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अयोध्या की अफसर फैमिली; भारतीय सांख्यिकी सेवा में अधिकारी बने बहन और 2 भाई, पढ़िए- सफलता की कहानी - SISTER AND 2 BROTHERS ISS OFFICERS

एलआईसी में प्रबंधक पिता का सपना पूरा किया बेटी और बेटों ने, कड़ी मेहनत ने यूपीएससी परीक्षा में दिलाया बड़ा मुकाम.

बड़ी बहन के बाद दोनों भाई भी बने ISS अधिकारी.
बड़ी बहन के बाद दोनों भाई भी बने ISS अधिकारी. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 15, 2024, 10:41 AM IST

Updated : Dec 16, 2024, 6:54 PM IST

लखनऊ: प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या के रहने वाले महेश कुमार शुक्ल का परिवार अफसरों वाला परिवार है. बेटी के अलावा उनके 2 बेटे भी भारतीय सांख्यिकी सेवा ( Indian Statistical Service) के अधिकारी हैं. पहले सबसे बड़ी बेटी पंखुड़ी, फिर दूसरे नंबर के बेटे दिव्यांश और अब छोटे बेटे ओम ने भी यह मुकाम हासिल कर माता-पिता का मान बढ़ा दिया है.

दोनों भाइयों ने बड़ी बहन से ली तैयारी की टिप्स.
दोनों भाइयों ने बड़ी बहन से ली तैयारी की टिप्स. (Photo Credit; ETV Bharat)

संघ लोक सेवा आयोग की ओर से 13 दिसंबर को घोषित भारतीय सांख्यिकी सेवा 2024 के परिणाम में महेश शुक्ल के सबसे छोटे बेटे ओम शुक्ल को देश में 13वां स्थान मिला है. महेश शुक्ल एलआईसी में प्रबंधक हैं. उनकी पत्नी दीप्ति शुक्ला गृहिणी हैं. अयोध्या के हौसला नगर, सिविल लाइंस इलाके के रहने वाला यह परिवार बेहद सरल और मिलनसार है. पिता महेश शुक्ल ने पढ़ाई को हमेश वरीयता दी, और यही सीख अपने बच्चों को भी दिए.

दोनों अफसर भाइयों के साथ पंखुड़ी शुक्ला.
दोनों अफसर भाइयों के साथ पंखुड़ी शुक्ला. (Photo Credit; ETV Bharat)

तीनों बच्चों ने पूरा किया पिता का सपना : कभी खुद सिवल सर्वेंट बनने की चाह रखने वाले महेश शुक्ल खुद तो अपने सपनों की उड़ान नहीं भर पाए लेकिन, उनके तीनों बच्चों ने यह मुकाम हासिल कर पिता के अधूरे सपनों को जरूर पूरा कर दिया है. बेटी और बेटों की इस कामयाबी पर मां दीप्ति शुक्ल भी बहुत खुश नजर आईं. अपनी इस खुशी को बयां करने के लिए उनके पास शब्द ही नहीं थे.

अफसर ने बताई सफलता की कहानी. (Video Credit; ETV Bharat)

पंखुड़ी शुक्ला को साल 2015 में मिली सफलता : ईटीवी भारत से बातचीत में पंखुड़ी शुक्ला बताती है कि उनका बचपन किसी अन्य सामान्य बच्चे जैसा ही था. अयोध्या से स्कूली पढ़ाई पूरी की. इसके बाद राजस्थान के वनस्थली विद्यापीठ से BSc और फिर MSc सांख्यिकी विषय में पूरी किया. MSc फाइनल ईयर में ही भारतीय सांख्यिकी सेवा 2015 की परीक्षा दी और सफल रहीं. ऑल इंडिया 18वां स्थान हासिल किया. 2020 में शादी हुई और फिलहाल वह उपनिदेशक पद पर भारत सरकार में सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के कार्यरत हैं.

बचपन की तस्वीर में बच्चों के साथ दिव्यांश, पंखुड़ी और ओम.
बचपन की तस्वीर में बच्चों के साथ दिव्यांश, पंखुड़ी और ओम. (Photo Credit; ETV Bharat)

भारतीय सांख्यिकी सेवा में जाना था लक्ष्य : पंखुड़ी का मानना है कि उन्होंने जब सांख्यिकी विषय पर मास्टर किया तब यह विषय लोगों में कम प्रचलित था. शायद यही वजह है कि उन्हें इसका पूरा लाभ भी मिला. वह बताती हैं कि उनका सारा ध्यान हमेश से सिर्फ भारतीय सांख्यिकी सेवा में सबसे बेहतर स्थान पाना रहा. उन्होंने कभी भी अपना ध्यान संग लोग सेवा आयोग (UPSC) की किसी अन्य परीक्षा की तैयारी में नहीं बांटा.

