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छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा गिरने के मामले में ठेकेदार और कंसल्टेंट के खिलाफ FIR, सीएम ने जताई नाराजगी - Maharashtra Shivaji Statue Collapse

Maharashtra Shivaji Statue Collapse: पीएम मोदी ने 4 दिसंबर को नौसेना दिवस के समारोह के दौरान इस 35 फुट ऊंची प्रतिमा का उद्घाटन किया था.

MAHARASHTRA SHIVAJI STATUE COLLAPSE
छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा गिरने के मामले में ठेकेदार और कंसल्टेंट के खिलाफ FIR (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 27, 2024, 7:32 AM IST

मुंबई: महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फुट ऊंची प्रतिमा गिरने के मामले में कार्रवाई की गई है. महाराष्ट्र पुलिस ने ठेकेदार जयदीप आप्टे और स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट चेतन पाटिल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. इस FIR में लापरवाही और काम की खराब क्वलिटी के साथ-साथ आसपास रह रहे स्थानीय लोगों को नुकसान पहुंचाने के आरोप लगाए गए हैं.

जानकारी के मुताबिक जयदीप आप्टे कल्याण में रहते हैं और चेतन पाटिल कोल्हापुर के निवासी हैं. बता दें, शिवाजी की प्रतिमा गिरने के मामले में असिस्टेंट इंजीनियर और पीडब्ल्यूडी के अधिकारी अजीत पाटिल ने यह एफआईआर दर्ज करवाई है.

प्रधानमंत्री मोदी ने किया था उद्घाटन
सिंधुदर्ग में छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा का उद्घाटन 4 दिसंबर को पीएम मोदी ने किया था. बता दें, नौसेना दिवस के समारोह के मौके पर पीएम मोदी ने यह उद्घाटन किया था. शिवाजी की 35 फुट ऊंची प्रतिमा एक किले में स्थापित की गई है.

सीएम और नौसेना ने जताई चिंता
इससे पहले, भारतीय नौसेना ने सोमवार सुबह छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा को हुए नुकसान पर गहरी चिंता व्यक्त की. भारतीय नौसेना ने कहा कि राज्य सरकार और संबंधित विशेषज्ञों के साथ, नौसेना ने इस दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना के कारणों की तुरंत जांच करने और जल्द से जल्द प्रतिमा की मरम्मत, पुनर्स्थापना और पुनर्स्थापना के लिए कदम उठाने के लिए एक टीम की नियुक्ति की है. राज्य के सीएम एकनाथ शिंदे ने भी छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के गिरने की घटना को 'दुर्भाग्यपूर्ण' बताया और कहा कि लोक निर्माण विभाग और नौसेना के अधिकारी बुधवार 27 अगस्त को घटनास्थल का दौरा करेंगे और कारणों की जांच करेंगे.

शिंदे ने कहा कि तेज हवाओं के कारण मूर्ति गिर गई और क्षतिग्रस्त हो गई. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार इस घटना के पीछे के कारणों का पता लगाएगी और छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति को उसी स्थान पर पुनः स्थापित करेगी. शिंदे ने आगे कहा कि यह मूर्ति भारतीय नौसेना ने स्थापित की थी. उन्होंने ही इसे डिजाइन भी किया था, लेकिन करीब 45 किलोमीटर प्रति घंटे की तेज हवा से यह गिर गई और क्षतिग्रस्त हो गई. मैंने घटना के बारे में सुनते ही लोक निर्माण मंत्री रवींद्र चव्हाण को घटनास्थल पर भेजा. इस बीच, एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने मूर्ति बनाने वाले ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.

मूर्ति गिरने को लेकर राजनीति
वहीं, छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने से राजनीति गरमा गई है. उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विपक्ष पर निशाना साधा और कहा कि जो लोग इस तरह के मामले में राजनीति कर रहे हैं, वे मूर्ख हैं. उन्होंने कहा कि नौसेना की मदद से इस स्थान पर छत्रपति शिवाजी महाराज की भव्य मूर्ति स्थापित की जाएगी. फडणवीस ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति का गिरना हम सभी के लिए बहुत दुखद घटना है. इस घटना ने सभी के दिल में दर्द पैदा किया. इस पर जो राजनीति हो रही है, वह बहुत दुखद है.

आशीष शेलार ने मांगी माफी
इधर, भाजपा की मुंबई इकाई के अध्यक्ष एडवोकेट आशीष शेलार ने राज्य सरकार की ओर से जनता से माफी मांगी है. उन्होंने कहा, "मैं कोई राजनीतिक टिप्पणी नहीं करना चाहता. यह घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. पूरे महाराष्ट्र को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा है और यह शर्मनाक है. इस संबंध में वास्तव में क्या हुआ, कौन दोषी है, इसकी जांच की जाएगी. सच सामने आने पर कार्रवाई की जाएगी. हम राज्य के लोगों से माफी मांगते हैं."

