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विधायकों की शपथ: पश्चिम बंगाल में ममता बनाम गवर्नर, सीएम ने सीमा में रहने की दी सलाह... - MLAs oath ceremony

MLAS OATH CEREMONY: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने टीएमसी के 2 विधायकों पर जुर्माना लगाया है. विधायकों ने सोमवार को बताया कि उन्हें राजभवन की ओर से 2 ई-मेल मिले हैं जिनमें शपथ ग्रहण की वैधानिकता पर सवाल उठाते हुए 500 रुपये का जुर्माना भरने को कहा गया था...

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फोटो (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 23, 2024, 10:56 PM IST

Updated : Jul 23, 2024, 11:05 PM IST

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक बार फिर विधायकों के शपथ ग्रहण को लेकर राज्य विधानसभा और राजभवन के बीच चल रही खींचतान में फंस गई हैं. हाल ही में हुए उपचुनाव में जीते चार विधायकों ने मंगलवार को विधानसभा में शपथ ली. मुख्यमंत्री ने स्पीकर बिमान बनर्जी के पद का समर्थन किया है और साथ ही राज्यपाल सीवी आनंद बोस पर हमला बोला. मुख्यमंत्री ने कहा कि, स्पीकर की कुर्सी का महत्व, विधानसभा की व्यवस्था के अनुसार सदन की सहमति और नियम 5 के आधार पर ली गई शपथ सर्वसम्मति से ली गई और जिस पर किसी ने कोई आपत्ति नहीं की. उन्होंने कहा कि, अगर किसी को कुछ कहना था तो वह वहीं कह सकता था.

इसके बाद ममता बनर्जी ने संसदीय राजनीति में अपने अनुभव के बारे में बताया. उन्होंने कहा, वे सात बार सांसद रही, तीन बार मुख्यमंत्री रहीं... दस बार जनप्रतिनिधि रहीं. ऐसे में यह याद रखना चाहिए कि जैसे संविधान होता है, वैसे ही परंपराएं भी होती हैं. कई मामलों में हम परंपरा का पालन करते हैं. जब संविधान और परंपरा एक हो जाते हैं, तो लोकतंत्र के बैनर तले एक नई मिसाल कायम होती है. भारत के संविधान में इसके उदाहरण हैं. संसद से लेकर विधानसभा तक कई उदाहरण हैं.

ममता ने कहा, राज्यपाल जो कह रहे हैं, वह मैंने मीडिया में देखा है.. लेकिन मैं स्पीकर से सहमत हूं. सायंतिका और रेयात 4 जून को चुने गए थे. 13 जून को राज्यपाल को पत्र भेजा गया था. 19 जून को राज्यपाल ने कुछ स्पष्टीकरण मांगे, जो शपथ से संबंधित नहीं थे. फिर 20 तारीख को फिर स्पीकर ने पत्र भेजा. उन्होंने कहा कि, 21 जून को सायंतिका और रेयात को राजभवन में शपथ लेने के लिए पत्र भेजा गया. इस मामले में राज्यपाल ने स्वीकार किया कि वे राजभवन में शपथ दिला सकते हैं.'

मुख्यमंत्री ने फिर सवाल उठाया, 'अगर राजभवन को शपथ लेने का अधिकार है, तो विधानसभा में क्यों नहीं? राजभवन को मनोनीत किया जाता है जबकि विधानसभा का चुनाव होता है. यहां एक नई परंपरा बनाई गई है. उन्होंने कहा कि, 25 तारीख को राज्यपाल ने सायंतिका और रेयात के खिलाफ जुर्माना लगाया.

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने टीएमसी के 2 विधायकों पर जुर्माना लगाया था. विधायकों ने सोमवार को बताया कि उन्हें राजभवन की ओर से 2 ई-मेल मिले हैं जिनमें शपथ ग्रहण की वैधानिकता पर सवाल उठाते हुए 500 रुपये का जुर्माना भरने को कहा गया है.

विधानसभा स्पीकर बिमान बनर्जी ने 5 जुलाई को विधानसभा में 2 विधायकों शपथ दिलाई थी. इन दो विधायकों में रयान हुसैन सरकार और सायंतिका बनर्जी शामिल थे. जबकि शपथ के लिए राजभवन ने विधानसभा के डिप्टी स्पीकर आशीष बनर्जी को नियुक्त किया था. ऐसे में इस मामले में राजभवन और सरकार आमने-सामने आ गए थे.

