटू खरवार समेत आने टॉप कमांडरों को भी यह सोचना चाहिए कि वह दूसरों को बच्चों को दिग्भ्रमित नहीं करे और मुख्यधारा से नहीं भटकाए.

पुलिस लगातार माओवादियों के टॉप कमांडरों से मुख्यधारा में शामिल होने की अपील कर रही है. माओवादियों के टॉप कमांडरों का दोहरा चेहरा नजर आता है, वे अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा और सुविधा देना चाहते हैं जबकि दूसरे के बच्चों को दस्ते में शामिल करना चाहते हैं. पुलिस सभी मोर्चों पर कार्य कर रही है.

माओवादी के दस्ते शामिल हो चुके हैं कई बच्चे, कई टॉप कमांडरों के बच्चों ने उच्च शिक्षा किया है ग्रहण

झारखंड बिहार के इलाके में माओवादियों के दस्ते में कई बच्चे शामिल हो चुके हैं. पलामू नौडीहा बाजार थाना क्षेत्र के पाल्हे तुरकुन जैसे गांव के आधा दर्जन से अधिक बच्चियां माओवादी के दस्ते में शामिल हुईं थीं. दो बच्ची मुठभेड़ के दौरान मारी भी गई हैं जबकि कई गिरफ्तार हुईं थीं. पाल्हे तुरकुन गांव के जैसे कई गांव हैं जहां के कई बच्चे नक्सल दस्ते का सदस्य रहे हैं.

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