नई दिल्ली: बिहार के मगध क्षेत्र में प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा (माओवादी) को फिर से सक्रिय करने का प्रयास किया जा रहा है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) मगध क्षेत्र पुनरुद्धार मामले में संगठन के एक सदस्य के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है. जांच एजेंसी ने दायर आरोप पत्र में खुलासा करते हुए कहा है कि, प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा (माओवादी) के सदस्य बिहार के मगध जोन में फिर से सक्रिय होने के लिए बड़े पैमाने पर जबरन वसूली, फंड कलेक्शन गतिविधियों में शामिल रहे हैं. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने नक्सल मगध जोन पुनरुद्धार मामले में सोमवार को पांचवें आरोपी अनिल यादव उर्फ छोटा संदीप उर्फ मंटू के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया.
मगध को फिर से प्रभावित करने की साजिश!
जांच एजेंसी के मुताबिक, मामले में आरोपी अनिल यादव नाम का व्यक्ति लोगों को इसमें शामिल होने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से प्रतिबंधित संगठन की हिंसक विचारधारा का प्रचार करने में सक्रिय रूप से शामिल था.
पांचवें आरोपी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल
एजेंसी ने सोमवार को पांचवें आरोपी बिहार के औरंगाबाद जिले के रहने वाले अनिल यादव उर्फ छोटा संदीप उर्फ मंटू के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया. उस पर आईपीसी और यूए (पी) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं. एनआईए ने इससे पहले बिहार के मगध क्षेत्र में नक्सलवाद को फिर से सक्रिय करने के लिए प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) संगठन के प्रयासों के संबंध में 26 सितंबर, 2023 को दर्ज मामले में चार अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था.
एनआईए की जांच
एनआईए की जांच से पता चला है कि सीपीआई (माओवादी) का सक्रिय सदस्य छोटा संदीप लोगों को इसमें शामिल होने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से प्रतिबंधित संगठन की हिंसक विचारधारा का प्रचार करने में सक्रिय रूप से शामिल था. वह अन्य आरोपित आरोपियों रोहित राय, प्रमोद यादव, प्रमोद मिश्रा और अनिल यादव उर्फ अंकुश के सहयोग से स्थानीय ईंट भट्ठा मालिकों और स्थानीय ठेकेदारों से लेवी वसूल ( collection of levy) कर धन जुटाने में भी शामिल था. जांच में छोटा संदीप के पिछले आपराधिक रिकॉर्ड का भी पता चला है, उसके खिलाफ औरंगाबाद और गया जिले के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में चार मामले दर्ज हैं.
एनआईए की जांच के अनुसार, भारत की संप्रभुता और अखंडता को नष्ट करने के लिए आरोपियों ने व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, ठेकेदारों, टोल प्लाजा और अन्य ऐसी संस्थाओं से लेवी वसूलने की साजिश के उद्देश्य से 8 जून, 2023 को माही गांव, औरंगाबाद में एक बैठक की थी, जिसमें एक बड़ी साजिश का खुलासा हुआ है.
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