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IAS अफसरों से अधिक होनी चाहिए शिक्षकों की सैलरी, टीचर्स डे पर बोले मनीष सिसोदिया - Teachers Day in Delhi

शिक्षक दिवस पर दिल्ली के सिविक सेंटर में एमसीडी की तरफ से एक कार्यक्रम आयोजित किया गया है. जिसमें दिल्ली नगर निगम के शिक्षकों को सम्मानित किया गया. इस कार्यक्रम में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी हिस्सा लिया.

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शिक्षक दिवस पर मनीष सिसोदिया (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 5, 2024, 4:19 PM IST

सिविक सेंटर में एमसीडी की तरफ से एक कार्यक्रम आयोजित किया गया (ETV Bharat)

नई दिल्ली: देशभर में आज शिक्षक दिवस मनाया जा रहा है. इस मौके पर दिल्ली नगर निगम, शिक्षा विभाग की तरफ से सिविक सेंटर में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि अब वक्त आ गया है कि हमारे देश में शिक्षकों का वेतन देश के किसी भी सरकारी कर्मचारी से यहां तक कि किसी IAS अधिकारी से भी अधिक होना चाहिए.

उन्होंने कहा कि भारत जैसे देश में जहां हम हजारों-हज़ार साल से गुरु को भगवान का दर्जा देते आये हैं, एक शिक्षक की सैलरी किसी भी सरकारी अधिकारी से तो अधिक होनी चाहिए? यहां तक कि 30-35 साल के अनुभवी अध्यापक की सैलरी कैबिनेट सेक्रेटरी, (जो 30-35 साल के अनुभवी IAS अधिकारी होते हैं) से अधिक होनी चाहिए.

"2047 में अगर विकसित भारत का सपना सच करना है तो उसकी नींव इस पहल से करनी होगी. किसी नेता के सपने देखने या भाषण देने से विकसित भारत का सपना सच नहीं होगा. शिक्षकों को भारत के समाज में वह सम्मान देना होगा जिसकी हम लगातार बात करते हैं. समस्त कर्मचारियों में शिक्षकों की सैलरी का सबसे ऊपर होना, इस दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा." -मनीष सिसोदिया, पूर्व डिप्टी सीएम, दिल्ली

विदेश में अपने देश से ज्यादा सैलेरीः वैसी भी विश्व के शिक्षकों के मुकाबले भारत में शिक्षकों की सैलरी काफी कम है. विश्व में कई सारे ऐसे देश हैं जहां शिक्षकों की सैलरी वहां के अधिकारियों के मुकाबले अधिक है. जर्मनी में जहां औसतन शिक्षकों का सालाना वेतन 72 लाख है. जबकि, वहां के अधिकारियों की औसतन सैलरी 71 लाख रुपये सालाना है. इसी तरह कई अन्य देश जैसे बेल्जियम, स्विट्ज़रलैंड, अमेरिका, जपान सहित बहुत से देशों में वहां के टीचर्स की आय काफी अधिक है. इसलिए अब वक्त आ गया है कि भारत के गुरुओं को सरकारी अधिकारी से अधिकर वेतन देकर सम्मान दिया जाए.

टीचरों को किया गया सम्मानितः शिक्षक दिवस के कार्यक्रम में शिक्षकों को मनीष सिसोदिया ने सम्मानित किया. इस दौरान मनीष सिसोदिया ने कहा है कि छात्र के जीवन में शिक्षक की अहम भूमिका होती है. हर साल की तरह इस बार भी दिल्ली सरकार की तरफ से शिक्षकों को सम्मानित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हमारा मकसद दिल्ली की शिक्षा को बेहतर बनाना है. साथ ही देश की शिक्षा को बेहतर बनाना है. दिल्ली के शिक्षा मॉडल को हमें दूसरे राज्यों में भी लेकर जाना है. क्योंकि छात्र के भविष्य में शिक्षक की अहम भागीदारी होती है. दिल्ली सरकार लगातार बच्चों के भविष्य के लिए काम कर रही है. आज मुझे खुशी हो रही है कि दिल्ली का शिक्षा मॉडल आगे बढ़ रहा है.

