नई दिल्ली: भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव, ओबीसी वर्ग से आने वाले पूर्व मंत्री विनोद तावड़े अब ये दावा कर रहे कि उन्हें साजिश के तहत फंसाया गया है, लेकिन ये साजिश आखिर किसकी थी. क्या मात्र विरोधी पार्टी के नेता ही इस घटना के पीछे थे या फिर इसके पीछे पार्टी के कुछ नेताओं के बीच आंतरिक प्रतिद्वंदिता भी थी.
यदि देखा जाए तो मीडिया रिपोर्ट में शुरू से ही गाहे बगाहे विनोद तावड़े का नाम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की रेस में सामने आता रहा है. वहीं जब से महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की घोषणा हुई तभी से महायुति की तरफ से सीएम रेस में भी उनका नाम शामिल किया जा रहा था. मगर इस घटना के बाद अब इन पदों के लिए रेस में तो दूर, अब पार्टी शायद ही कोई प्रमुख जिम्मेदारी आगे दे. ऐसी भी आशंका राजनीतिक जानकार बता रहे हैं.
मंगलवार को मुंबई के पास नालासोपारा में एक होटल में उस समय अफरा-तफरी मच गई जब बहुजन विकास अघाड़ी (बीवीए) के सदस्यों ने भाजपा नेता विनोद तावड़े पर पैसे बांटने का आरोप लगाया. वरिष्ठ नेता तावड़े को बीवीए कार्यकर्ताओं के साथ वाकयुद्ध के बीच तीन घंटे से अधिक समय तक होटल के अंदर ही रहना पड़ा.
हालांकि भाजपा और खुद पार्टी के नेता तावड़े ये चुनौती दे रहे हैं कि यदि इस आरोप में कुछ भी सच्चाई है तो सीसीटीवी फुटेज निकाला जाए और इस घटना की जांच कराई जाए, मगर इतना तो तय है कि मंगलवार से बुधवार तक भाजपा नेताओं को कई बार प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर सफाई देनी पड़ी.
हालांकि पार्टी के सूत्रों की मानें तो भाजपा के प्रवक्ताओं को इस मुद्दे पर मीडिया में बयान देने से मनाही की गई है, मगर पार्टी प्लेटफॉर्म पर आधिकारिक प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सफाई जरूर दी जा रही है.
एग्जिट पोल से धूमिल हुआ मुद्दा
जाहिर है कि पार्टी ने बिटकॉइन के मुद्दे पर विपक्ष पर आरोप लगाकर अब इस चर्चा को दूसरी तरफ मोड दिया है और एग्जिट पोल के आंकड़ों ने भी अब इस मुद्दे को कुछ धूमिल कर दिया है, लेकिन पार्टी के भीतर चर्चा और सवाल जो उठ रहे हैं कि यह आरोप महायुति के किन किन नेताओं को फायदा पहुंचाएगा. किन्हें तावड़े के सीएम रेस से बाहर होने पर राहत मिलेगी. राष्ट्रीय अध्यक्ष के उम्मीदवारों में से भी एक नाम घट जाने पर बाकी उम्मीदवारों की उम्मीदें कैसे बढ़ जाएंगी. ये अनसुलझे सवाल हैं, जो इस घटना के बाद सवाल जरूर खड़े कर दिए हैं.
भाजपा प्रवक्ताओं का कुछ भी बोलने से इनकार
हालांकि इस मुद्दे पर पूछे जाने पर भाजपा के कई प्रवक्ताओं ने कुछ भी बोलने से मान कर दिया. मगर महाराष्ट्र से ताल्लुक रखने वाले पार्टी के ही एक राष्ट्रीय प्रवक्ता ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा कि यह साजिश तो है अगर अपनों की नहीं बल्कि विरोधियों की.
लेकिन पार्टी के भीतर जो चर्चा और सवाल उठाए जा रहे हैं कि आखिर यह बात बीवीए के कार्यकर्ताओं को किसने बताई कि होटल में तावड़े बैठक कर रहे हैं, बिल्कुल सटीक समय में बीवीए के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने होटल पर कैसे धावा बोला, जहां बूथ मैनेजमेंट को लेकर तावड़े ने बैठक बुलाई थी. जिसमें बूथ लेवल के नेता और पन्ना प्रमुख आने वाले थे और बूथ से संबंधित खर्चा पानी उन्हें दिया जाता. यह सटीक जानकारी विरोधियों को किसने दी. ये तमाम बातें ऐसी हैं जिसपर बुधवार को पूरे दिन दिल्ली में भाजपा मुख्यालय में भी चर्चा गरम रही. मगर सभी दबी जुबान में ही बात करते नजर आए.
बहरहाल इस संबंध में चुनाव आयोग ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज कराई है. तावड़े के साथ-साथ बीजेपी उम्मीदवार राजन नाइक के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई है.
बवाल के बीच बहुजन विकास अघाड़ी के प्रमुख हितेंद्र ठाकुर और उनके साथ उनके बेटे क्षितिज ठाकुर, जो नालासोपारा से विधायक और उम्मीदवार भी हैं, उनके तुरंत चुनाव प्रचार छोड़कर होटल पहुंचने पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं. मगर इन तमाम अनसुलझे सवाल पर एग्जिट पोल के नतीजे हावी होते दिख रहे, जिसे भाजपा अब बढ़-चढ़कर दावे कर रही.
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