मुंबई: महाराष्ट्र में पिछले कुछ दिनों से मराठवाड़ा से लेकर विदर्भ तक हर जगह भारी बारिश हो रही है. मौसम विभाग ने मुंबई, कोंकण और पुणे में अलर्ट जारी किया है. साथ ही मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि अगले 48 घंटों में राज्य में बारिश की तीव्रता बढ़ेगी. इस बीच भारी बारिश की संभावना को देखते हुए पुणे शहर के सभी स्कूल और कॉलेजों में छुट्टी घोषित कर दी गई है.
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार आज कोंकण तट और पश्चिमी घाट पर भारी बारिश की संभावना है. इसके साथ ही पुणे और सतारा में भी भारी बारिश के आसार हैं. इसे देखते हुए मौसम विभाग ने इन दो जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है. नासिक, अहमदनगर और उत्तरी महाराष्ट्र के तटीय इलाकों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. मौसम विभाग ने कहा है कि पश्चिमी घाट में भी भारी बारिश की संभावना है. ऐसे में पर्यटन के लिए जाने वाले नागरिकों से सावधानी बरतने का आग्रह किया गया है.
मुंबई में बीती रात से भारी बारिश हो रही है. इसका असर अब मुंबई में परिवहन सेवा पर देखने को मिल रहा है. मुंबई की लाइफलाइन कही जाने वाली सेंट्रल रेलवे का ट्रैफिक 15 से 20 मिनट और वेस्टर्न रेलवे का ट्रैफिक 5 से 10 मिनट देरी से चल रहा है. वहीं दूसरी ओर निचले इलाकों में पानी जमा होना शुरू हो गया है. साथ ही मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में मुंबई में भारी बारिश की संभावना जताई है. इसे देखते हुे मुंबई के लिए येलो अलर्ट जारी किया है. बारिश के साथ तूफान की संभावना के चलते नंदुरबार, धुले, जलगांव, चंद्रपुर, वर्धा, नागपुर, अमरावती जिलों के लिए भी येलो अलर्ट जारी किया गया है.
कोयना बांध के जलग्रहण क्षेत्र में भारी बारिश के कारण बांध में जल संग्रह बढ़कर 75 टीएमसी हो गया. बृहस्पतिवार शाम 4 बजे बांध के गेट एक फीट 6 इंच खोले जाएंगे. इन बांधों के खोले जाने से कुल 11,500 क्यूसेक पानी कोयना नदी बेसिन में छोड़ा जाएगा.
कोयना डैम जलग्रहण क्षेत्र के कोयनानगर, नावजा और महाबलेश्वर में चौबीस घंटे में रिकॉर्ड 707 मिलीमीटर बारिश हुई. इसके कारण बांध में 75 हजार क्यूसेक प्रति सेकंड की दर से पानी आ रहा है. एक रात में जलभंडार में 4 टीएमसी की बढ़ोतरी हुई और जलभंडार 75 टीएमसी तक पहुंच गया. 24 घंटे में कोयनानगर में 163, नावजा में 237 और महाबलेश्वर में 307 मिमी बारिश दर्ज की गई.
कोयना और कृष्णा नदियां पूरे उफान पर है. इसके अलावा कोयना डैम के तलहटी में स्थित पावर प्लांट से पिछले दो दिनों में 1050 क्यूसेक पानी छोड़ा गया. इससे नदियों का जलस्तर बढ़ गया है. अब जबकि डैम के गेट खोल दिए जाएंगे और कुल 11 हजार 50 क्यूसेक पानी छोड़ा जाएगा, कोयना और कृष्णा नदियों के किनारों पर बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. कोयना बांध से पानी छोड़े जाने के कारण कृष्णा नदी में बाढ़ का स्तर और बढ़ जाएगा. बुधवार को ही सांगली के शहरी इलाकों में पानी घुस गया. इसके कारण लोगों ने बेहतर जगह की ओर पलायन करना शुरू कर दिया.