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अभ्रक की अवैध खदानों में जिंदा दफ्न हो रहे गरीब मजदूर, माफिया काट रहे चांदी! - Illegal mines in Giridih

Illegal mines in Giridih. गिरिडीह में वैसे तो वैध तौर पर अभ्रख की खदाने बंद हैं. इसके बावजूद संगठित गिरोह अवैध तरीके से न सिर्फ माइनिंग की जा रही है, बल्कि अभ्रक का परिवहन भी किया जा रहा है. इन खदानों में गरीबों की मौत भी हो रही है, लेकिन प्रशासन की तरफ से सख्त कदम नहीं उठाया जा रहा है. जिससे यहां कई लोग जिंदा दफ्न हो रहे हैं.

ILLEGAL MINES IN GIRIDIH
डिजाइन इमेज (फोटो-ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : May 31, 2024, 7:36 PM IST

गिरिडीह: कोडरमा और बिहार के नवादा-जमुई से सटा गिरिडीह जिले के गावां और तिसरी के इलाके में अभ्रक प्रचुर मात्रा में हैं. पर्यावरण कारणों से यहां की खदाने पिछले दो ढाई दशक से वैध रूप से बंद है, लेकिन इसका अवैध धंधा यहां जंगलों और पहाड़ी क्षेत्र में निरंतर जारी है. इस क्षेत्र से न सिर्फ अभ्रक का अवैध खनन किया जा रहा है. माना जाता है कि इस अभ्रक को फैक्ट्री में डंप किया जा रहा है. कुछ लोगों का ये भी मानना है कि इसकी तस्करी विदेश तक की जा रही है और यह पूरा कारोबार संगठित तौर पर हो रहा है. बड़ी बात है कि इस अवैध धंधे के दरमियान गरीबों की मौत भी हो रही है.

अभ्रक की अवैध खदानों में जिंदा दफ्न हो रहे गरीब मजदूर (वीडियो- ईटवी भारत)

हाल के एक पखवाड़े के अंदर एक बच्चा और दो महिला की मौत हो गई. दो महिलाओं की मौत के मामले में एसपी को मिली सूचना पर स्थानीय पुलिस ने शव को जब्त किया और थाना में एफआईआर भी दर्ज की गई. महिला की मौत के मामले में वन विभाग ने भी वाद दर्ज किया जिसमें माफियाओं को नामजद किया गया.

मौत के बाद खदान की हुई डोजरिंग, मिला विस्फोटक

गावां थाना इलाके के परसोनी में चाल धंसने की घटना 17 मई को घटी. इस घटना के बाद आलधिकारी सख्त हुए तो कार्रवाई शुरू हुई. इस घटना के चार पांच दिनों बाद गावां वन विभाग की टीम ने अवैध माइका उत्खनन के खिलाफ छापेमारी अभियान चलाया. इस अभियान के तहत धरवे जंगल में आधा दर्जन से अधिक खदानों में छापेमारी की गई. जिसमें भारी मात्रा में जिलेटिन, डेटोनेटर, माइका और खनन में इस्तेमाल होने वाला कई उपकरण को जब्त किया गया. पूरी कार्रवाई रेंजर अनिल कुमार के निर्देश पर की गई. हालांकि इस कार्रवाई के बाद प्रशासन फिर से शिथिल पड़ गई.

Illegal mines in Giridih
हाल में हुए हादसे की जानकारी (ईटीवी भारत)
जंगल से शहर तक संगठित गिरोह

इधर, बताया जाता है कि जंगली इलाके में अवैध खनन करवाने से लेकर गिरिडीह शहर तक खपाने में संगठित गिरोह शामिल है. इस गिरोह के लोग रात के समय अभ्रक को जंगल से मालवाहक पर लोड कर शहर के इलाके में लाते हैं और फिर इस अवैध अभ्रक को वैध करने का काम किया जाता है.

माफियाओं पर हो कार्रवाई लेकिन खदानों को शुरू करने पर भी उठे कदम: राजेश

भाकपा माले नेता राजेश सिन्हा कहते हैं कि अभ्रक के अवैध कारोबार में शामिल माफियाओं पर निश्चित तौर पर कार्रवाई होनी चाहिए. जो मजदूर मरते हैं उन्हें मुआवजा भी मिलना चाहिए. जंगल से लेकर शहर तो जांच होनी चाहिए, साथ ही साथ क्षेत्र में बंद माइका उद्योग को शुरू करने की तरफ कदम बढ़ाना चाहिए.

सूचना पर होती है कार्रवाई: रेंजर

क्षेत्र के वन पदाधिकारी अनिल कुमार का कहना है कि वन क्षेत्र में अवैध कार्य को रोकने के लिए कार्रवाई होती है. जब भी सूचना मिलती है तो विभाग अपनी तरफ से कार्रवाई करता है. परसोनी में हुई घटना के बाद वनवाद दायर किया गया जिसमें माफियाओं को नामजद किया गया है. वहीं धरवे जंगल में छापेमारी के बाद एफआईआर की गई. बताया कि इसके अलावा वन क्षेत्र से अभ्रख का खनन तथा परिवहन नहीं हो इस पर भी नजर रखी जा रही है. कई दफा उन वाहनों को भी पकड़ा गया है जिसपर अभ्रक या उसके अवशेष को लोड कर भेजा जाता रहा है. वहीं, वाहन मालिक के साथ-साथ इस तरह के मामले में शामिल लोगों के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज होती रही है. अभी जो भी लोग इस तरह के कारोबार में शामिल हैं उन्हें भी चिन्हित किया गया है.