बड़े बेटे दिव्यांश की 2 दिन बाद है शादी, छोटा भाई भी बना अधिकारी : ईटीवी भारत की टीम जब शुक्ला परिवार के घर पहुंची तो वहां पर कुछ मेहमान पहले से मौजूद थे. ऐसा लग रहा था जैसे उनके छोटे बेटे ओम के ISS परीक्षा पास करने पर लोग शुभकामनाएं देने पहुंचे हैं. हालांकि दरवाजे पर मौजूद पिता महेश ने यह गलतफहमी दूर कर दी. उन्होंने बताया कि 2 दिन के बाद उनके बड़े बेटे दिव्यांश की शादी है. छोटे बेटे ओम की सफलता ने इस खुशी को दोगुना कर दिया है.

अफसर ने बताई सफलता की कहानी. (Video Credit; ETV Bharat)

दिव्यांश बोले- दीदी के टिप्स ने दिलाई सफलता : दिव्यांश ने ईटीवी भारत को बताया कि साल 2018 में जब मैंने आईएसएस परीक्षा पास की थी, तब मेरी आल इंडिया रैंक 11 थी. दीदी के अधिकारी बनने के बाद मेरा सलेक्शन होने पर भी डबल खुशी मनाई गई थी. आज वह दृश्य फिर से दोहराया जा रहा है. दिव्यांश बताते हैं कि वह हमेशा से ही पढ़ाई में टॉपर रहे हैं. बारहवीं के बाद आईआईटी मेंस परीक्षा निकाली लेकिन एडवांस नहीं निकला तो इंजीनियरिंग छोड़कर बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से बीएससी और फिर एमएससी की पढ़ाई पूरी की. वहां भी गोल्ड मेडलिस्ट रहा. दीदी से हमेशा टिप्स लेता रहे और फिर एमएससी फाइनल ईयर के दौरान ही भारतीय सांख्यिकी सेवा में चयनित हो गया.

अफसर ने बताई सफलता की कहानी. (Video Credit; ETV Bharat)

दो बार की असफलता से सीख लेकर ओम भी बने अफसर : वहीं बड़े भाई दिव्यांश के साथ मौजूद ओम शुक्ला ने बताया कि उनके लिए आईएसएस के सफर में दोहरा दबाव था. जहां घर में बड़ा भाई और बड़ी बहन अधिकारी बन गए हों, वहां परिवार की अपेक्षा मुझसे भी थी कि मैं भी अधिकारी बनू. दो बार भारतीय सांख्यिकी सेवा में सफलता न मिलने पर निराश था, लेकिन मां और भाई को विश्वास था कि मैं जरूर सफल रहूंगा. शायद यही ओम को निरंतर मेहनत करने की हिम्मत देती रही. ओम शुक्ला ने भी अपने भाई और बहन की तरह पहले बीएससी और फिर एमएससी की पढ़ाई पूरी कर संघ लोक सेवा आयोग के लिए तैयारी करनी शुरू कर दी थी. आज वह अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार और गुरुओं को देते हैं.

यह भी पढ़ें : पहले IIT से इंजीनियरिंग, फिर IIM से MBA, अब सिविल सर्विस में 20वीं रैंक लाकर IAS बने

लखनऊ: प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या के रहने वाले महेश कुमार शुक्ल का परिवार अफसरों वाला परिवार है. बेटी के अलावा उनके 2 बेटे भी भारतीय सांख्यिकी सेवा ( Indian Statistical Service) के अधिकारी हैं. पहले सबसे बड़ी बेटी पंखुड़ी, फिर दूसरे नंबर के बेटे दिव्यांश और अब छोटे बेटे ओम ने भी यह मुकाम हासिल कर माता-पिता का मान बढ़ा दिया है.

दोनों भाइयों ने बड़ी बहन से ली तैयारी की टिप्स.
दोनों भाइयों ने बड़ी बहन से ली तैयारी की टिप्स. (Photo Credit; ETV Bharat)

संघ लोक सेवा आयोग की ओर से 13 दिसंबर को घोषित भारतीय सांख्यिकी सेवा 2024 के परिणाम में महेश शुक्ल के सबसे छोटे बेटे ओम शुक्ल को देश में 13वां स्थान मिला है. महेश शुक्ल एलआईसी में प्रबंधक हैं. उनकी पत्नी दीप्ति शुक्ला गृहिणी हैं. अयोध्या के हौसला नगर, सिविल लाइंस इलाके के रहने वाला यह परिवार बेहद सरल और मिलनसार है. पिता महेश शुक्ल ने पढ़ाई को हमेश वरीयता दी, और यही सीख अपने बच्चों को भी दिए.

दोनों अफसर भाइयों के साथ पंखुड़ी शुक्ला.
दोनों अफसर भाइयों के साथ पंखुड़ी शुक्ला. (Photo Credit; ETV Bharat)

तीनों बच्चों ने पूरा किया पिता का सपना : कभी खुद सिवल सर्वेंट बनने की चाह रखने वाले महेश शुक्ल खुद तो अपने सपनों की उड़ान नहीं भर पाए लेकिन, उनके तीनों बच्चों ने यह मुकाम हासिल कर पिता के अधूरे सपनों को जरूर पूरा कर दिया है. बेटी और बेटों की इस कामयाबी पर मां दीप्ति शुक्ल भी बहुत खुश नजर आईं. अपनी इस खुशी को बयां करने के लिए उनके पास शब्द ही नहीं थे.

