देहरादून: उत्तराखंड में मानसून हर साल अपने साथ तबाही लेकर आता है. इस बार भी एक महीने के भीतर बारिश और भूस्खलन की वजह से 20 लोगों की जानें जा चुकी है. यह आंकड़े 15 जून से लेकर 15 जुलाई तक के हैं, जिन्होंने आपदा में अपनी जान गंवाई है. भले ही मानसून को आए अभी 16 दिन हुए हों, लेकिन उत्तराखंड में आपदा से लगातार लोगों की मौत हो रही है.
आपदा से उधमसिंह नगर जिले में सबसे ज्यादा मौतें: उत्तराखंड राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिले आंकड़ों के मुताबिक, उधमसिंह नगर जिले में सबसे ज्यादा मौतें हुई है. जहां 9 लोगों की मौत हुई है. जबकि, अल्मोड़ा जिले में 2 लोगों की जान गई है. चमोली जिले में 3 और चंपावत में 2 लोग आपदा का शिकार हुए हैं. वहीं, पौड़ी जिले में 2 लोगों की मौत हुई है. जबकि, हरिद्वार और उत्तरकाशी जिले में 1-1 व्यक्ति मानसून की बारिश का शिकार हुए हैं.
अगर घायलों की बात करें तो अब तक 8 लोग अलग-अलग तरीके से घायल भी हो चुके हैं. बारिश और आपदा से अब तक करीब 30 बड़े जानवरों की मौत हुई है. वहीं, अगर छोटे जानवरों की बात करें तो अभी तक 110 का आंकड़ा पार हो गया है. अभी तो मानसून ने कदम ही रखा है, लेकिन अभी पूरा मानसून सीजन बाकी है. ऐसे में इन आंकड़ों में इजाफे से इनकार नहीं किया जा सकता है.
सड़क हादसों में 33 लोगों की गई जान: ऐसा नहीं है कि उत्तराखंड में आपदा में ही लोगों ने जानें गंवाई है. बल्कि, सड़क हादसों की वजह से भी कई घरों के चूल्हे नहीं जले हैं. सरकारी आंकड़ा बताता है कि अभी तक (15 जून से लेकर 15 जुलाई) सड़क हादसों में 33 लोग मारे जा चुके हैं. जबकि, 110 लोग घायल हो चुके हैं.
वहीं, बारिश से अभी तक 1,244 सड़कें प्रभावित हो चुकी हैं. जबकि, इतनी ही सड़कों को दोबारा से ठीक कर खोला गया है. उत्तराखंड में बारिश लगातार हो रही है. गनीमत ये है कि अभी तक कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ है. यह मौत के आंकड़े सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज हैं, जो मानसून से पहले और मानसून के दौरान के हैं.
बारिश का अलर्ट: मौसम विभाग विभाग भी लगातार उत्तराखंड में मौसम का अलर्ट जारी कर लोगों को सचेत करने की कोशिश कर रहा है. अगर आने वाले दिनों की बात करें तो अगले 5 दिनों में तेज बारिश होने की संभावना है. पहाड़ी इलाकों की बात करें तो सबसे ज्यादा बारिश उत्तरकाशी, चमोली और रुद्रप्रयाग के साथ टिहरी जिले में हो सकती है.
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