देवघरः जिले के नगर थाना क्षेत्र के बमबम पथ पर सीता होटल के पर एक बहुमंजिला इमारत के गिरने से तीन लोगों की मौत हो गई. वहीं चार लोगों की स्थिति गंभीर बनी हुई है. मलबे में फंसे लोगों को निकालने का कार्य जारी है. एनडीआरएफ की टीम सुबह से ही राहत और बचाव कार्य में जुटी है.
घटना को लेकर बताया जा रहा है कि यह भवन सीताकांत झा नाम के व्यक्ति का है. तीन मंजिला इस भवन में किराए पर मकान लेकर लोग रह रहे थे. पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण भवन कमजोर होता जा रहा था. वहीं ग्राउंड फ्लोर पर कंस्ट्रक्शन का भी काम हो रहा था. जिस वजह से मकान और भी ज्यादा कमजोर हो गया था. देर शाम हुई बारिश के बाद मकान अचानक अहले सुबह धंस गया. जिस कारण से दूसरे और तीसरे मंजिल पर रह रहे लोग मकान के अंदर फंस गए.
मिली जानकारी के अनुसार अब तक मलबे में फंसे कुल सात लोगों को निकाल लिया गया है, जिसमें से तीन लोगों की मौत हो गई है. मरने वालों में सुनील यादव, मनीष दत्त और सुनील यादव की पत्नी सोनी देवी का नाम सामने आया है. चार लोगों का इलाज देवघर के सदर अस्पताल में जारी है.
बता दें कि घटना की सूचना मिलने पर देवघर उपायुक्त विशाल सागर मौके पर पहुंच गए थे. उन्होंने बताया कि जैसे ही घटना की जानकारी जिला प्रशासन को मिली वैसे ही एनडीआरएफ और मेडिकल की टीम मौके पर पहुंचकर बचाव कार्य में जुट गई. अभी तक चार लोगों को रेस्क्यू कर निकाल लिया गया, वहीं तीन लोगों के मलबे के अंदर फंसे होने की बात उपायुक्त के द्वारा कही गई थी. फिलहाल मौके पर उपायुक्त मौजूद हैं और पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन पर नजर बनाए हुए हैं.
देवघर जिले के सिविल सर्जन डॉक्टर रंजन कुमार सिन्हा ने ईटीवी भारत को जानकारी दी थी कि जिन चार लोगों को रेस्क्यू कर अस्पताल लाया गया था. उनमें से दो की मौत हो चुकी है. वहीं दो लोगों की स्थिति गंभीर बनी हुई है.
इस भवन के बारे में स्थानीय लोगों ने बताया कि वर्ष 1994 में इस भवन को बनाया गया था. भवन निर्माण के बाद कई वर्षों से इस भवन की रिपेयरिंग भी नहीं की गई थी. घटना की जानकारी मिलने के बाद मौके पर स्थानीय सांसद निशिकांत दुबे, स्थानीय विधायक नारायण दास, पूर्व मंत्री सुरेश पासवान सहित कई गणमान्य पहुंचे हुए थे.
स्थानीय सांसद ने बताया कि देवघर में एनडीआरएफ की एक यूनिट परमानेंट रहती है. इसीलिए जैसे ही घटना की जानकारी जिला प्रशासन को मिली. उनके आदेश पर एनडीआरएफ की टीम तुरंत ही मौके पर पहुंचकर बचाव कार्य में जुट गई. बता दें कि वर्ष 2015 में भी देवघर में दुर्घटना हुई थी जिसके बाद एनडीआरएफ की एक परमानेंट यूनिट देवघर में तैनात रहती है.
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