कोलकाता/संदेशखाली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक कथित 'खालिस्तानी' टिप्पणी के बाद आज कड़ी आलोचना की. उन्होंने कहा कि 'भाजपा की विभाजनकारी राजनीति ने संवैधानिक सीमाओं को बेशर्मी से लांघ दिया है. @भाजपा4भारत के अनुसार पगड़ी पहनने वाला हर व्यक्ति खालिस्तानी है.'
उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में राज्य के विपक्षी नेता शुभेंदु अधिकारी के नेतृत्व में भाजपा प्रतिनिधिमंडल के सदस्य गए हैं. यह घटना संदेशखाली के पहले से ही गर्म चल रहे मामले में नवीनतम इजाफा है, जहां स्थानीय निवासियों, ज्यादातर महिलाओं ने तृणमूल कांग्रेस के पदाधिकारियों और उनके द्वारा समर्थित गुंडों के खिलाफ शारीरिक शोषण, अत्याचार और जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगाया है.
सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए ममता ने अपने एक्स-हैंडल पर लिखा, 'मैं हमारे सिख भाइयों और बहनों की प्रतिष्ठा को कमजोर करने के इस दुस्साहसिक प्रयास की कड़ी निंदा करती हूं, जो हमारे देश के लिए उनके बलिदान और अटूट दृढ़ संकल्प के लिए सम्मानित हैं. हम रक्षा करने के लिए दृढ़ हैं. बंगाल की सामाजिक सद्भावना और इसे बाधित करने के किसी भी प्रयास को रोकने के लिए सख्त कानूनी कदम उठाएंगे.' मुख्यमंत्री ने अपने एक्स-हैंडल पर घटना का एक वीडियो ग्रैब भी पोस्ट किया.
बीजेपी प्रतिनिधिमंडल सुंदरबन के संदेशखाली के संकटग्रस्त इलाकों का दौरा कर रहा था. शुभेंदु के अलावा, भाजपा विधायक शंकर घोष, अग्निमित्रा पॉल और अन्य प्रतिनिधिमंडल के सदस्य थे. वीडियो ग्रैब में आईपीएस अधिकारी जसप्रीत सिंह को पारित टिप्पणियों पर सवाल उठाते हुए और कहते हुए देखा गया, 'सिर्फ इसलिए कि मैंने पगड़ी पहनी है, आप मुझे खालिस्तानी करार दे रहे हैं. अगर मैं पगड़ी नहीं पहनता तो क्या आप ऐसी बात कह सकते थे?' इस पर अग्निमित्रा पॉल कहती नजर आईं, 'आप एक पुलिस अधिकारी की भूमिका नहीं निभा रहे हैं.' इसके बाद सिंह को बीजेपी विधायक की बात पर पलटवार करते हुए देखा गया. 'आप मेरे धर्म के बारे में कुछ भी कह सकते हैं.'
शुभेंदु अधिकारी ने ये कहा : बाद में दिन में संदेशखाली से लौटते समय शुभेंदु अधिकारी ने धमाखाली बाजार में संवाददाताओं से कहा, 'खालिस्तानी या पाकिस्तानी जैसी बातें कहने की जरूरत नहीं है. वह अधिकारी हमारे साथ अभद्र व्यवहार कर रहा था. हम गुरु नानक के साथ-साथ सिख धर्म का भी सम्मान करते हैं. ममता बनर्जी संकीर्ण राजनीति करती हैं. उस सिख पुलिस अधिकारी ने मुख्यमंत्री का गुड बुक्स बनने के प्रयास में उनके सामने झूठे तथ्य रखे हैं. मैं बस इतना कह सकता हूं कि हममें से किसी ने भी किसी धर्म या संप्रदाय को ठेस नहीं पहुंचाई है और न ही भविष्य में ऐसा करेगा. हम एकीकृत भारत के पक्षधर हैं और हमने हमेशा अलगाववादियों का विरोध किया है. हम ऐसा करना जारी रखेंगे.'
इस बीच राज्य पुलिस ने पूरी घटना पर कार्रवाई का फैसला किया है. अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (दक्षिण बंगाल) सुप्रतिम सरकार ने संवाददाताओं से कहा, 'एक ऑन-ड्यूटी पुलिस अधिकारी को खालिस्तानी करार दिया गया. यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है और हम कानूनी कदम उठाएंगे. यह धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का मामला है.' शुभेंदु अधिकारी ने कहा है, वह 26 फरवरी को फिर से संदेशखाली का दौरा करेंगे और ग्रामीणों से उनकी दुर्दशा के बारे में बात करेंगे.