ये भी पढ़ें: राज्यपाल के मानहानि मामले में सीएम ममता की दलील- मेरे भाषण में कुछ भी गलत नहीं

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक बार फिर विधायकों के शपथ ग्रहण को लेकर राज्य विधानसभा और राजभवन के बीच चल रही खींचतान में फंस गई हैं. हाल ही में हुए उपचुनाव में जीते चार विधायकों ने मंगलवार को विधानसभा में शपथ ली. मुख्यमंत्री ने स्पीकर बिमान बनर्जी के पद का समर्थन किया है और साथ ही राज्यपाल सीवी आनंद बोस पर हमला बोला. मुख्यमंत्री ने कहा कि, स्पीकर की कुर्सी का महत्व, विधानसभा की व्यवस्था के अनुसार सदन की सहमति और नियम 5 के आधार पर ली गई शपथ सर्वसम्मति से ली गई और जिस पर किसी ने कोई आपत्ति नहीं की. उन्होंने कहा कि, अगर किसी को कुछ कहना था तो वह वहीं कह सकता था.

इसके बाद ममता बनर्जी ने संसदीय राजनीति में अपने अनुभव के बारे में बताया. उन्होंने कहा, वे सात बार सांसद रही, तीन बार मुख्यमंत्री रहीं... दस बार जनप्रतिनिधि रहीं. ऐसे में यह याद रखना चाहिए कि जैसे संविधान होता है, वैसे ही परंपराएं भी होती हैं. कई मामलों में हम परंपरा का पालन करते हैं. जब संविधान और परंपरा एक हो जाते हैं, तो लोकतंत्र के बैनर तले एक नई मिसाल कायम होती है. भारत के संविधान में इसके उदाहरण हैं. संसद से लेकर विधानसभा तक कई उदाहरण हैं.

ममता ने कहा, राज्यपाल जो कह रहे हैं, वह मैंने मीडिया में देखा है.. लेकिन मैं स्पीकर से सहमत हूं. सायंतिका और रेयात 4 जून को चुने गए थे. 13 जून को राज्यपाल को पत्र भेजा गया था. 19 जून को राज्यपाल ने कुछ स्पष्टीकरण मांगे, जो शपथ से संबंधित नहीं थे. फिर 20 तारीख को फिर स्पीकर ने पत्र भेजा. उन्होंने कहा कि, 21 जून को सायंतिका और रेयात को राजभवन में शपथ लेने के लिए पत्र भेजा गया. इस मामले में राज्यपाल ने स्वीकार किया कि वे राजभवन में शपथ दिला सकते हैं.'

मुख्यमंत्री ने फिर सवाल उठाया, 'अगर राजभवन को शपथ लेने का अधिकार है, तो विधानसभा में क्यों नहीं? राजभवन को मनोनीत किया जाता है जबकि विधानसभा का चुनाव होता है. यहां एक नई परंपरा बनाई गई है. उन्होंने कहा कि, 25 तारीख को राज्यपाल ने सायंतिका और रेयात के खिलाफ जुर्माना लगाया.

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने टीएमसी के 2 विधायकों पर जुर्माना लगाया था. विधायकों ने सोमवार को बताया कि उन्हें राजभवन की ओर से 2 ई-मेल मिले हैं जिनमें शपथ ग्रहण की वैधानिकता पर सवाल उठाते हुए 500 रुपये का जुर्माना भरने को कहा गया है.

विधानसभा स्पीकर बिमान बनर्जी ने 5 जुलाई को विधानसभा में 2 विधायकों शपथ दिलाई थी. इन दो विधायकों में रयान हुसैन सरकार और सायंतिका बनर्जी शामिल थे. जबकि शपथ के लिए राजभवन ने विधानसभा के डिप्टी स्पीकर आशीष बनर्जी को नियुक्त किया था. ऐसे में इस मामले में राजभवन और सरकार आमने-सामने आ गए थे.

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Last Updated : Jul 23, 2024, 11:05 PM IST
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