अफसर ने बताई सफलता की कहानी. (Video Credit; ETV Bharat)

पंखुड़ी शुक्ला को साल 2015 में मिली सफलता : ईटीवी भारत से बातचीत में पंखुड़ी शुक्ला बताती है कि उनका बचपन किसी अन्य सामान्य बच्चे जैसा ही था. अयोध्या से स्कूली पढ़ाई पूरी की. इसके बाद राजस्थान के वनस्थली विद्यापीठ से BSc और फिर MSc सांख्यिकी विषय में पूरी किया. MSc फाइनल ईयर में ही भारतीय सांख्यिकी सेवा 2015 की परीक्षा दी और सफल रहीं. ऑल इंडिया 18वां स्थान हासिल किया. 2020 में शादी हुई और फिलहाल वह उपनिदेशक पद पर भारत सरकार में सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के कार्यरत हैं.

बचपन की तस्वीर में बच्चों के साथ दिव्यांश, पंखुड़ी और ओम.
बचपन की तस्वीर में बच्चों के साथ दिव्यांश, पंखुड़ी और ओम. (Photo Credit; ETV Bharat)

भारतीय सांख्यिकी सेवा में जाना था लक्ष्य : पंखुड़ी का मानना है कि उन्होंने जब सांख्यिकी विषय पर मास्टर किया तब यह विषय लोगों में कम प्रचलित था. शायद यही वजह है कि उन्हें इसका पूरा लाभ भी मिला. वह बताती हैं कि उनका सारा ध्यान हमेश से सिर्फ भारतीय सांख्यिकी सेवा में सबसे बेहतर स्थान पाना रहा. उन्होंने कभी भी अपना ध्यान संग लोग सेवा आयोग (UPSC) की किसी अन्य परीक्षा की तैयारी में नहीं बांटा.

बड़े बेटे दिव्यांश की 2 दिन बाद है शादी, छोटा भाई भी बना अधिकारी : ईटीवी भारत की टीम जब शुक्ला परिवार के घर पहुंची तो वहां पर कुछ मेहमान पहले से मौजूद थे. ऐसा लग रहा था जैसे उनके छोटे बेटे ओम के ISS परीक्षा पास करने पर लोग शुभकामनाएं देने पहुंचे हैं. हालांकि दरवाजे पर मौजूद पिता महेश ने यह गलतफहमी दूर कर दी. उन्होंने बताया कि 2 दिन के बाद उनके बड़े बेटे दिव्यांश की शादी है. छोटे बेटे ओम की सफलता ने इस खुशी को दोगुना कर दिया है.

अफसर ने बताई सफलता की कहानी. (Video Credit; ETV Bharat)

दिव्यांश बोले- दीदी के टिप्स ने दिलाई सफलता : दिव्यांश ने ईटीवी भारत को बताया कि साल 2018 में जब मैंने आईएसएस परीक्षा पास की थी, तब मेरी आल इंडिया रैंक 11 थी. दीदी के अधिकारी बनने के बाद मेरा सलेक्शन होने पर भी डबल खुशी मनाई गई थी. आज वह दृश्य फिर से दोहराया जा रहा है. दिव्यांश बताते हैं कि वह हमेशा से ही पढ़ाई में टॉपर रहे हैं. बारहवीं के बाद आईआईटी मेंस परीक्षा निकाली लेकिन एडवांस नहीं निकला तो इंजीनियरिंग छोड़कर बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से बीएससी और फिर एमएससी की पढ़ाई पूरी की. वहां भी गोल्ड मेडलिस्ट रहा. दीदी से हमेशा टिप्स लेता रहे और फिर एमएससी फाइनल ईयर के दौरान ही भारतीय सांख्यिकी सेवा में चयनित हो गया.

अफसर ने बताई सफलता की कहानी. (Video Credit; ETV Bharat)

दो बार की असफलता से सीख लेकर ओम भी बने अफसर : वहीं बड़े भाई दिव्यांश के साथ मौजूद ओम शुक्ला ने बताया कि उनके लिए आईएसएस के सफर में दोहरा दबाव था. जहां घर में बड़ा भाई और बड़ी बहन अधिकारी बन गए हों, वहां परिवार की अपेक्षा मुझसे भी थी कि मैं भी अधिकारी बनू. दो बार भारतीय सांख्यिकी सेवा में सफलता न मिलने पर निराश था, लेकिन मां और भाई को विश्वास था कि मैं जरूर सफल रहूंगा. शायद यही ओम को निरंतर मेहनत करने की हिम्मत देती रही. ओम शुक्ला ने भी अपने भाई और बहन की तरह पहले बीएससी और फिर एमएससी की पढ़ाई पूरी कर संघ लोक सेवा आयोग के लिए तैयारी करनी शुरू कर दी थी. आज वह अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार और गुरुओं को देते हैं.

यह भी पढ़ें : पहले IIT से इंजीनियरिंग, फिर IIM से MBA, अब सिविल सर्विस में 20वीं रैंक लाकर IAS बने

Last Updated : Dec 16, 2024, 6:54 PM IST
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