पढ़ें: छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढही, विपक्ष ने शिंदे सरकार पर साधा निशाना, इतिहासकार भड़के

मुंबई: महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फुट ऊंची प्रतिमा गिरने के मामले में कार्रवाई की गई है. महाराष्ट्र पुलिस ने ठेकेदार जयदीप आप्टे और स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट चेतन पाटिल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. इस FIR में लापरवाही और काम की खराब क्वलिटी के साथ-साथ आसपास रह रहे स्थानीय लोगों को नुकसान पहुंचाने के आरोप लगाए गए हैं.

जानकारी के मुताबिक जयदीप आप्टे कल्याण में रहते हैं और चेतन पाटिल कोल्हापुर के निवासी हैं. बता दें, शिवाजी की प्रतिमा गिरने के मामले में असिस्टेंट इंजीनियर और पीडब्ल्यूडी के अधिकारी अजीत पाटिल ने यह एफआईआर दर्ज करवाई है.

प्रधानमंत्री मोदी ने किया था उद्घाटन
सिंधुदर्ग में छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा का उद्घाटन 4 दिसंबर को पीएम मोदी ने किया था. बता दें, नौसेना दिवस के समारोह के मौके पर पीएम मोदी ने यह उद्घाटन किया था. शिवाजी की 35 फुट ऊंची प्रतिमा एक किले में स्थापित की गई है.

सीएम और नौसेना ने जताई चिंता
इससे पहले, भारतीय नौसेना ने सोमवार सुबह छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा को हुए नुकसान पर गहरी चिंता व्यक्त की. भारतीय नौसेना ने कहा कि राज्य सरकार और संबंधित विशेषज्ञों के साथ, नौसेना ने इस दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना के कारणों की तुरंत जांच करने और जल्द से जल्द प्रतिमा की मरम्मत, पुनर्स्थापना और पुनर्स्थापना के लिए कदम उठाने के लिए एक टीम की नियुक्ति की है. राज्य के सीएम एकनाथ शिंदे ने भी छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के गिरने की घटना को 'दुर्भाग्यपूर्ण' बताया और कहा कि लोक निर्माण विभाग और नौसेना के अधिकारी बुधवार 27 अगस्त को घटनास्थल का दौरा करेंगे और कारणों की जांच करेंगे.

शिंदे ने कहा कि तेज हवाओं के कारण मूर्ति गिर गई और क्षतिग्रस्त हो गई. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार इस घटना के पीछे के कारणों का पता लगाएगी और छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति को उसी स्थान पर पुनः स्थापित करेगी. शिंदे ने आगे कहा कि यह मूर्ति भारतीय नौसेना ने स्थापित की थी. उन्होंने ही इसे डिजाइन भी किया था, लेकिन करीब 45 किलोमीटर प्रति घंटे की तेज हवा से यह गिर गई और क्षतिग्रस्त हो गई. मैंने घटना के बारे में सुनते ही लोक निर्माण मंत्री रवींद्र चव्हाण को घटनास्थल पर भेजा. इस बीच, एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने मूर्ति बनाने वाले ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.

मूर्ति गिरने को लेकर राजनीति
वहीं, छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने से राजनीति गरमा गई है. उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विपक्ष पर निशाना साधा और कहा कि जो लोग इस तरह के मामले में राजनीति कर रहे हैं, वे मूर्ख हैं. उन्होंने कहा कि नौसेना की मदद से इस स्थान पर छत्रपति शिवाजी महाराज की भव्य मूर्ति स्थापित की जाएगी. फडणवीस ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति का गिरना हम सभी के लिए बहुत दुखद घटना है. इस घटना ने सभी के दिल में दर्द पैदा किया. इस पर जो राजनीति हो रही है, वह बहुत दुखद है.

आशीष शेलार ने मांगी माफी
इधर, भाजपा की मुंबई इकाई के अध्यक्ष एडवोकेट आशीष शेलार ने राज्य सरकार की ओर से जनता से माफी मांगी है. उन्होंने कहा, "मैं कोई राजनीतिक टिप्पणी नहीं करना चाहता. यह घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. पूरे महाराष्ट्र को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा है और यह शर्मनाक है. इस संबंध में वास्तव में क्या हुआ, कौन दोषी है, इसकी जांच की जाएगी. सच सामने आने पर कार्रवाई की जाएगी. हम राज्य के लोगों से माफी मांगते हैं."

पढ़ें: छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढही, विपक्ष ने शिंदे सरकार पर साधा निशाना, इतिहासकार भड़के

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