ये भी पढ़ें: Teacher's Day Live: दिल्ली के 118 टीचर्स को 'राज्य शिक्षक पुरस्कार' का सम्मान

ये भी पढ़ें: दिल्ली की अनीता खोसला को मिलेगा राज्य शिक्षक पुरस्कार, बोलीं- टीचर्स की प्रवृत्ति और शिक्षा के ढंग में आया परिवर्तन

सिविक सेंटर में एमसीडी की तरफ से एक कार्यक्रम आयोजित किया गया (ETV Bharat)

नई दिल्ली: देशभर में आज शिक्षक दिवस मनाया जा रहा है. इस मौके पर दिल्ली नगर निगम, शिक्षा विभाग की तरफ से सिविक सेंटर में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि अब वक्त आ गया है कि हमारे देश में शिक्षकों का वेतन देश के किसी भी सरकारी कर्मचारी से यहां तक कि किसी IAS अधिकारी से भी अधिक होना चाहिए.

उन्होंने कहा कि भारत जैसे देश में जहां हम हजारों-हज़ार साल से गुरु को भगवान का दर्जा देते आये हैं, एक शिक्षक की सैलरी किसी भी सरकारी अधिकारी से तो अधिक होनी चाहिए? यहां तक कि 30-35 साल के अनुभवी अध्यापक की सैलरी कैबिनेट सेक्रेटरी, (जो 30-35 साल के अनुभवी IAS अधिकारी होते हैं) से अधिक होनी चाहिए.

"2047 में अगर विकसित भारत का सपना सच करना है तो उसकी नींव इस पहल से करनी होगी. किसी नेता के सपने देखने या भाषण देने से विकसित भारत का सपना सच नहीं होगा. शिक्षकों को भारत के समाज में वह सम्मान देना होगा जिसकी हम लगातार बात करते हैं. समस्त कर्मचारियों में शिक्षकों की सैलरी का सबसे ऊपर होना, इस दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा." -मनीष सिसोदिया, पूर्व डिप्टी सीएम, दिल्ली

विदेश में अपने देश से ज्यादा सैलेरीः वैसी भी विश्व के शिक्षकों के मुकाबले भारत में शिक्षकों की सैलरी काफी कम है. विश्व में कई सारे ऐसे देश हैं जहां शिक्षकों की सैलरी वहां के अधिकारियों के मुकाबले अधिक है. जर्मनी में जहां औसतन शिक्षकों का सालाना वेतन 72 लाख है. जबकि, वहां के अधिकारियों की औसतन सैलरी 71 लाख रुपये सालाना है. इसी तरह कई अन्य देश जैसे बेल्जियम, स्विट्ज़रलैंड, अमेरिका, जपान सहित बहुत से देशों में वहां के टीचर्स की आय काफी अधिक है. इसलिए अब वक्त आ गया है कि भारत के गुरुओं को सरकारी अधिकारी से अधिकर वेतन देकर सम्मान दिया जाए.

टीचरों को किया गया सम्मानितः शिक्षक दिवस के कार्यक्रम में शिक्षकों को मनीष सिसोदिया ने सम्मानित किया. इस दौरान मनीष सिसोदिया ने कहा है कि छात्र के जीवन में शिक्षक की अहम भूमिका होती है. हर साल की तरह इस बार भी दिल्ली सरकार की तरफ से शिक्षकों को सम्मानित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हमारा मकसद दिल्ली की शिक्षा को बेहतर बनाना है. साथ ही देश की शिक्षा को बेहतर बनाना है. दिल्ली के शिक्षा मॉडल को हमें दूसरे राज्यों में भी लेकर जाना है. क्योंकि छात्र के भविष्य में शिक्षक की अहम भागीदारी होती है. दिल्ली सरकार लगातार बच्चों के भविष्य के लिए काम कर रही है. आज मुझे खुशी हो रही है कि दिल्ली का शिक्षा मॉडल आगे बढ़ रहा है.

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