मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 एकनाथ शिंदे के लिए महत्वपूर्ण रहा है, खासकर उनके गढ़ कोपरी-पचपाखड़ी सीट पर. इस निर्वाचन क्षेत्र में त्रिकोणीय मुकाबला है. फिलहाल यहां से एकनाथ शिंदे बढ़त बनाए हुए हैं. चुनाव आयोग के मुताबिक वह 5000 से ज्यादा वोटों से आगे चल रहे हैं.
मौजूदा विधायक एकनाथ शिंदे का मुकाबला उनके दिवंगत गुरु आनंद दिघे के भतीजे केदार दिघे और निर्दलीय मनोज शिंदे से है, जिन्हें हाल ही में पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए कांग्रेस से निकाल दिया गया था. कोपरी-पचपाखड़ी का महत्व सिर्फ एकनाथ शिंदे के लिए ही नहीं है, बल्कि उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना (यूबीटी) के लिए भी है.
लोकसभा चुनाव सीट पर कड़ा मुकाबला
2024 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर काफी कड़ी टक्कर देखने को मिली थी, जहां शिंदे के गुट के नरेश म्हास्के ने यूबीटी के मौजूदा सांसद राजन विचारे को इस सीट पर काफी बढ़त के साथ हराया था. इस जीत ने इस क्षेत्र में शिंदे के दबदबे को और मजबूत किया और विधानसभा चुनावों के लिए मंच तैयार किया.
एकनाथ शिंदे की राजनीतिक यात्रा ठाणे से ही शुरू हुई थी, जहां वे 2004 में एक जमीनी नेता से विधायक बने. कोपरी-पचपाखड़ी विधानसभा बनने के बाद उन्होंने अपनी सीट बरकरार रखी और 2009, 2014 और 2019 में लगातार तीन बार जीत हासिल की.
2022 में शिवसेना में विभाजन शिंदे के करियर में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ. उद्धव ठाकरे के खिलाफ विद्रोह का नेतृत्व करते हुए शिंदे ने बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा को कायम रखने का दावा किया. भारतीय जनता पार्टी के समर्थन से उनके गुट ने सरकार बनाई और शिंदे ने मुख्यमंत्री के रूप में पदभार संभाला. शिवसेना (UBT) ने उन्हें 'देशद्रोही' करार दिया.
कोपरी-पचपाखड़ी निर्वाचन क्षेत्र
कोपरी-पचपाखड़ी में केदार दिघे का उपनाम आनंद दिघे की विरासत को दर्शाता है, जो ठाणे की राजनीति में एक बड़े नाम और शिंदे के राजनीतिक गुरु हैं. निर्दलीय उम्मीदवार मनोज शिंदे के मैदान में उतरने से मुकाबले में एक और आयाम जुड़ गया, जिससे वोटों में विभाजन की संभावना बढ़ गई थी.
यह भी पढ़ें- देवेंद्र फडणवीस नागपुर दक्षिण पश्चिम सीट से आगे, शुरुआती रुझानों में बढ़त