नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार से मुलाकात की और 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे से जुड़े मुद्दों को सुलझाया. तीनों नेता सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के सीट बंटवारे के बारे में परामर्श के लिए एक सप्ताह के भीतर दूसरी बार दिल्ली पहुंचे थे. सीट बंटवारे पर शिवसेना और भाजपा दोनों के दावों वाले कुछ क्षेत्रों पर मतभेद के कारण मामला अटका हुआ था.
महायुति गठबंधन के नेताओं के साथ गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर लंबी बैठक केबाद अंदरखाने ये बात निकल कर आई है कि, अमित शाह ने सीएम एकनाथ शिंदे और अजित पवार को सलाह देते हुए कहा है कि, महायुति में शामिल दल के बागी चुनाव नहीं लड़े. शाह ने यह भी कहा कि तीनों दल-बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी मिलकर चुनाव लड़ें.
सूत्रों की माने तो गृह मंत्री शाह ने ये भी सलाह दी कि गठबंधन के पार्टियां अपने-अपने दलों के संभावित बागी नेताओं को पहले ही बात करें उनकी शिकायतो का हल बातचीत के माध्यम से निकालें. मीटिंग के बाद सूत्रों से जो बातें निकल कर आईं, उसमें ये बात कही जा रही कि, महायुति एक साझा घोषणापत्र भी चुनाव से पहले लेकर आएगी जिसमें सभी महायुति की पार्टियों का नाम होगा. साथ ही जिन 23 सीटों पर पेंच फंस रही थी उस पर भी सहमति बन जाने की बात निकल कर सामने आई है.
हरियाणा में कई नेता टिकट बंटवारे के बाद बागी होकर चुनावी मैदान में उतर गए थे और पार्टी की मुश्किलें बढ़ा दी थीं. हालांकि पार्टी तीसरी बार वहां सत्ता में आई, बावजूद इसके भाजपा नहीं चाहती कि ऐसी स्थिति महाराष्ट्र में देखने को मिले. सूत्रों के अनुसार महाराष्ट्र को लेकर गुरुवार को जो दिल्ली में बैठक हुई उसमें ये बात भी निकल कर आई कि महायुति की तीनों पार्टियां मिलकर एक साझा घोषणा पत्र भी लाएंगे.
महाराष्ट्र लोकसभा चुनाव में महायुति का प्रदर्शन ठीक नहीं रहा था इसलिए इस बार के विधानसभा चुनाव में पार्टी एक मैसेज देना चाहती है. वह यह है कि, गठबंधन में कोई परेशानी नहीं है और सभी पार्टियां जीतकर सरकार दोबारा बनाने जा रहीं है. पिछले चुनाव में महायुति में अजित पवार की पार्टी शामिल नहीं थी. इस बार 23 सीटें ऐसी हैं जिनमें शिंदे की पार्टी चुनाव लडना चाहती है, मगर सिटिंग विधायक अजीत पवार की पार्टी के है, इसलिए इन सीटों पर पेंच फंस रहा है.
इस बैठक में साफ तौर पर अमित शाह ने ये संदेश दिया कि हर हाल में जीत सुनिश्चित की जाए और बागियों को रोका जाए, मुख्य उद्देश्य गठबंधन का यही होना चाहिए और जनता के बीच ये संदेश ना जाए कि गठबंधन या सीटों को लेकर कोई भी मतभेद है. सिर्फ जीत सुनिश्चित कर ही आगे बढ़ें.
संदेश साफ है कि, इस निर्देश के बाद अब सभी पार्टियां के नेता महाराष्ट्र लौट चुके हैं और और वो अपने कैंपेन में जी जान से लगेगें,ताकि दिल्ली के संदेश को अमलीजामा पहनाया जा सके. हालांकि महाराष्ट्र को लेकर महायुति लोकसभा चुनाव के बाद से ही काफी फूंक-फूंक कर कदम रख रही है ताकि लोकसभा की कोई भी गलती दोहराई ना जा सके.
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