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गिरिडीह: कोडरमा और बिहार के नवादा-जमुई से सटा गिरिडीह जिले के गावां और तिसरी के इलाके में अभ्रक प्रचुर मात्रा में हैं. पर्यावरण कारणों से यहां की खदाने पिछले दो ढाई दशक से वैध रूप से बंद है, लेकिन इसका अवैध धंधा यहां जंगलों और पहाड़ी क्षेत्र में निरंतर जारी है. इस क्षेत्र से न सिर्फ अभ्रक का अवैध खनन किया जा रहा है. माना जाता है कि इस अभ्रक को फैक्ट्री में डंप किया जा रहा है. कुछ लोगों का ये भी मानना है कि इसकी तस्करी विदेश तक की जा रही है और यह पूरा कारोबार संगठित तौर पर हो रहा है. बड़ी बात है कि इस अवैध धंधे के दरमियान गरीबों की मौत भी हो रही है.

अभ्रक की अवैध खदानों में जिंदा दफ्न हो रहे गरीब मजदूर (वीडियो- ईटवी भारत)

हाल के एक पखवाड़े के अंदर एक बच्चा और दो महिला की मौत हो गई. दो महिलाओं की मौत के मामले में एसपी को मिली सूचना पर स्थानीय पुलिस ने शव को जब्त किया और थाना में एफआईआर भी दर्ज की गई. महिला की मौत के मामले में वन विभाग ने भी वाद दर्ज किया जिसमें माफियाओं को नामजद किया गया.

मौत के बाद खदान की हुई डोजरिंग, मिला विस्फोटक

गावां थाना इलाके के परसोनी में चाल धंसने की घटना 17 मई को घटी. इस घटना के बाद आलधिकारी सख्त हुए तो कार्रवाई शुरू हुई. इस घटना के चार पांच दिनों बाद गावां वन विभाग की टीम ने अवैध माइका उत्खनन के खिलाफ छापेमारी अभियान चलाया. इस अभियान के तहत धरवे जंगल में आधा दर्जन से अधिक खदानों में छापेमारी की गई. जिसमें भारी मात्रा में जिलेटिन, डेटोनेटर, माइका और खनन में इस्तेमाल होने वाला कई उपकरण को जब्त किया गया. पूरी कार्रवाई रेंजर अनिल कुमार के निर्देश पर की गई. हालांकि इस कार्रवाई के बाद प्रशासन फिर से शिथिल पड़ गई.

Illegal mines in Giridih
हाल में हुए हादसे की जानकारी (ईटीवी भारत)
जंगल से शहर तक संगठित गिरोह

इधर, बताया जाता है कि जंगली इलाके में अवैध खनन करवाने से लेकर गिरिडीह शहर तक खपाने में संगठित गिरोह शामिल है. इस गिरोह के लोग रात के समय अभ्रक को जंगल से मालवाहक पर लोड कर शहर के इलाके में लाते हैं और फिर इस अवैध अभ्रक को वैध करने का काम किया जाता है.

माफियाओं पर हो कार्रवाई लेकिन खदानों को शुरू करने पर भी उठे कदम: राजेश

भाकपा माले नेता राजेश सिन्हा कहते हैं कि अभ्रक के अवैध कारोबार में शामिल माफियाओं पर निश्चित तौर पर कार्रवाई होनी चाहिए. जो मजदूर मरते हैं उन्हें मुआवजा भी मिलना चाहिए. जंगल से लेकर शहर तो जांच होनी चाहिए, साथ ही साथ क्षेत्र में बंद माइका उद्योग को शुरू करने की तरफ कदम बढ़ाना चाहिए.

सूचना पर होती है कार्रवाई: रेंजर

क्षेत्र के वन पदाधिकारी अनिल कुमार का कहना है कि वन क्षेत्र में अवैध कार्य को रोकने के लिए कार्रवाई होती है. जब भी सूचना मिलती है तो विभाग अपनी तरफ से कार्रवाई करता है. परसोनी में हुई घटना के बाद वनवाद दायर किया गया जिसमें माफियाओं को नामजद किया गया है. वहीं धरवे जंगल में छापेमारी के बाद एफआईआर की गई. बताया कि इसके अलावा वन क्षेत्र से अभ्रख का खनन तथा परिवहन नहीं हो इस पर भी नजर रखी जा रही है. कई दफा उन वाहनों को भी पकड़ा गया है जिसपर अभ्रक या उसके अवशेष को लोड कर भेजा जाता रहा है. वहीं, वाहन मालिक के साथ-साथ इस तरह के मामले में शामिल लोगों के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज होती रही है. अभी जो भी लोग इस तरह के कारोबार में शामिल हैं उन्हें भी चिन्हित किया गया है.

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